BIG NEWS: कांग्रेस का नया फार्मूला करेगा 10 राज्यों का भविष्य तय, चिंतन शिविर संपन्न, इन महत्वपूर्ण निर्णयों पर लगी मुहर...! पढ़े खबर
कांग्रेस का नया फार्मूला करेगा 10 राज्यों का भविष्य तय, चिंतन शिविर संपन्न, इन महत्वपूर्ण निर्णयों पर लगी मुहर...! पढ़े खबर
डेस्क। कांग्रेस का उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ का रविवार को समापन हुआ। चिंतन शिविर में तीन दिन तक आगामी विधानसभा-लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनी। साथ ही कई अहम फैसले पार्टी की और से लिए गए। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने के लिए एक सलाहकार समिति का गठन, पार्टी में आंतरिक सुधार के लिए एक सप्ताह के अंदर टास्क फोर्स का गठन, साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती तिथि 2 अक्टूबर से ‘भारत जोड़ो’ पदयात्रा शुरू करने जैसे कई अहम फैसले लिए गए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समापन भाषण में बताया कि, जिला स्तर के जन जागरण अभियान का दूसरा चरण 15 जून से दोबारा शुरू किया जाएगा। अभियान के दौरान आर्थिक मुद्दों को उजागर किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह हमारी प्रतिबद्धता है। यह हमारा नवसंकल्प है। कांग्रेस का नया उदय होगा। यह हमारा नवसंकल्प है।
एक परिवार एक टिकट का फॉर्मूला...
कांग्रेस पार्टी ने 'एक परिवार-एक टिकट' का फॉर्मूला तय किया है। इसके साथ ही पार्टी ने शर्त रखी है कि, चुनाव लड़ने के इच्छुक परिवार के किसी अन्य सदस्य को टिकट तब मिलेगी। जब उन्होंने कम से कम 5 साल तक अच्छे तरीके से पार्टी के लिए काम किया हो। यह फॉर्मूला प्रियंका गांधी जैसे नेताओं के लिए चुनाव लड़ने का मार्ग खोल देगा। प्रियंका गांधी 2019 से पार्टी में पदों पर काम कर रही हैं, लेकिन अभी तक चुनाव नहीं लड़ा है।
कांग्रेस लागू करेगी 1 व्यक्ति-1 पद का नियम...
कोई भी व्यक्ति किसी एक दल के पद पर 5 वर्ष से अधिक समय तक नहीं रहेगा। कार्यकाल समाप्त होने के बाद पदाधिकारियों को अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
50 वर्ष से कम आयु वालों के लिए पार्टी के 50 प्रतिशत पद...
यह कांग्रेस संगठन के प्रत्येक स्तर पर पार्टी समितियों में 50 वर्ष से कम आयु वालों के लिए पार्टी के 50 प्रतिशत पदों को अलग रखेगी। यह फॉर्मूला चुनाव के वक्त टिकट बंटवारे में भी लागू होगा।
एक नजर यहां भी-
-अगले 90 से 180 दिनों में पूरे देश मे ब्लॉक से लेकर जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के खाली पदों पर नियुक्तियां हो जाएगी। अब ब्लॉक कांग्रेस के साथ-साथ मंडल कांग्रेस कमिटियों का भी गठन होगा। संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर 3 नए विभागों का गठन होगा।
-पब्लिक इनसाईट डिपार्टमेंट भी बनेगा, जो भिन्न-भिन्न विषयों पर जनता के विचार जानने व नीति निर्धारण हेतु तर्कसंगत फीडबैक कांग्रेस नेतृत्व को देंगे।
-राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का गठन होगा, जो पार्टी की नीतियों, विचारधारा, दृष्टि, सरकार की नीतियों व मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देगा। केरल स्थित ‘राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़’ से इस राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की शुरुआत होगी।
-AICC लेवल पर इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट बनेगा, जिससे हर चुनाव की तैयारी प्रभावशाली तरीके से होगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के तहत AICC से लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन होगा। उसी के आधार पर पार्टी में फिर उन्हें प्रमोशन मिलेगा। निष्क्रिय पदाधिकारियों की छंटनी होगी।
-5 वर्षों से अधिक कोई भी व्यक्ति एक पद पर नहीं रहेगा। नए लोगों को मौका दिया जाएगा। CWC, AICC, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल पदाधिकारियों में 50 प्रतिशत पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम होगी। राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल संगठनों की इकाईयों में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलेगा।
यदि किसी के परिवार में दूसरा सदस्य राजनीतिक तौर से सक्रिय है, तो 5 साल के संगठनात्मक अनुभव के बाद ही वह व्यक्ति कांग्रेस टिकट के लिए पात्र माना जाएगा। उत्तर-पूर्व के प्रांतों के लिए गठित की गई नॉर्थ ईस्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष को CWC का आमंत्रित सदस्य बनाया जाएगा। CWC सदस्यों में से कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा एक समूह का गठन होगा, जो समय-समय पर जरूरी व महत्वपूर्ण राजनैतिक विषयों पर निर्णय लेने हेतु कांग्रेस अध्यक्ष को सुझाव देगा।
हर राज्य के स्तर पर भिन्न-भिन्न विषयों पर चर्चा करने व निर्णय हेतु एक ‘‘पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी’’ का गठन होगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व प्रदेश कांग्रेस कमिटियों का सत्र साल में एक बार अवश्य होगा।
जिला, ब्लॉक व मंडल कमिटियों की बैठक नियमित रूप से होगी। आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हर जिला स्तर पर 9 अगस्त से 75 किलोमीटर लंबी पदयात्रा शुरू होगी। मीडिया व संचार विभाग के अधिकार क्षेत्र, कार्यक्षेत्र व ढांचे में बदलाव होगा। मीडिया, सोशल मीडिया, डाटा, रिसर्च, विचार विभाग आदि को संचार विभाग से जोड़ एक्सपर्ट्स की मदद से और प्रभावी बनाया जाएगा।