BIG NEWS: नीमच के उप पंजीयक की मनमानी, कमीशन के चक्कर में रजिस्ट्री अधूरी, पंजीयन विभाग को बनाया भ्रष्टाचार का अड्डा, शिकायत पहुंची कलेक्टर तक...! पढ़े खबर
नीमच के उप पंजीयक की मनमानी, कमीशन के चक्कर में रजिस्ट्री अधूरी, पंजीयन विभाग को बनाया भ्रष्टाचार का अड्डा, शिकायत पहुंची कलेक्टर तक...! पढ़े खबर

नीमच। नीमच पंजीयन कार्यालय में पदस्थ उप पंजीयक शैलेंद्र दंडोतिया की मनमानी के चलते रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों और गवाहों में आक्रोश है। उप पंजीयक द्वारा जानबूझकर कमीशन के चक्कर में रजिस्ट्री को रोक दिया जाता है। कोई न कोई कारण बताकर जिला पंजीयक रजिस्ट्री को भेजा जाता है। इसी बात को लेकर शुक्रवार को कलेक्ट्रोरेट में स्थित पंजीयन कार्यालय में हंगामा हुआ। कलेक्टर डॉ. मयंक अग्रवाल को प्रापर्टी व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों ने इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीमच तहसील पंजीयन कार्यालय में पदस्थ उप पंजीयक शैलेंद्र दंडोतिया क्रेता-विक्रेता को परेशान करने का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी उप पंजीयक द्वारा भ्रष्टाचार के रूप में कमीशन लेने शिकायत सामने आ चुकी है। कार्यालय में दलाल सक्रिय रहते है, और प्रायवेट व्यक्ति से भी रजिस्ट्री संबंधित कार्य करवाया जाता है। जो व्यक्ति पैसा देवे, उसकी रजिस्ट्री तुरंत हो जाती है, और जो पैसा नहीं देवे, उसे नियमों में उलझाकर रजिस्ट्री को पेडिंग कर दिया जाता है।
सूत्र बताते है कि, शुक्रवार को प्रापर्टी व्यवसायी व सर्विस प्रोवाईडर अतुल जैन नीमच-मनासा रोड़ मिराज सिनेमा के आगे अंदर खेत की रजिस्ट्री करवाने के लिए पंजीयन विभाग में पहुंचे। क्रेता-विक्रेता और गवाह सभी तैयार थे। पार्टी को जमीन की पूरी रकम दे दी गई। गाईड लाईन के अनुसार पंजीयन शुल्क भी अदा कर दिया। भूमि मनासा-नीमच मार्ग पक्की सड़क से दूर है। उप पंजीयक शैलेंद्र दंडौतिया ने पक्की सड़क के पास जमीन बताकर रजिस्ट्री जिला पंजीयक के पास भेजना बता दिया। जबकि विक्रेता के पक्ष में सहमतिकर्ताओं के हस्ताक्षर भी नहीं हुए।
शैलेंद्र दंडौतिया का कहना था कि, गाईड लाईन जिला पंजीयक तय करेंगे, जबकि क्रेता पक्ष का कहना था कि सहमतिकर्ताओं के हस्ताक्षर सहित अन्य कार्यवाही पूर्ण कर ली जावे। सहमति कर्ताओं के हस्ताक्षर नहीं करवाए जाने की बात को लेकर बाहर विक्रेता-क्रेता व अन्य लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।
प्रापर्टी व्यवसायी अतुल जैन ने बताया कि, कमीशन के चक्कर में ऐसा किया जा रहा है। जिस जगह की रजिस्ट्री करवाई है, वह पक्की सड़क से दूर है। निर्धारित गाईड लाईन के अनुसार ही पंजीयन शुल्क जमा करवाया गया है, विक्रेता को पूरी रकम दे दी गई। अधूरी प्रक्रिया में रजिस्ट्री को छोड दिया गया है। रजिस्ट्री की तमाम के बाद भी जिला पंजीयक के यहां रजिस्ट्री भेजी जा सकती है, लेकिन जानबूझकर क्रेता-विक्रेता और सहमतिकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है। यह सब भ्रष्टाचार को बढावा देने के लिए हो रहा है। जिलाधीश महोदय को तुरंत उप पंजीयक शैलेंद्र दंडोतिया पर कार्रवाई किया जाना चाहिए।
सर्विस प्रोवाईडर भी परेशान, पंजीयन विभाग को बनाया भ्रष्टाचार का अड्डा-
सर्विस प्रोवाईडर अतुल जैन ने बताया कि, सर्विस प्रोवाईडर विभाग से लाईसेंस लेता है, और जमीन की रजिस्ट्री करवाने से पूर्व वह सब रजिस्ट्रार को दस्तावेज फोटो उपलब्ध करवाता है। भोपाल से स्लॉट बुक करवाया जाता है और संबंधित जमीन की लोकशन दी जाती है। सब रजिस्ट्रार दंडौतिया पहले तो कुछ नहीं बोलते, जब रजिस्ट्री की आधी प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है, उसके बाद में नियमों का हवाला देकर प्रक्रिया को रोक देते है। जो पैसा देते है, उसकी प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है, और जो नहीं देते है उसकी रजिस्ट्री अटक जाती है।
प्रापर्टी ब्रोकर राजेश अग्रवाल ने बताया कि, लगभग सभी प्रापर्टी ब्रोकर उप पंजीयक शैलेंद्र दंडौतिया से परेशान है, दंडौतिया ने कमीशन व भ्रष्टाचार का अड्डा पंजीयक विभाग को बना दिया है।