BIG NEWS: बलात्कारियों को चौराहे पर फांसी पर टांग दो, शव को चील कौए खाए...! MP की फायर ब्रांड मंत्री का बड़ा बयान, किस अभियान को घर-घर पहुंचाने की कहीं बात, पढ़े खबर
बलात्कारियों को चौराहे पर फांसी पर टांग दो, शव को चील कौए खाए...! MP की फायर ब्रांड मंत्री का बड़ा बयान, किस अभियान को घर-घर पहुंचाने की कहीं बात, पढ़े खबर
डेस्क। अपने बयानों से अक्सर चर्चाओं में रहने वालीं शिवराज सरकार की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने फिर ऐसा ही एक बयान दिया है। अपने विधानसभा क्षेत्र के कोदरिया गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होने कहां कि, दुष्कर्मियों को बीच चौराहे पर फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए, ताकि अन्य अपराधियों में भय पैदा हो। मंत्री ने आगे कहा, दुष्कर्मियों का अंतिम संस्कार भी नहीं करना चाहिए, उनका शव चील-कौवे नोचकर खाएं, इससे अन्य अपराधी ऐसा अपराध करने से डरेंगे।
महू के कोदरिया गांव में मंच से बयान देते हुए पर्यटन, संस्कृति व आध्यात्म विभाग की मंत्री उषा ठाकुर ने कहा, दुष्कर्म तो आरोपी समाज में करता है, लेकिन उसको सजा जेल की चारदीवारी के बीच दी जाती है, ऐसा करने से अन्य अपराधियों में भय नहीं रहता है, ऐसे लोगों को बीच चौराहे पर फांसी देना चाहिए
उषा ठाकुर ने अपने बयान पर लोगों से सहमति लेते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने कहां कि, हर गांव का सरपंच एक प्रपत्र लेकर घर-घर जाएगा और हर घर से मां, बहन और बेटी अपने घर का पता, मोबाइल नंबर और वोटर आईडी लिखकर हस्ताक्षर करेंगी। वो लिखेंगी कि माननीय मुख्यमंत्री अपराध तो ये समाज में करते हैं, और फांसी इनको एकांत में हो जाती है। इनके दिल दिमाग पर दहशत नहीं रहती। इसलिए इन्हें चौराहों पर फांसी दे दो और उनका अंतिम संस्कार मत होने दो। लटका रहने दो इन्हें फांसी पर ताकि चील-कौवे नोंच नोंच कर इनका शव खाएं, और जब सब लोग इस दृश्य को देखेंगे तो दोबारा फिर कोई और बेटियों को हाथ लगाने की हिम्मत नहीं करेगा। ये पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
भाड़ में जाए मानवाधिकार आयोग- उषा
उषा ठाकुर ने इस दौरान मानव अधिकार आयोग को भी आड़े हाथ लेते हुए कहां कि, ऐसे नरपिशाचों का क्या कोई मानवाधिकार हो सकता है, तो हम उसमें ये लाइन भी लिखेंगे कि ऐसे नरपिशाचों का कोई मानवाधिकार नहीं होता। इन्हें फांसी पर टंगे-टंगे चील-कौवे खाएं, ऐसा ठोस निर्णय जब होगा। तब बेटियों की तरफ देखने से पहले हजार बार आदमी सोचेगा।