BIG NEWS: नीमच-मंदसौर सहित प्रदेश में फिर होगा बड़ा आंदोलन, संविदा कर्मचारियों की तैयारियां पूरी, मंगलवार से बजेगा बिगुल, हड़ताल के पहले दिन होगा यह, क्या स्वास्थ्य सेवाएं होगी ठप्प...! पढ़े खबर

नीमच-मंदसौर सहित प्रदेश में फिर होगा बड़ा आंदोलन, संविदा कर्मचारियों की तैयारियां पूरी, मंगलवार से बजेगा बिगुल, हड़ताल के पहले दिन होगा यह, क्या स्वास्थ्य सेवाएं होगी ठप्प...! पढ़े खबर

BIG NEWS: नीमच-मंदसौर सहित प्रदेश में फिर होगा बड़ा आंदोलन, संविदा कर्मचारियों की तैयारियां पूरी, मंगलवार से बजेगा बिगुल, हड़ताल के पहले दिन होगा यह, क्या स्वास्थ्य सेवाएं होगी ठप्प...! पढ़े खबर

रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा 

नीमच। मध्य प्रदेश में एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारियां संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कर ली है। सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतरी तो स्वास्थ्य कर्मियों ने फिर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। ऐसे में 18 अप्रैल से प्रदेश के लगभग 32 हजार कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे है। ऐसे में नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले सहित सहित पूरे मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प हो सकती है 

जानकारी देते हुए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल डुंगरवाल ने बताया कि, नीमच, मंदसौर और रतलाम सहित पूरे मध्य प्रदेश में 18 अप्रैल से शुरू होगी। इस दौरान नीमच जिले के कुल 329 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सहित प्रदेश के कुल 32 हजार कर्मचारी भूख हड़ताल की शुरूवात करेंगे। जिसमे आगामी एक सप्ताह तक रोजाना तीन-तीन कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठेंगे। 

वहीं मंदसौर के जिला संयोजक राकेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, मंदसौर जिले में पदस्थ अधिकारी, राष्ट्रीय प्रोग्राम टीबी, कुष्ठ रोग के कर्मचारी, आयुष मेडिकल ऑफिसर, कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर, फार्मासिस्ट, लेब टेक्निशियन, एसएनसीयूं स्टाॅफ, डाटा इंट्री ऑपरेटर, स्टाॅफ नर्स, एएनएम, मेल स्टाॅफ नर्स  और सपोर्ट स्टाॅफ सहित जिले भर के कुल 562 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। 

गौरतलब है कि, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बीते साल 2013 से समय-समय पर अपनी मांगो को लेकर हड़ताल कर रहे है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा हर समय आश्वासन दिया जाता है, आश्वासन देते हुए सालों गुजर गए, लेकिन आज तक मांगों को पूरा नहीं किया गया। 

गत दिनों 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक हड़ताल के दौरान भी प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चैहान ने एक माह के अंदर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन माह का से ज्यादा समय बीत गया, अब तक मांगे पूरी नहीं हुई, और वरिष्ठ अधिकारियों की मध्यस्थ्ज्ञा के चलते हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था। 

ये प्रमुख मांगे- 

- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा अधिकारी एवं कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए एवं 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान तत्काल लागू किया जाए एवं सीएचओ केडर को एमएलएचपी कैडर के तहत लिया जाए

-जून 2018 को सामान प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन कई विभागों पर यह नीति लागू कर दी गई है, लेकिन एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस नीति नीति से वंचित रखा गया है. 

-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउट सोर्स ठेका प्रथा में किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए। अथवा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए एवं निष्कासित कर्मचारियों को शतप्रतिशत वापस लिया जाए