BIG NEWS: धनगर गायरी समाज उतरा सड़कों पर, SP के नाम ज्ञापन, इस पर कार्यवाही की मांग, चक्काजाम के साथ बंद का आव्हान भी, मामला- ग्राम अरनिया मामादेव में हुए खुनी संघर्ष का, पढ़े खबर

धनगर गायरी समाज उतरा सड़कों पर, SP के नाम ज्ञापन, इस पर कार्यवाही की मांग, चक्काजाम के साथ बंद का आव्हान भी, मामला- ग्राम अरनिया मामादेव में हुए खुनी संघर्ष का, पढ़े खबर

BIG NEWS: धनगर गायरी समाज उतरा सड़कों पर, SP के नाम ज्ञापन, इस पर कार्यवाही की मांग, चक्काजाम के साथ बंद का आव्हान भी, मामला- ग्राम अरनिया मामादेव में हुए खुनी संघर्ष का, पढ़े खबर

नीमच। जिले के ग्राम अरनिया मामादेव में रविवार को हुए खुशी संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत के बाद यह पूरा मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। सोमवार को धनगर गायरी समाज के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे, और नारेबाजी करते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।

समाज के जगदीश धनगर ने जानकारी देते हुए बताया कि, धारदार हथियार से हमाला करते हुए आरोपी द्वारा समाज के व्यक्ति की हत्या कर दी गई। मामले को लेकर पूर्व में भी कई बार सरवानिया चौकी पर आवेदन दिए, लेकिन आरोपी बैखोफ है, और इतना जंगल राज चल रहा है कि, भरी दोपहर में समाज के व्यक्ति की हत्या कर दी। अब समाज में आक्रोश है। 

उन्होंने बताया कि, आज समाजजनों ने एसपी साहब को आवेदन दिया है। जिसमें दो दिनों में कार्यवाही की मांग करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही उसका मकान ध्वस्त करने की बात कहीं गई। अगर ऐसा नहीं होता है, तो नीमच-मंदसौर दोनों जिले चक्काजाम और हाईवे जाम किए जाएंगे। साथ ही दोनों जिलों को बंद का आव्हान किया जाएगा। जिसने हत्या की वह देवीलाल मीणा है, और जिसकी हत्या हुई भगतराम धनगर है। 

यह पूरा मामला- 

गौरतलब है कि, रविवार को जिले के जावद थाना क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ था। इस दौरान चाकूबाजी भी हुई, और बीच-बचाव में भगतराम पिता भंवरलाल गायरी (65) निवासी अरनिया मामादेव की मौत हो गई। वहीं दूसरे पक्ष के तीन लोग घायल भी हुए। पुलिस ने मामले में 4 लोगों को हिरासत में लिया था। 

यह विवाद खेती की 42 आरी जमीन को लेकर हुआ था। जो की करीब 13 साल से चला आ रहा है। एक पक्ष के द्वारा पूर्व में थाने में आवेदन दिया था। बीते दिनों पंचों के बीच बैठकर मामले को निपटाने की बात की गई थी, परंतु पंचायत के समक्ष दूसरे लोग नहीं आए।