BIG NEWS: तेज बारिश में धुला काला सोना, तो ओलावृष्टि से मुरझाई फसल, चेहरे पर छाई मायूसी, तो काश्तकार पहुंचे CBN कार्यालय, सौपा ज्ञापन, की ये बड़ी मांग, पढ़े खबर

तेज बारिश में धुला काला सोना, तो ओलावृष्टि से मुरझाई फसल, चेहरे पर छाई मायूसी, तो काश्तकार पहुंचे CBN कार्यालय, सौपा ज्ञापन, की ये बड़ी मांग, पढ़े खबर

BIG NEWS: तेज बारिश में धुला काला सोना, तो ओलावृष्टि से मुरझाई फसल, चेहरे पर छाई मायूसी, तो काश्तकार पहुंचे CBN कार्यालय, सौपा ज्ञापन, की ये बड़ी मांग, पढ़े खबर

नीमच। प्राकृतिक आपदा और औलावृष्टि के बाद अफीम की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। जिससे किसानों के चैहरे पर मायूसी देखने को मिली। ऐसे में बड़ी संख्या में किसान नार्कोटिक्स कार्यालय पहुंचे, और ज्ञापन सौंपते हुए मौका निरीक्षण और अफीम के औसत में छूट प्रदान करने की मांग की है। 

जानकारी के अनुसार नीमच जिले के ग्राम मात्याखेड़ी के किसान बुधवार को कैंद्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरों कार्यालय पहुंचे। जहां अफीम काश्तकारों ने संयुक्त रूप से उप नार्कोटिक्स आयुक्त के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने बताया कि अफीम विभाग द्वारा जारी अफीम लायसेंस के पटटे अनुसार वर्ष 2021-22 में अफीम फसल बोई है। इस दौरान अफीम फसल में अधिकांश किसानों द्वारा लुनाई-चिराई का कार्य भी शुरू कर दिया गया है, और कुछ किसानों की फसल में चिराई का समय भी आ गया है। 

लेकिन बीती दिनांक- 8 मार्च की रात जिले में प्राकृतिक आपदा ने अपना प्रकोप दिखाया, और औलावृष्टि के साथ मुसलाधार बारिश भी हुई, ऐसे में जिस भी खड़ी अफीम फसल में काश्तकारों द्वारा चिराई की गई, वह बारिश के पानी से धूल गई, जिसके चलते भारी नुकसान हुआ। साथ ही फसल में ओलावृष्टि के रोग आने की भी पूरी संभावना है। इसके अलावा फसल हवा-पानी और औले से खेत में ही गिरती हुई आड़ी हो गई। ऐसे में काश्तकारों ने विभाग द्वारा मांगी गई औसत अफीम की पूर्ति होना संभव नहीं है। 

इसी कारण काश्तकार मांग करते है कि बारिश और औलावृष्टि व हवा से अफीम फसल को हुए नुकसान का मौका मुआयना विभाग के सक्षम अधिकारियों से कराया जाए, और अफीम की औसत मात्रा में छूट प्रदान की जाए। जिससे की काश्तकारों को थोड़ी राहत मिल सकें। 

इस अवसर पर किसान बंशीलाल, इंदरमल, जगदीश, संग्रामसिंह, बाबुलाल, गोविन्द सिंह, लालाराम, कालुसिंह, भीमसिंह, सौदान सिंह, पुरनमल, हुकम सिंह, दिलीप, देवीलाल, हरिसिंह गुर्जर, कन्हैयालाल, द्वारका, संजय, ताराचंद्र, अमरसिंह, नेपाल सिंह, राम सिंह और लक्ष्मण सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहें।