BIG NEWS: नीमच से छीनी जा रही सौगातों, NCC हेडक्वार्टर से जारी हुए स्थानांतरण आदेश, कांग्रेस नेता तरूण बाहेती का बड़ा खुलासा, भाजपा नेताओं को खुली बहस की चुनौती, पढ़े खबर
नीमच से छीनी जा रही सौगातों, NCC हेडक्वार्टर से जारी हुए स्थानांतरण आदेश, कांग्रेस नेता तरूण बाहेती का बड़ा खुलासा, भाजपा नेताओं को खुली बहस की चुनौती, पढ़े खबर
नीमच। आखिरकार एनसीसी हेड क्वार्टर से नीमच एनसीसी बटालियन को मंदसौर स्थानांतरित करने के आदेश जारी हो गए। साथ ही एनसीसी बटालियन का नाम भी बदल दिया गया। अब नीमच की एनसीसी बटालियन मंदसौर बटालियन कहलाएगी।
मामले में कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने एनसीसी हेड क्वार्टर से जारी आदेश की प्रति जारी करते हुए कहा कि, आखिरकार नीमच की एक और सौगात को सांसद सुधीर गुप्ता मंदसौर ले जाने में कामयाब रहे और नीमच जिले के विधायकगण व सत्तारूढ़ भाजपा के पदाधिकारी चुपचाप देखते रहे। बाहेती ने जिले के तीनों विधायक और भाजपा नेताओं को नीमच से छीनी जा रही सौगातों के मामले में सार्वजनिक खुली बहस की चुनौती दी। साथ ही बाहेती ने कहा कि, सांसद सुधीर गुप्ता को आखिर नीमच से ऐसी क्या दुश्मनी है, जो वे नीमच जिले से एक-एक सौगातों को छीनकर मंदसौर ले जा रहे हैं।
बाहेती ने कहा कि, एक तरफ नीमच जिले में मंत्री और विधायक जिला प्रशासन के दम पर झूठी विकास यात्राएं निकाल जनता के समक्ष ढिंढोरा पीटते रहे। वहीं दूसरी और इन्हीं मंत्री, विधायकों के सामने सांसद गुप्ता नीमच की 43 वर्ष पुरानी सौगात एनसीसी बटालियन को मंदसौर लेकर चले गए। विडंबना यह है कि, एनसीसी बटालियन को नीमच से मंदसौर ले जाने का मुद्दा उठने के बाद भी मंत्री व जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार व मनासा विधायक अनिरूद्ध माधव मारू चुपचाप इस खेल को देखते रहे और सांसद गुप्ता के समक्ष मुंह तक नहीं खोल पाए। बाहेती का आरोप है कि, नीमच एनसीसी बटालियन के लिए आवाज उठाने व रैली निकालने वाले छात्रों को सांसद गुप्ता के निर्देशों पर एनसीसी अधिकारियों ने डराया-धमकाया और कार्रवाई करने की धमकी तक दी।
बाहेती ने कहा कि, नीमच की सुविधाओं को मंदसौर ले जाने पर नीमच के भाजपा नेता आखिर किस बात पर डर कर कुछ नहीं बोल पा रहे हैं और ना ही किसी प्रकार का विरोध कर रहे हैं। इसका सीधा मतलब है कि नीमच की सुविधाओं को मंदसौर ले जाने में इनकी भी मौन सहमति है। एनसीसी मुख्यालय को मंदसौर ले जाने की प्रकिया इतना गोपनीय तरीके से की गई कि नीमच जिला कलेक्टर को भी इसकी भनक तक नहीं लग पाई। एनसीसी का भवन नही होने पता लगते ही उन्होंने एनसीसी को भवन उपलब्ध करवा दिया था फिर भी सांसद की दबाव में षडयंत्र पूर्वक एनसीसी कार्यालय को मंदसौर ले जाया गया।
वह दिन दूर नहीं, जब नीमच तहसील मुख्यालय जैसी स्थिति में होगा-
हालात यह है कि, नीमच की एनसीसी बटालियन का मंदसौर स्थानांतरण कराने के साथ ही सांसद सुधीर गुप्ता ने बटालियन का नाम परिवर्तित कराते हुए मंदसौर एनसीसी बटालियन करा दिया है ताकि वे मंदसौर की जनता को दिखा सके कि उनके सांसद ने मंदसौर जिले के लिए क्या किया है।
बाहेती ने आरोप लगाया कि, नीमच के विधायकों का सांसद के प्रति ऐसा ही रवैया रहा तो वो दिन दूर नहीं जब नीमच जिला मुख्यालय न होकर किसी तहसील मुख्यालय की तरह हो जाएगा। पूर्व में जब नीमच जिला नहीं था, तब नीमच में जो जनप्रतिनिधि रहे, उन्होंने नीमच को कई सौगातें दिलाई थी, जिसमें ओपियम फैक्ट्री, डीएनसी कार्यालय, स्वीमिंग पुल, फुटबॉल स्टेडियम, जाजू सागर, रेतम बैराज, गाडगिल सागर बांध आदि कई ऐसी सुविधाएं और सौगातें हैं, जिन्हें गिनाना मुश्किल है। अब सांसद गुप्ता उन्हीं सौगातों को मंदसौर ले जाने पर आमादा है, जिसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं, लेकिन समस्या यह है कि जो नीमच का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वे सांसद के सक्षम अपनी जुबान तक नहीं खोल पा रहे हैं।
विधायक और भाजपा नेताओं को तरूण बाहेती की खुली बहस की चुनौती-
बाहेती ने कहा कि, इससे पहले भी सांसद नीमच जिले से कोटा-बांसवाड़ा हाईवे, सैनिक स्कूल, अफीम सीपीएस फैक्टरी, कई ट्रेनों का स्टॉपेज व अन्य कई सौगातें व सुविधाएं छीन चुके हैं। मेडिकल कॉलेज के मामले में भी सांसद गुप्ता अंत तक नीमच के विरोध में रहे। आखिरकार सांसद गुप्ता ने 9 साल के कार्यकाल में नीमच जिले को क्या सुविधाएं व सौगातें दी है, यह अपने आप में शोध एवं खोज का विषय है।
बाहेती ने नीमच के मंत्री, विधायक और भाजपा नेताओं को खुली चुनौती देते हुए कहा कि, वे नीमच से छीनी जा रही सौगातों के मामले में किसी भी मंच पर सार्वजनिक रूप से बहस करें और जिले से सौगातों को छीनने के मामले में अपना रवैया स्पष्ट कर बयान जारी करें अन्यथा यहीं माना जाएगा कि नीमच से सौगातें छीनने के मामले में जिले के मंत्री, विधायक व भाजपा नेताओं की भी सहमति है।