NEWS : उत्तम स्वामी जी महाराज के शिष्य नरेश शर्मा की श्रीराम कथा,आज के दिन खूब बही धर्म गंगा,तुलसी विवाह एवं सर्वजातीय निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन यहाँ,पढ़े ये खबर
उत्तम स्वामी जी महाराज के शिष्य नरेश शर्मा की श्रीराम कथा,आज के दिन खूब बही धर्म गंगा,तुलसी विवाह एवं सर्वजातीय निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन

नीमच 29मई । (केबीसी न्यूज़)। धैर्य और इच्छा शक्ति का प्रबल होना मनुष्य के जीवन में बहुत आवश्यक है ।भगवान की पूजा सभी करते हैं। सबकी अपनी-अपनी अपेक्षाएं होती है और भगवान सभी की सुनते हैं क्योंकि उनके यहां देर है मगर अंधेर नहीं, शास्त्रों में भी इसका उल्लेख है ।भगवान अपने भक्त को कभी निराश नहीं करते हैं लेकिन इसके लिए मनुष्य को जीवन में धैर्य रखना बहुत जरूरी है।यह बात श्री श्री महा मण्डलेश्वर 1008 परम पूज्य गुरुदेव अनंत विभूषित ईश्वरानंद ब्रह्मचारी ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी महाराज साहब के शिष्य नरेश शर्मा ने कहीं । वे शुकदेव मुनि की तपोस्थली सुखानंद तीर्थ के समीप श्री गोपाल कृष्ण गौशाला एवं कल्पवृक्ष धाम अनोपपुरा, कनेरा घाटा क्षेत्र के तत्वाधान मेंश्री राम कथा, तुलसी विवाह एवं सर्वजातीय निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन में आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे ।
उन्होंने कहा कि ऐसे कई ऐसे कई उदाहरण है जब भगवान ने अपने भक्तों को इतना दिया है जिसे वे सम्भाल भी नहीं सके हैं। हमारे पूर्वज सालों कठोर तपस्या किया करते थे तब ईश्वर प्रसन्न होकर उन्हें वर प्रदान करते है। आज भी ईश्वर अपने भक्तों की परीक्षा जरूर लेते हैं लेकिन उन्हें कभी निराश नहीं करते।इसलिए हमेशा ईश्वर पर भरोसा रखो।और उनकी शरण में रहो, ऐसी कोई आपत्ति विपदा नहीं जो उनसे बड़ी हो लेकिन वह सुनते हैं उसी की है जो सच्चे भाव से उनसे कामना करता है। जिनकी परमात्मा के प्रति सच्ची भक्ति होती है,
उन्होंने आगे ये कहा की भगवान हमसे दूर नहीं रहता है उनकी जल्दी कामना पूरी करता है। श्री राम तो स्वयं नारायण थे लेकिन फिर भी उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर संसार को ही संदेश दिया कि शिक्षा के बिना हर प्राणी अधूरा रहता है। विधा का धन व अनमोल चोरी नहीं होता है।जो माता-पिता अपनी संतान को पढ़ाते नहीं वे उनके शत्रु कहलाते हैं। अल्पाहारी गृह त्यागी, कोवा की भांति एकाग्र रहने वाला, कुत्ते की जैसे नींद लेने वाला सजग 5गुणों वाला प्राणी ही शिक्षा के क्षेत्र में सफल होता है।बुरे व्यक्ति समूह में रहते हैं। विद्वान और अच्छा व्यक्ति अकेला रहता है। चाहे वह कड़वी हो लेकिन सत्य वाणी ही बोलना चाहिए। सज्जन व्यक्ति हमेशा एकांत में ही रह पाते हैं। समूह में नहीं रह पाते हैं। गौ माता की रक्षा के लिए सभी को संगठित रहना चाहिए।
सभी सुखी रहे यही प्रार्थना है।
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स्वयंवर में राम सीता विवाह में बधाइयां गाई,
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श्री राम सीता विवाह का प्रसंग हुआ। जहां विधि विधान से विवाह भगवान श्री राम माता सीता के विवाह हुआ। लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न विवाह का प्रसंग भी प्रस्तुत किया गया।जिसमें घराती और बाराती दोनों अपने शामिल होकर विवाह का की सभी परंपरा का निर्वहन किया।इस अवसर पर सीता राम... दुलारे राम सिया राम जय जय राम सिया राम.. आदि भजनों की प्रस्तुति दी गई
इसके बाद दोनों पक्षों ने विवाह की खुशियां मनाई।श्री राम जानकी विवाह में कन्यादान का विस्तार से वर्णन किया।
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ये थे धार्मिक प्रसंग....
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कथा के मध्य महाराज श्री ने पत्थर अहिल्या नारी,
श्री राम बाल लीला, विश्वकर्मा, श्री राम सीता स्वयंवर, राम की शिक्षा,
सीता जी,जनक, श्रीराम विवाह, परशुराम,सुरदास,
आदि धार्मिक प्रसंगों का वर्तमान परिपेक्ष महत्व प्रतिपादित किया।
कथा के दौरान गौशाला अध्यक्ष पुष्कर कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष सतीश चंद्र राठी, सचिव गीता लाल पचोरिया,सह सचिव रामनारायण बीर,चंद्रशेखर व्यास, बंशीलाल धंधोलिया हीरालाल गाजी फूलचंद धंधोलिया कन्हैया लाल धाकड़ जगदीश खेड़ी,आसन दरिया नाथ मंहत लाल नाथ,नारायण सोमानी,कृष्णपाल सिंह, जगपाल सिंह निर्भयसिंह,महंत हरिदास सुखानंद,नाथूसिंह, भोली राम धाकड़, पप्पू सोनी सहित बड़ी संख्या में गौभक्त उपस्थित थे। आरती के बाद महा प्रसादी का वितरण किया गया।
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1जुन को11जोडो का निःशुल्क सामुहिक विवाह सम्मेलन,
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कार्यक्रम की श्रृंखला में विगत 24 मई से रविवार 1 जून तक प्रतिदिन रात्रि 8:30 बजे नवाहन पारायण पाठ प्रवाहित हो रहा है। कथा कार्यक्रम के अंतर्गत अभियान की श्रृंखला में कार्यक्रम में अभी तक विवाह योग्य युवक युवतियों के11 जोड़ों का पंजीयन हो चुका है। अभियान में महिला मंडल की नर्मदा बाई सेन व शीला व्यास विगत डेढ़ माह से निरंतर क्षेत्र में घर-घर द्वार पहुंचकर जनसंपर्क अभियान में नागरिकों से संपर्क कर रही है। । गौशाला सह सचिव रामनारायण बीर ने बताया कि कार्यक्रम की श्रृंखला में तुलसी विवाह एवं सर्वजातीय निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन 1 जून को सुबह 7 बजे जोड़ों का आगमन होगा। वर निकासी एवं तोरण सुबह 8 बजे होगा, पाणी ग्रहण संस्कार 8:30 बजे और दोपहर 3 बजे विदाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ, नवीन टीन शेड का लोकार्पण,गौपालक एवं भामाशाह सम्मान समारोह, " गोमय वसते लक्ष्मी "पत्रिका का विमोचन पूज्य संतों के पावन सानिध्य में आयोजित किया जाएगा।