NEWS: अनिश्चित कालीन हड़ताल का 10 वां दिन, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बने भांजे-भांजियां, CM शिवराज की इस अंदाज में उतारी आरती, की पूजा-अर्चना, पढ़े खबर

अनिश्चित कालीन हड़ताल का 10 वां दिन, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बने भांजे-भांजियां, CM शिवराज की इस अंदाज में उतारी आरती, की पूजा-अर्चना, पढ़े खबर

NEWS: अनिश्चित कालीन हड़ताल का 10 वां दिन, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बने भांजे-भांजियां, CM शिवराज की इस अंदाज में उतारी आरती, की पूजा-अर्चना, पढ़े खबर

मंदसौर। अनिश्चित कालीन हड़ताल के 10 वें दिन आज दिनांक- 24 दिसंबर को समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा मुख्यमंत्री की आरती कर, मान मनवार की। इस दौरान उन्होंने कहा, मामाजी अब तो हमारी प्रार्थना सुन लीजिए और हमारे क्षेत्र के केबिनेट मंत्री जगदीश देवड़ा को हरी झंडी दिखाए और हम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी को नियमित करे। हम प्रार्थी आपका भरपूर सम्मान करते है, आरती उतार रहे है, भोपाल जून 2018 में सरकार (सामान्य प्रशासन विभाग) ने संविदा नीति घोषित की थी। जिसमें आपने साफ कहा था कि संविदा कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित किया जाएगा और जो नियमित नहीं किए जा सकेंगे। उन्हें नियमित के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतन दिया जाएगा। 

इस दौरान सरकार बदल गई और फिर से भाजपा की सरकार आ गई लेकिन चार वर्ष बाद भी संविदा सचएक्सप्रेस नीति का पालन नहीं हो सका है । कई विभागों में नीति पर थोड़ा बहुत काम हुआ सरकार से हुई चर्चा विफल , विभागीय मंत्री ने मांगा था समय न लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में न तो एक भी संविदा कर्मचारी नियमित किया जा सका है और न ही किसी को नियमित के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतन दिया जा रहा है। अपनी इस मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे कर्मचारी इस बार आर - पार की लड़ाई के मूड में है।

लेकिन आपने आज तक नही सोचा की इतने कम वेतन हम अपने परिवार को पालने में सक्षम नहीं है, इतने वेतन में परिवार की पालना, बच्चों को पढ़ाना, घर पर बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य हेतु राशन ओर सभी जरुरते, ये सब होना संभव नहीं है, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है । मंदसौर में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भाई और बहनें अपने बच्चों के साथ मैदान में डटी हुई हैं और उनका कहना है कि सरकार हमारे साथ जो दोहरा व्यवहार कर रही है जो की कदाचित उचित नहीं है, हमारे साथी आज की महंगाई की मार में 8000 रुपए मासिक वेतन पर भी कार्य कर रहे है, जिसमे परिवार का भरण पोषण होना संभव नहीं है, अगर सरकार हमारे साथ वेतन देने में दोहरा व्यवहार कर रही है तो परिवार के लिए आवश्यक हर सामग्री में भी दोहरा व्यवहार करके आधी दरों पर मुहैया कराए, जिससे हम लोग, कम वेतन पर अपना परिवार पाल सके

अब लड़ाई लंबी और आर - पार की लड़ी जाएगी । विदित रहे कि वर्ष 2018 की कैबिनेट की स्वास्थ्य नीति और नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर में स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं । लगभग आधा दर्जन अलग - अलग संवर्ग के आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार को हमें अब नियमित कर देना चाहिए । हमारे कुछ साथी लगभग 20 साल से विभाग में नौकरी कर रहे हैं और विपरीत परिस्थितियों (corona काल) में भी रात दिन एक करके हुए कार्य किया। इस संवाददाता से चर्चा के दौरान आंदोलनकारियों ने बताया कि जब भी प्रदेश में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी आपदा आई है , भले ही वह कोरोनावायरस से पहले दूसरी तमाम महामारी हो, हम सरकार के साथ हरदम हर कदम पर खड़े नजर आए। 

कई कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछले 10 से लेकर 20 सालों से अनियमित कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह न तो सुविधा मिल रही है और ना ही संसाधन मुहैया हो पा रहे हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति खराब है । धूप , ठंड , गर्मी , बारिश, कितनी भी दूरी हो स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी कर्तव्य निष्ठा के साथ हर मोर्चे पर अडिग हैं । अब सरकार को भी कम से कम इन स्वास्थ्य कर्मचारियों का ख्याल रखना चाहिए, कई जगह बहुत कम कर्मचारी, बहुत सारी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं! अतः सरकार को हमें नियमित तो करना ही चाहिए । साथ ही साथ बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी जो कि सेवानिवृत्त हो चुके हैं , उन के रिक्त पदों को भी भरना चाहिए और स्वास्थ्य सेवाओं को संतुलित करना चाहिए  

महोदय जी लोक स्‍वास्‍थ्‍य परिवार कल्‍याण विभाग के अंतर्गत राष्‍ट्रीय स्‍वास्थ्‍य मिशन मध्‍यप्रदेश में लगभग 32000 संविदा स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारी कार्यरत है जो की विगत 20 वर्षो से लगातार कार्यरत है जिन्‍होने कोरोना काल के दौरान भी अपनी जान हथेली पर रखकर लगातार स्‍वास्‍थ्‍य सेवाऐ दी है जिसमें अपने कई साथियों को भी खोया है।