BIG NEWS: संजय उर्फ टेनी हत्याकांड के आरोपी पुलिस गिरफ्त में, लंबे समय से थे फरार, एक पिस्टल और चाकू भी जप्त, पढ़े खबर

संजय उर्फ टेनी हत्याकांड के आरोपी पुलिस गिरफ्त में

BIG NEWS: संजय उर्फ टेनी हत्याकांड के आरोपी पुलिस गिरफ्त में, लंबे समय से थे फरार, एक पिस्टल और चाकू भी जप्त, पढ़े खबर

नीमच। बीते पखवाड़े बनबनी रोड़ पर संजय राठोड उर्फ टेनी की अधजली लाश नागदा पुलिस ने बरामद कर अज्ञात आरोपीयों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर उसकी जांच शुरु की थी। जांच में पुलिस को जानकारी मिली थी कि, घटना की रात मृतक संजय को आखरी बार शक्ति कोटवार के साथ देखा गया था। जिसके साथ एक अन्य व्यक्ति भी था। जिसकी पहचान बाद में संदीप उर्फ चोटी के तौर पर हुई थी। घटना के संबंध में पुलिस को यह भी जानकारी हासिल हुई थी कि थाना क्षेत्र का बदमाश नीलेश करोसिया जिसे पूर्व में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी और वह भैरवगढ़ जेल में सजा भुगत रहा था। जिसे उच्च न्यायालय के आदेश से 21 नवम्बर को दो माह की अस्थाई जमानत पर छोडा गया था, उसकी पत्नि के साथ इस दौरान मृतक संजय के नाजायज संबंध हो गए थे और इसी बात को लेकर उसकी संजय पर टेढ़ी नजर थी। घटना के बाद से ही शक्ति और नीलेश फरार हो गए थे जिनकी तलाश पुलिस को थी।

पुलिस ने तकनीकि पड़ताल कर तथा मैदानी सूचना तंत्र से प्राप्त जानकारी के आधार पर इंदौर के सांवर रोड तथा परदेशी पुरा क्षेत्र से मामले के आरोपी शक्ति कोटवार, नीलेश करोसिया और संदीप उर्फ चोटी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जिसमें सामने आया कि घटना दिनांक को संजय राठोड के साथ नागदा के एक मकान में शक्ति कोटवार, नीलेश करोसिया और संदीप उर्फ चोटी ने शराब पी और फिर रात को फिर से शराब पीने के लिए चारों संजय टेनी और नीलेश की मोटर सायकलों से बनबनी रोड पर एक सुनसान मैदान में जाकर बैठे जहां थोडी देर बाद शक्ति कोटवार और नीलेश करोसिया का झगडा संजय राठोड के साथ पूरानी बातों को लेकर हो गया था और झगडा ज्यादा बढ़ जाने पर नीलेश ने संजय पर पिस्टल से फायर कर दिया जो गोली उसके चेहरे पर जाकर लगी। 

उसके बाद शक्ति ने अपने पास रखे एक बटनदार चाकू से संजय के सीने पर चार घातक प्रहार किए। उसके बाद नीलेश अपनी मोटर सायकल से बनबनी की तरफ से भाग गया था व शक्ति और संदीप पैदल रुपेटा रोड से होते हुए राजस्थानी चौराहे पहुंचे वहां से एक परिचित की मोटर सायकल के जरिये वह दोनो शीतलामाता चौराहे तक आए, वहां पहुंचकर शक्ति को आभास हुआ कि अगर संजय की लाश को पहचान लिया जावेगा तो वह पकड़ में जा सकता है इसलिए वहां से उसने अपने एक दोस्त की मोटर सायकल ली और संदीप चोटी को साथ लेकर फिर से राजस्थानी चौराहा जाकर एक पानी की बोतल खरीद कर उसमें पास के एक पेट्रोलपंप से एक लीटर पेट्रोल भरवाया और दुबारा घटना स्थल पर जाकर संजय की लाश पर पेट्रोल छिड़क कर उसमें आग लगा दी और संजय के जूते उतार कर और उसका मोबाईल अपने साथ में लेकर वहां से रवाना हो गए। 

इनकी योजना मृतक की मोटर सायकल को भी वहां से हटाकर कहीं और ठिकाने लगाने की थी पर मोटर सायकल के स्टार्ट ना होने के कारण दोनों ने उसे वहां से खिसकाकर थोड़ी दूर पर खड़ा कर दिया था। शक्ति ने मृतक के जूते और घटना में इस्तेमाल किया हुआ चाकू पालिया रोड पर एक नाले में फैंक दिए थे और मृतक का मोबाईल उसने फरारी के दौरान चित्तोडगढ़ के पास एक नाले में फैंकना बताया है। घटना के बाद सभी ने अपने मोबाईल फोन बंद कर लिए थे और दूसरे नंबरों का उपयोग करने लगे ये घटना के बाद भी आरोपी नीलेश और शक्ति लगातार एक दूसरे के सम्पर्क में रहकर फरारी काट रहे थे। पुलिस ने आरोपीयों को गिरफ्तार कर उनके पास से घटना में उपयोग की गई एक पिस्टल एक जिंदा कारतुस और एक बटनदार चाकू जप्त किया है।