EXCLUSIVE : सविता मर्डर मिस्ट्री, मृतिका का शव परिजनों के सुपुर्द, पुलिस ने बढ़ाई जांच की रफ्तार, अब इस दिशा में इन्वेस्टीगेशन, दोस्त व कोचिंग‎ संचालक चुप क्यों...! मामला- हाईवे पर मिली युवती की लाश का, पढ़े बड़ा खुलासा

सविता मर्डर मिस्ट्री

EXCLUSIVE : सविता मर्डर मिस्ट्री, मृतिका का शव परिजनों के सुपुर्द, पुलिस ने बढ़ाई जांच की रफ्तार, अब इस दिशा में इन्वेस्टीगेशन, दोस्त व कोचिंग‎ संचालक चुप क्यों...! मामला- हाईवे पर मिली युवती की लाश का, पढ़े बड़ा खुलासा

रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा 

रतलाम। महू-नीमच हाईवे किनारे बीती 2 अप्रैल की सुबह‎ अर्धनग्न अवस्था में मृत मिली युवती ‎की पहचान 5 दिन बाद शनिवार को हो गई।‎‎ मृतिका उज्जैन‎ ‎जिले के ‎‎खाचरौद ‎‎तहसील में गांव ‎‎‎नरेड़ीबेरा की निवासी है। उसका नाम‎ ‎‎‎सविता कुंवर ‎‎राठौर (22) है।‎ 

पुलिस के अनुसार, ‎‎सविता रतलाम में प्री-नर्सिंग और ‎इंग्लिश की कोचिंग कर रही थी। होली ‎पर घर गई थी और रंगपंचमी मनाकर ‎31 मार्च को ही रतलाम लौटी थी। 1‎ अप्रैल की सुबह 10:30 बजे बंसल इंग्लिश कोचिंग पर गई और ‎दोपहर 3 बजे किराए के घर से ‎‎निकली थी। उसी रात किसी ने हत्या‎कर शव हाईवे किनारे फेंक दिया।‎

सविता का भाई धीरेंद्र‎ उर्फ युवराज सिंह, ताऊ के बेटे ‎‎लाखनसिंह, मामा व अन्य रिश्तेदारों के ‎‎साथ उसे ढूंढते हुए रतलाम पहुंचा।‎ सविता रतलाम में श्रीराम मंदिर के पास‎ सखवाल नगर में किराए से रहती थी‎ और पास में ही स्थित सुप्रीम नर्सिंग‎ एकेडमी से प्री-नर्सिंग टेस्ट की तैयारी‎ कर रही थी। धीरेंद्र और रिश्तेदारों ने‎ पहले वहां तलाश किया, लेकिन नहीं ‎मिली तो रतलाम आईए थाने में ‎गुमशुदगी दर्ज करवाने पहुंचे।

सविता के शव को दफनाया, पहचान के बाद फिर निकाला- 

गुमशुदगी की शिकायत के बाद रिंगनोद थाना ‎प्रभारी व जांच अधिकारी पीआर. डावरे रतलाम पहुंचे। ‎पहचान होने के बाद परिजन‎ की मांग पर एसडीएम राधा महंत के ‎समक्ष शव सुपुर्दगी की अर्जी दी। ‎एसडीएम ने नायब तहसीलदार वैभव ‎जैन को नियुक्त किया, फिर सभी अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस ने जावरा आनंदी ‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎हनुमान मुक्तिधाम परिसर में दफनाए मृतिका सविता के शव को खोदकर निकाला‎ और परिजनों के सुपुर्द के किया।

दोस्त व कोचिंग‎ संचालक चुप क्यों...? 

सविता की हत्या 1 अप्रैल की‎ रात हुई, 2 अप्रैल को शव हाईवे किनारे मिला। पुलिस ने ‎भाई धीरेंद्र और परिजन से भी सवाल ‎पूछा कि, इतने दिन क्यों लगाए, तो उन्होंने बताया कि, ‎सविता पढ़ाई के चक्कर में मोबाइल ‎बंद रखती थी, इसलिए शंका नहीं हुई, परिजन ग्रामीण परिवेश के होकर नरेड़ीबेरा में थे, और संभव है वहां तक सूचना ‎नहीं पहुंची होगी...!

अब बड़ा सवाल यह है कि, रतलाम में युवती दो जगह कोचिंग ‎कर रही थी। उसके दोस्त होंगे, और कई समाचार पत्रों व सोशल ‎मीडिया ग्रुप पर मर्डर के बाद का फोटो के साथ घटना भी वायरल हुई। फिर भी दोस्त व कोचिंग‎ संचालक चुप क्यों रहे...! उन्होंने पुलिस को पहचान क्यों नहीं बताई...! जानकारी में सामने आया है कि, कुछ दोस्तों पर ‎पुलिस को शंका भी है। उनकी तलाश की जा रही है। वहीं पुलिस द्वारा कुछ संदिग्धों को भी हिरासत में लेने की बात सामने आई है। 

इस दिशा में पुलिस की जांच- 

शिनाख्ती‎ के बाद पुलिस की प्राथमिकता अब हत्या के आरोपी पकड़ना हैं, इसलिए पुलिस ने ‎कोचिंग से लेकर किराए के घरवाले रूट तक मौजूद सारे सीसीटीवी फुटेज खंगालना ‎शुरू कर दिए हैं। परिजन, दोस्तों, कोचिंग संचालक और शिक्षकों के कॉल ‎रिकाॅर्ड खंगाले जा रहे हैं। 

इस जघन्य हत्याकांड को लेकर पुलिस की टीमें जिले के तेज तर्राट पुलिस कप्तान राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देश में पड़ताल में जुटी है, और एसपी खुद इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।‎ माना जा रहा है कि, आने वाले कुछ ही दिनों में पुलिस इस पूरे मामले का खुलासा कर देगी।