BIG NEWS : कैंद्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरों के तौल कैंद्र से अफीम कंटेनर पहुंचे कारखाना, अब सैंपलिंग और परीक्षण की शुरुवात इस दिन से, तैयारियां पूरी, अधिकारियों की किसान बंधुओं से ये अपील, पढ़े खबर
कैंद्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरों के तौल कैंद्र से अफीम कंटेनर पहुंचे कारखाना

नीमच। शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखाना में फसल वर्ष 2024-25 हेतू कैंद्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरों विभाग के अफीम तौल कैंद्रों से अफीम कंटेनर प्राप्त करने और तत्काल बाद सैंपलिंग एवं परीक्षण की प्रक्रिया दिनांक- 29 मार्च 2025 से शुरू होगी। सैंपलिंग एवं परीक्षण की प्रक्रिया पिछले साल की तरह इस साल भी ओक्टा (ओपियम कंटेनर ट्रैकिंग एप्प) के द्वारा किया जा रहा है, और पिछले साल की तरह इस साल भी जांच की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न की जाएगी।
इस संबंध में जारी प्रेसनोट में बताया गया कि, किसान बंधुओं को अवगत कराया जाता है कि, शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखाना नीमच में फसल वर्ष 2024-25 हेतू केन्द्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरो विभाग के अफीम तौल केंद्रों से अफीम कंटेनर प्राप्त किये जाने के तुरंत बाद सैंपलिंग एवं परीक्षण की प्रक्रिया दिनांक- 29 मार्च 2025 से प्रारंभ कर दी जाएगी। इस वर्ष भी सैंपलिंग एवं परीक्षण की प्रक्रिया पिछले वर्ष की भांति ही OCTA (ओपियम कंटेनर ट्रैकिंग एप्लीकेशन) द्वारा किया जा रहा है, तथा पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी जांच प्रक्रिया संपूर्ण पारदर्शिता से संपन्न की जाएगी।
प्रेसनोट में बताया कि, किसान भाई किसी भी व्यक्ति, बिचौलिया एवं कर्मचारी के दिए गए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आएं, क्योंकि परीक्षण की संपूर्ण प्रक्रिया को डिजिटाइज्ड किया गया है, जो प्रणाली को अत्यधिक गोपनीय एवं पारदर्शी बनाएगा। साथ ही प्राप्त अफीम की सैंपलिंग एवं परीक्षण संबंधित संपूर्ण कार्य एक माह में समाप्त करने का शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखाना, नीमच द्वारा हर संभव प्रयास किया जाएगा। इससे संबंधित परिणाम प्रत्येक दिन विभाग की वेबसाईड https://goaf.gov.in पर अपलोड कर दिया जाएगा।
साथ ही समस्या दर्ज करने हेतु पिछले वर्ष के भांति इस वर्ष भी कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है एवं जिसके लिए दूरभाष संख्या 07423-226015 सोमवार से शनिवार तक प्रातः काल 10 बजे से सांयकाल 06 बजे तक संचालित रहेगा। इसके अलावा ईमेल आई.डी. goawcontrol@gmail.com पर भी समस्या दर्ज करा सकते है।
अंततः कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति, बिचौलिया एवं कर्मचारी किसी भी कृषक को मॉर्फिन की मात्रा बढाने, अफीम परिणामों में फेर-बदल करवाने अथवा गुणवत्ता से अधिक आरी का पट्टा दिलवाने का प्रलोभन देता है, तो वह किसान को मात्र ठगने का प्रयास करेगा। किसान बंधु किसी भी व्यक्ति, बिचौलिया एवं कर्मचारी के दिए गए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आएं। यदि कोई किसान इनके झांसे में आता है तो इससे किसान बंधुओं को आर्थिक हानि होगी।