NEWS : श्री कर्मकाण्डीय विप्र परिषद की बैठक सम्पन्न, दीपावली के महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त्त का लिया निर्णय, पढ़े खबर

श्री कर्मकाण्डीय विप्र परिषद की बैठक सम्पन्न

NEWS : श्री कर्मकाण्डीय विप्र परिषद की बैठक सम्पन्न, दीपावली के महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त्त का लिया निर्णय, पढ़े खबर

नीमच। श्री कर्मकाण्डीय विप्र परिशद की एक महत्वपूर्ण बैठक 11 अक्टूबर 2025 शनिवार को श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर परिसर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में सम्पन्न हुई, जिसमें आगामी 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को दीपावली महालक्ष्मी पूजन के मुहूर्त्त शोधन कर मुहूर्त्त सूची प्रकाशन हेतु सार्वजनिक की गई। 

पूर्व में नीमच के ह्दय स्थल श्री बिचला गोपाल मंदिर में 1 सितम्बर को कर्मकाण्डीय विप्र परिशद द्वारा सर्वसमाज की मीटिंग आयोजित की गई थी, जिसमें नगर के प्रमुख मंदिरों पुजारी, व्यापारी संघ, सर्राफा व्यवसायी सहित सर्वसमाज के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने एकमत से कर्मकाण्डीय विप्र परिशद द्वारा 20 अक्टूबर को दीपावली मनाए जाने के निर्णय को मानते हुए 20 तारीख को ही दीपावली मनाने का संकल्प लिया था। बाद में प्राप्त जानकारी अनुसार अयोध्या, काशी विश्वनाथ, उज्जैन, इन्दौर, रतलाम, मंदसौर, खाटू श्याम, सालासर बालाजी आदि स्थानों पर भी 20 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाने का निर्णय हुआ है। एक राश्ट्र-एक मत-एक त्यौहार मनाए जाने की भावना की प्रधानता रही। 

ज्योतिश एवं कर्मकाण्डीय मानव सेवा परिशद नीमच के संरक्षक पं.दशरथ शास्त्री एवं अध्यक्ष पं.परसराम शर्मा ने भी 20 अक्टूबर को ही दीपावली मनाने के निर्णय को शास्त्रसम्मत होने से मान्य किया है। बैठक में कर्मकाण्डीय विप्र परिशद के संरक्षक पं.मालचंद शर्मा, अध्यक्ष पं.राधेश्याम उपाध्याय, पं.प्रेमप्रकाश गौड, पं.महेश शर्मा, पं.रामेश्वर शर्मा, पं.जगदीशप्रसाद शर्मा, पं.लक्ष्मण शास्त्री, पं.जयप्रकाश शर्मा (जेपी), पं.मनोज (राहुल) शर्मा, पं.दुर्गाशंकर नागदा शर्मा सहित बडी संख्या में विप्रजन उपस्थित थे।

जो इस प्रकार है- 

(1) प्रातः 6.35 से 8.00 अमृत चौघडिया
(2) प्रातः 8.27 से 9.24 बृहस्पति की होरा
(3) प्रातः 8.40 से 10.56 वृश्चिक स्थिर लग्न
(4) प्रातः 9.25 से 10.50 शुभ का चौघडिया
(5) दोप. 11.52 से 12.38 अभिजित मुहूर्त्त
(6) दोप. 12.16 से 1.13 बुध की होरा
(7) दोप. 1.13 से 2.10 चन्द्रमा की होरा
(8) दोप. 1.40 से 3.05 चंचल चौघडिया
(9) दोप. 2.45 से 4.17 कुम्भ स्थिर लग्न
(10) दोप. 3.05 से 4.30 लाभ चौघडिया
(11) सायं 4.30 से 5.56 अमृत चौघडिया

(12) सायं 4.56 से 6.56 गोधूलि वेला
(13) सायं 5.56 से 7.31 चंचल चौघडिया
(14) सायं 5.56 से 8.20 प्रदोश वेला
(15) सायं 7.02 से 8.05 बुध की होरा
(16) सायं 7.26 से 9.23 वृशभ स्थिर लग्न
(17) रात्रि 8.5 से 9.8 चन्द्र की होरा
(18) रात्रि 10.10 से 11.13 गुरू की होरा
(19) रात्रि 10.41 से 12.16 लाभ चौघडिया 
(20) रात्रि 11.22 से 12.10 निशीथ वेला
(20) अर्द्धरात्रि उपरान्त 1.51 से 3.26 शुभ चौघडिया
(21) अर्द्धरात्रि उपरान्त 1.53 से 4.7 सिंह स्थिर लग्न

विशेष- चन्द्रमा की होरा में पूजन से आत्मिक शांति, चित्त प्रसन्नता, बुध होरा में बौद्धिक एवं व्यापार वृद्धि, बृहस्पति होरा में सद्ज्ञान, भगवत्कृपा प्राप्ति। यथा - जिस प्रकार गुरू का चौघडिया शुभ, बुध का लाभ, चन्द्रमा का अमृत एवं शुक्र का चंचल है, ऐसे ही इनकी होरा भी शुभकारक प्रामाणिक है। गोधूलि वेला में पूजन से गोधन वृद्धि, अमृतपान, आरोग्यता लाभ।