NEWS: हिंदी भाषा की महत्ता पर कार्यक्रम का आयोजन, शिक्षक प्रहलादसिंह शक्तावत बोले- राष्ट्रीय एकता-अखंडता में भाषा करती है ऑक्सीजन का काम, पढ़े खबर
हिंदी भाषा की महत्ता पर कार्यक्रम का आयोजन, शिक्षक प्रहलादसिंह शक्तावत बोले- राष्ट्रीय एकता-अखंडता में भाषा करती है ऑक्सीजन का काम, पढ़े खबर
पालसोड़ा। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पालसोड़ा में प्राचार्य एम.के.पाटनी के मार्गदर्शन में हिंदी भाषा की महत्ता पर एक वृहद कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में हिंदी में ज्ञान के प्रकाश तथा हिंदी के नाम का दीप प्रज्ज्वलित किया गया।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ शिक्षक प्रहलादसिंह शक्तावत ने अपने उद्बोधन में संबोधित करते हुए कहा कि, भावों की अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा है। यह विचारों के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम है। हिंदी भारत माता के सुहाग की बिंदी है। राष्ट्रीय एकता अखंडता में भाषा ऑक्सीजन का काम करती है। सभी धर्म की साधना के मंत्रों का निर्माण हिंदी के माध्यम से ही हुआ है।
कार्यक्रम को शिक्षक मुकेश जैन ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई 16 अक्टूबर से हिंदी में शुरू की जा रही है।हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने वाला देश का पहला राज्य मध्य प्रदेश है। आजादी के अमृत महोत्सव पर आजादी के 75 साल बाद कम से कम एक अच्छी शुरुआत हुई है। मध्यप्रदेश के यशस्वी लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने का फैसला लिया है। यह शिवराज सरकार की अद्भुत पहल है। प्रदेश के युवा चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी बधाई के पात्र हैं।
जिस विश्वास के साथ उन्होंने इस दिशा में बड़े प्रयास को शुरू किया। यह प्रयास लक्ष्य तक पहुंचेगा। माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने राष्ट्रभाषा हिंदी को एक नया गौरव प्रदान करने की दिशा में कदम उठाया है। यह उस वर्ग के शैक्षणिक उन्नयन के लिए बहुत बड़ी पहल है। जो सिर्फ इस कारण अपनी प्रतिभा के बाद भी पिछड़ जाने को विवश रहता है, कि उसे एक विदेशी भाषा अंग्रेजी का ज्ञान नहीं है।
शिवराज सरकार का यह प्रयोग अंततः देश के समस्त हिंदी भाषी राज्यों के लिए एक मिसाल बन जाएगा।यह भी संभव है कि इस निर्णय के बाद मध्य प्रदेश मेडिकल पढ़ाई के लिए लिहाज से हिंदी भाषी अन्य राज्यों के छात्र-छात्राओं का बड़ा हब बन जाएं ।हिंदी के प्रयोग के साथ मेडिकल की प्रतिभाएं आगे आएगी। तो न सिर्फ, इसे राष्ट्रभाषा का गौरव बढ़ेगा बल्कि पारंपरिक भारतीय ज्ञान का भी चिकित्सा सेवाओं में और अधिक प्रयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा। इस अवसर पर शिक्षक नरेंद्र राठौर, अनिल धाकड़, महेंद्रसिंह शक्तावत, सोमदेव पंड्या, राधेश्याम चौधरी, कन्हैयालाल व्यास, श्रीमती मीना चौहान और पायल बोराना उपस्थित रहें।