BIG NEWS : शराब पीने से किया मना, तो मारपीट की, और तोड़ दिया चौकीदार का पैर, अब दिनेश और ब्रजेश मिली ये सजा, घटना नीमच के इस क्षेत्र की, पढ़े खबर

शराब पीने से किया मना, तो मारपीट की

BIG NEWS : शराब पीने से किया मना, तो मारपीट की, और तोड़ दिया चौकीदार का पैर, अब दिनेश और ब्रजेश मिली ये सजा, घटना नीमच के इस क्षेत्र की, पढ़े खबर

नीमच। श्रीमति पुष्पा तिलगांम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा असगंध मण्डी में फरियादी चौकीदार द्वारा शराब पीने से मना करने पर उसके साथ लट्ठ से मारपीट कर उसका पैर तोड़ने वाले दो आरोपीगण दिनेश उर्फ बादशाह पिता देवीलाल रेगर (34) व ब्रजेश पिता देवीलाल रेगर (37) दोनों निवासी- रेगर मोहल्ला, बघाना को धारा 325/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 01-01 वर्ष के सश्रम कारावास व 5-5 हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 323/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06-06 माह के सश्रम कारावास व 1-1 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं पारस मित्तल द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि, घटना दिनांक- 16.04.2017 को रात्रि के लगभग 01 बजे बघाना थाना क्षैत्र के अंतर्गत आने वाली असगंध मण्डी की है। फरियादी शंभुलाल अहीर असगंध मण्डी में चौकीदारी का काम करता था। घटना दिनांक को रात्रि के लगभग 1 बजे आरोपीगण असंगध मण्डी में शराब पी रहें थे, जिनको वहां पर शराब पीने से फरियादी द्वारा मना किये जाने दोनो आरोपीगण ने फरियादी से लट्ठ से मारपीट करी, जिससे फरियादी के चिल्लाने की आवाज सुनकर छोटेलाल व आशुतोष ने आकर बीच-बचाव किया गया। 

फरियादी को घायल अवस्था में अस्पताल लाया गया व उसके साथ हुई मारपीट के कारण उसके पैर में फ्रैक्चर होना पाया गया। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध थाना बघाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई, जिस पर से बघाना पुलिस द्वारा आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी व चश्मदीद साक्षी सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड की राशि में से 6 हजार रूपये आहत फरियादी को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी पारस मित्तल, एडीपीओ द्वारा की।