BIG NEWS: बारिश की कमी से क्षेत्र की 70 प्रतिशत फसले बर्बाद, अगर नहीं बरसे बदरा, तो सब कुछ खत्म...! पढ़े कैलाश विश्वकर्मा की खबर

बारिश की कमी से क्षेत्र की 70 प्रतिशत फसले बर्बाद

BIG NEWS: बारिश की कमी से क्षेत्र की 70 प्रतिशत फसले बर्बाद, अगर नहीं बरसे बदरा, तो सब कुछ खत्म...! पढ़े कैलाश विश्वकर्मा की खबर

शामगढ़। बारिश की खीच से हर कोई परेशान है अब तक तो बारिश के आने की आस भी थी परंतु पिछले एक माह से जरा भी पानी नहीं गिरने के कारण अब किसान तनाव में आ गए हैं l भारत में कृषि को मानसून का जुआ यूं ही नहीं कहा जाता है यह वास्तव में मानसून का जुआ है यह इस वर्ष मानसून ने सिद्ध कर दिया है l जैसे जुवे  में इंसान की हार जीत कुछ भी निश्चित नहीं है जितने में करोड़ों लाखों जीत जाए और हारने में अपना घर परिवार मान सम्मान सब चला जाता है l ऐसा ही कुछ होने की आशंका में किसानों की रंगत उड़ी हुई है। 

भगवान इंद्र की नाराजगी के बाद क्षेत्र के किसानों के साथ अनहोनी होने की आशंका है l मानसून अपने नाम को सार्थक करने पर आमादा है जहां 2019 में असीमित अतिवृष्टि कर किसी की नहीं सुनी थी और बारिश ने सारी फैसले चौपट कर दी थी इसके उलट  2023 में बादल बरसने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है यह न किसी की मान रहा है ना सुन रहा है l बारिश के सारे टोटके जैसे उजमनी,खेड़ा देव पूजन, जिंदा आदमी की अर्थी,जन प्रतिनिधि को गधे पर बिठाकर घुमाया गया गधों को गुलाब जामुन खिलाना सारे जतन असफल हो चुके हैं टोटके करने वाले लोग अब थक हार कर  अब भगवान भरोसे बैठ गए हैं l 

पिछले एक माह से क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है l सूर्य अपने विकराल रूप में गर्मी की तपिश से फसलों को बर्बाद करने पर आमादा दिख रहा है l वैज्ञानिकों की पंडितों की सारी भविष्यवाणी या धरी की धरी रह गई है l एक बुरी खबर मौसम विभाग द्वारा यह भी जारी कर दी गई है कि 2 सितंबर तक देश के 21 राज्यों में बारिश होने के बिल्कुल भी आशा नहीं है l क्षेत्र के किस रक्षाबंधन त्यौहार ना मानते हुए खेत पर लाइट का इंतजार कर रहे हैं की लाइट आए और फसलों को पानी पिलाई उसे पर सूर्यनारायण की तपिश ने खेतों को जो पानी पिलाया वह पल भर में सुख रहा है। 

किस को समझ में नहीं आ रहा है कि किस तरह अपनी फसल बचाई जाए जैसे तैसे कर्जा लेकर किस फसल को बोया था अब वह फसल सामने दम तोड़ रही है खाने को तो सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के पानी की टेस्टिंग भी हो चुकी है परंतु चंबल का पानी खेतों तक पहुंचने में अभी महीनो की देर है lअभी वर्तमान में किसान को पानी रूपी ऑक्सीजन की आवश्यकता है जो कहीं से भी मिलती भी नहीं  दिख रही है l हमारी टीम सुवासरा विधानसभा के ग्राम कुरावन में समाचार की पड़ताल करने गई जहा से यह ग्राउंड रिपोर्टिंग की जा रही है

इनका कहना- 

कर्ज लेकर फसल बोई है सोयाबीन के भाव भी बाजार में नहीं है l कमलनाथ ने जिस तरह बिना सर्वे किया मुआवजा दिया था शिवराज सरकार को भी मुआवजा तुरंत देना चाहिए lआज राखी का त्यौहार है हम त्यौहार ना मानते हुए लाइट का इंतजार कर रहे हैं ताकि लाइट आए, और फसल को पानी पिलाई बहुत परेशानी में है 50 से 60 प्रतिशत की फसल बर्बाद हो चुकी है l बारिश नहीं होने से अगले सीजन की फसल भी नहीं होगी।- किसान लालचंद राठौर, ग्राम कुरावन

2018 अतिवृष्टि होने से कमलनाथ सरकार ने बिना सर्वे किए मुआवजा दिया था वर्तमान शिवराज सरकार ने 2020 के बाद से अभी तक ना कोई मुआवजा दिया ना अभी में की राशि मिली है l अब तक 50 से 60% नुकसान हो चुका है बारिश नहीं होगी तो आगामी गेहूं चने की फैसले भी होना नामुमकिन हैधानसभा के ग्राम कुरावन पहुंची जहां किसान अपने आसपास के कुवो से तथा छोटे तालाब और गड्डडो से फसलों को पानी पिलाकर जैसे तैसे जीवित रखने के प्रयास कर रहे हैं। संग्राम सिंह, किसान व कांग्रेस नेता