BIG NEWS : चीताखेड़ा गांव के सरपंच पर पक्षपात का आरोप, सवालों के घेरे में मंजू-मनसुख जैन, बिना टेंडर निकले... सेटिंग से होता ये बड़ा खेल...! पंचों ने लगाएं आरोप, प्रेसवार्ता में किया बड़ा खुलासा, पढ़े ये खबर
चीताखेड़ा गांव के सरपंच पर पक्षपात का आरोप, सवालों के घेरे में मंजू-मनसुख जैन, बिना टेंडर निकले... सेटिंग से होता ये बड़ा खेल...! पंचों ने लगाएं आरोप, प्रेसवार्ता में किया बड़ा खुलासा, पढ़े ये खबर
रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा / राजेश प्रपन्ना
जीरन। तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत चीताखेड़ा हमेशा से ही सुर्खियों में रही है, लेकिन एक बाद फिर ये पंचायत चर्चाओं में आ गई, वर्तमान सरपंच मंजू-मनसुख जैन पर पांचों ने मनमानी के आरोप लगाएं है, जिसे लेकर उन्होंने प्रेसवार्ता का आयोजन ग्राम पंचायत कार्यालय पर किया।
वार्ता के दौरान उपसरपंच विकास प्रजापत ने बताया कि, सरपंच महोदया के कार्य से इस ग्राम पंचायत के 19 पंच असंतुष्ठ है। जिसे लेकर आज सभी पांचों ने सरपंच महोदया के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने बताया कि, ग्राम पंचायत चीताखेड़ा में 20 पंच है, किसी भी वार्ड में कोई निर्माण कार्य किया जाता है, तो उसकी जानकारी नहीं दी जाती है, और निर्माण समिति में 4 सदस्य है। निर्माण को लेकर सरपंच दवारा पूछा भी नहीं जाता, उनके द्वारा अपनी मन मर्जी से कार्य को पूरा कर कर लिया जाता है। पंचायत में किसी भी प्रस्ताव को लेकर जब भी बैठके होती हे, तो उस पर कोई अमल नहीं किया जाता। वंही पंचायत में पिछले दो से ढाई महीनों तक कोई बैठके नहीं हुई है।
वार्ता में वार्ड क्रमांक- 9 के पंच मुबारिक खान मंसूरी ने बताया कि, ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा पक्षपात के आधार पर कार्य कर मनमानी की जाती है। किसी भी पंच से कोई वार्तालाप नहीं किया जाता। पंचायत में समय पर तो क्या आने जाने का भी पता नहीं रहता, किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर लेने हो तो इनके घर पर जाना पड़ता है।
शिक्षित महिला होकर भी ये कार्यों को लेकर पक्षपात करती है, यहां भी कांग्रेस-बीजेपी देखने को मिलता है, कुछ दिनों पहले मेरे वार्ड में एक कार्यक्रम होना था। जिसमे सफाई को लेकर मेने सचिव को भी अवगत कराया। लेकिन बाद में फिर मजबूरन मेरे सवयं के खर्च पर सफाई करानी पड़ी।
वहीं वार्ड क्रमांक- 1 के पंच मुकेश माली का कहना है कि, पंचायत चुनाव को 8 से 10 महीने हो चुके है, जिसमे सरपंच द्वारा हम पंचों से कोई पूछताछ नहीं की, यहां भी केवल अपनी मनमानी की जा रही है। पहले सम्मलेन के बाद जो प्रस्ताव स्वीकृत हुए, उनमे किये जा रहे कार्यो को लेकर मनमानी करते हुए इलेक्ट्रॉनिक सामान और रेती सहित अन्य मटेरियल बिना किसी टेंडर के अपने मिलने वाले लोगों या अपनी सेटिंग के लोगों से लेकर एक बड़ा खेल किया जाता है।