NEWS: सरसों की बंपर पैदावार के बाद अब भाव कम मिलने से किसान निराश, दो महीने में 2.20 लाख बोरियों की आवक,पढ़े खबर....

सरसों की बंपर पैदावार के बाद अब भाव कम मिलने से किसान निराश, दो महीने में 2.20 लाख बोरियों की आवक,पढ़े खबर....

NEWS: सरसों की बंपर पैदावार के बाद अब भाव कम मिलने से किसान निराश, दो महीने में 2.20 लाख बोरियों की आवक,पढ़े खबर....

प्रतापगढ़, तेल उत्पादन की दृष्टि से प्रतापगढ़ का सरसों गुणवत्ता वाला माना जाता है, कृषि उपज मंडी में जनवरी माह से फरवरी माह तक 2 महीनों में सरसों की जबरदस्त आवक हुई है, कृषि उपज मंंडी में राेजाना 1500 से 2000 बाेरी की आवक हाे रही है, पिछले साल सरसाें के भाव 5 से साढ़े 5 हजार रुपए क्विंंटल तक थे, इस बार 4 से साढ़े 4 हजार रुपए हैं, गुणवत्ता में 3 फीसदी की कमी काे भी भाव कम हाेने का कारण माना जा रहा है,

प्रतापगढ़ कृषि उपज मंडी में जिला सहित मध्यप्रदेश की सीमा से जुड़े किसान भी बड़ी संख्या में अपनी उपज विक्रय करने के लिए आते हैं, प्रतापगढ़ की सरसों तीन राज्यों में जाती है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात में तेल के उत्पादन के लिए प्रतापगढ़ जिले की सरसों को काफी बेहतर माना जाता है, लेकिन इस बार कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जिले में तीन फीसदी सरसों के दाने में बदलाव देखा गया, जिसके चलते तेल के उत्पादन में इस बार कमी आने की सम्भावना है,

मंडी व्यापारी सुधीर कुमार ने बताया कि मंडी में सरसाें की आवक का सीजन 15 जनवरी से लगाकर मार्च के पहले सप्ताह तक रहता है, 2022 के सरसों के सीजन में 240,000 सरसों की बोरियों की आवक हुई थी, वहीं इस वर्ष 2023 में अब तक कुल 220,000 सरसों की बोरियों की आवक हाे चुकी है, और अभी आवक जारी है,

कृषि उपज मंडी में अपनी उपज विक्रय करने पहुंचे, किसान सोहनलाल ने बताया हमने हमारी ओर से मेहनत पूरी की, लेकिन हमें दाम पूरे नहीं मिले, हमें इस उपज से बड़ी उम्मीद थी, कि मंडी में इसके अच्छे दाम मिलेंगे, प्रकृति के प्रकोप की वजह से ऊपज की गुणवत्ता में कमी आई है, किसानों ने अपनी पीड़ा बताते हुए यह भी कहा, हमें इस फसल के उत्पादन के लिए पहले तो खाद के लिए जूझना पड़ा, अब हमें हमारी उपज के दाम भी पूरे नहीं मिल रहे हैं,