NEWS : गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा नीमच जिला चिकित्सालय का फिजियोथेरेपी विभाग, प्रतिदिन 50 से अधिक मरीजों को दर्द से राहत और चलने की ताकत वापस, पढ़े खबर
गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा नीमच जिला चिकित्सालय का फिजियोथेरेपी विभाग
नीमच। आधुनिक जीवनशैली, लंबे समय तक बैठकर काम करने की आदत और बढ़ती उम्र के कारण आज जोड़ों, मांसपेशियों और नसों के दर्द की समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन अब इन समस्याओं से राहत का एक भरोसेमंद केंद्र बन चुका है जिला चिकित्सालय का फिजियोथेरेपी विभाग। राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के अतंर्गत स्थापित फिजियोथेरेपी केंद्र विगत 3 वर्षों से संचालित है। यहाँ प्रतिदिन लगभग 50 से 60 मरीजों को फिजियोथेरेपी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। दर्द से जूझ रहे मरीज यहाँ आकर राहत महसूस कर रहे हैं, और अपनी दैनिक गतिविधियों में वापस लौट पा रहे हैं।
फिजियोथेरेपी सिर्फ इलाज नहीं, जीवन की पुनर्स्थापना है-
फिजियोथेरेपी विभाग के कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. हुसैन बेगवाला (पी.टी.) और डॉ. मेघा कारवना (पी.टी.) बताते है कि-“फिजियोथेरेपी शरीर को उसकी स्वाभाविक चाल और ताकत लौटाने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। यह न केवल दर्द में राहत देती है, बल्कि सर्जरी की ज़रूरत को भी कई बार टाल देती है।”

विभाग में उपलब्ध प्रमुख सेवाएँ-
- कमर, गर्दन, घुटने और जोड़ों के दर्द का उपचार
- सर्जरी या फ्रैक्चर के बाद पुनर्वास (Rehabilitation)
- लकवा (Paralysis) और नसों से जुड़ी समस्याओं का इलाज
- बुजुर्गों एवं बच्चों के लिए विशेष व्यायाम कार्यक्रम
- मैनुअल थैरेपी, इलेक्ट्रोथैरेपी और व्यायाम आधारित उपचार

बिना दवा, बिना साइड इफेक्ट के राहत-
फिजियोथेरेपी एक ऐसी उपचार विधि है जो दवाइयों के बिना दर्द में आराम देती है और शरीर को फिर से सक्रिय बनाती है। यह सुरक्षित, किफायती और हर उम्र के मरीजों के लिए उपयोगी है।

व्यवहार और सेवा भावना भी अनुकरणीय-
अस्पताल में आने वाले कई मरीजों ने बताया कि कुछ ही सत्रों में उन्हें चलने-फिरने, सीढ़ियाँ चढ़ने और रोज़मर्रा के काम करने में आसानी होने लगी। साथ ही यहां इलाज करने वाले दोनों ही दोनों फिजियोथेरेपिस्टों की सेवा भावना एवं व्यवहार भी प्रशंसनीय है।
