NEWS: बदलते खानपान से कम उम्र के युवाओं में बढ़ रही बीपी-शुगर की बीमारियां,डॉक्टर्स ने जीवनशैली में बदलाव की दी नसीहत,पढ़े खबर.....
बदलते खानपान से कम उम्र के युवाओं में बढ़ रही बीपी-शुगर की बीमारियां,
प्रतापगढ़,डिजिटल युग में जहां कई सुविधाएं उपलब्ध हो रही है, तो दूसरी और तनावपूर्ण और आरामदेह जीवनशैली के कारण कई बीमरियां घर करने लगी है, ऐसे में युवा वर्ग भी अछूता नहीं है,प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में एनपीसीडीएस के तहत की जा रही स्क्रीनिंग में 28 से 45 वर्ष आयु के युवाओं में बीपी और शुगर के लक्षण दिख रहे हैं, जिससे अस्पताल में आए दिन युवाओं की लंबी-लंबी कतारें भी देखने को मिल रही है,
युवाओं में बड़ी बीपी और शुगर की समस्या,
ऐसे में डॉक्टर्स के द्वारा युवाओ को यही सलाह दी जा रही है, कि वे दिनचर्या, खानपान आदि में बदलाव लाए, जिससे बीमारियों से बचा जा सके, जिला चिकित्सालय में पिछले वर्षों से शुरू की गई एनपीसीडीएस के तहत की जा रही स्क्रीनिंग में कम उम्र के युवाओं में बीपी और शुगर की समस्या सामने आई है, इनमें इस प्रकार के युवा भी आए, जिन्होंने अपने आप को स्वस्थ बताया, जब युवाओं की जांच की गई तो सामने आया कि शहर के 30 वर्षीय युवा को डायबिटीज है, जांच में उसकी मात्रा 300 तक आई। एक अन्य 28 वर्षीय युवा की 250 आई, जबकि एक युवा में बीपी 190 तक आई, तीनों युवाओं का कहना था कि उन्हें तो मालूम ही नहीं था, कि वे भी इस बीमारी से ग्रसित है, युवाओं को जीवन शैली में बदलाव की सलाह दी गई,
चार वर्षों में लगातार बढ़ रहे मामले
जिले में अप्रैल 2018 से योजना के तहत स्क्रीनिंग की जा रही है, इसके तहत प्रत्येक वर्ष के आंकड़ों में सामने आया कि युवाओं में शुगर और बीपी से ग्रसित लोग बढ़ रहे है, जिला अस्पताल में प्रत्येक वर्ष में करीब 15 से 20 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इनमें से 10 प्रतिशत युवाओं में बीपी और शुगर के लक्षण पाए जा रहे है,
अस्पताल में एनसीडी क्लिनिक
यहां अस्पताल में ही एनसीडी (गैर संक्रामक बीमारी) क्लिनिक संचालित है, जहां 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है, स्क्रिनिंग में सामने आया है, कि शुगर की बीमारी महिला के बजाए पुरुषों में अधिक है,
जीवनशैली में करना होगा बदलाव
जिला अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ओमप्रकाश दायमा से जब इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए चिकित्सा संस्थानों में एनसीडी क्लिनिकों पर जांच कराते रहना चाहिए, चिकित्सालय में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है, अब तक जांच में सामने आया है कि युवा वर्ग में भी बीपी और शुगर की बीमारी अधिक हो रही है। ऐसे में युवाओं को जीवन शैली में बदलाव जरूरी है। ये दोनों बीमारियां अन्य बीमारियों को जन्म देती है। ऐसे में अभी को एक्टिव रह कर डॉक्टर से मिलकर उचित परामर्श लेना चाइये,