NEWS: मनासा सहित अंचल में महिलाओं ने मनाया गोवर्धन पर्व, गोबर से बनाकर की पूजा, पढ़े खबर
मनासा सहित अंचल में महिलाओं ने मनाया गोवर्धन पर्व, गोबर से बनाकर की पूजा, पढ़े खबर

रिपोर्ट- मनीष जोलान्या
मनासा। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में बहुत महत्व है। पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन अर्थात गायों की पूजा की जाती है। गोवर्धन को अन्नकूट, पड़वा या प्रतिपदा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन के दिन घर के आंगन, छत या फिर बाहर गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुवा।
दरअसल, साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को लगने के कारण दिवाली और गोवर्धन पूजा में एक दिन का अंतर आया। इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को मनाया गया। इस दिन ही भाईदूज का त्योहार मनाया गया।
गोवर्धन पूजा को देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस पावन दिन भगवान श्री कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा-अर्चना की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग भी लगाया जाता है। ग्राम भाटखेडी सहित क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम में महिलाओ ने अपने अपने घरों व मन्दिर के आगे सामूहिक रूप से भगवान गोवर्धन बनाकर इनकी पूजा अर्चना की ।