NEWS: पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत आयु निर्धारण एवं विवेचना का विषय, एक दिवसीय दक्षता संवर्धन कार्यशाला संपन्न, पढ़े खबर

पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत आयु निर्धारण एवं विवेचना का विषय, एक दिवसीय दक्षता संवर्धन कार्यशाला संपन्न, पढ़े खबर

NEWS: पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत आयु निर्धारण एवं विवेचना का विषय, एक दिवसीय दक्षता संवर्धन कार्यशाला संपन्न, पढ़े खबर

नीमच। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन संचालनालय भोपाल म.प्र. माननीय अन्वेष मंगलम के मार्गदर्शन में पाॅक्सो एक्ट के अंतर्गत आयु निर्धारण एवं विवेचना के विषय पर विवेचको एवं संकुल प्राचार्यों की एक दिवसीय दक्षता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी जगदीश चौहान के निर्देशन पर सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी विवेक सोमानी की अध्यक्षता में संपन्न कराई गई।

पुलिस विभाग के उपनिरीक्षक स्तर के विवेचको एवं संकुल प्राचार्यों की पाॅक्सो एक्ट के अंतर्गत आयु निर्धारण एवं विवेचना के विषय पर दक्षता को बढ़ाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सुबह 10 बजे से जिला पंचायत सभागार भवन में किया गया। जिसमें लगभग 55 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया। 

मुख्य अतिथि माननीय विवेक कुमार श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो एक्ट), संजय कुमार जैन, सचिव, जिला विधिक सेवा प्र्रधिकरण, गुरू प्रसाद, मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला पंचायत, सुंदरसिंह कनेश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अरविंद दरिया, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नीमच, सदाशिव दांगौडे़, जेएमएफसी, नीमच एवं सी.के शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, नीमच द्वारा पाॅक्सों एक्ट अंतर्गत आयु निर्धारण एवं विवेचना में आने वाली कठिनाईयों के संबंध में व्याख्यान प्रस्तुत किये गये।

कार्यशाल में मुख्य अतिथि विवेक कुमार श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो एक्ट), नीमच द्वारा आयु निर्धारण एवं विवेचना में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों के संबंध में विस्तृत व्याख्यान देते हुए बताया गया की ऐसे अपराधों के प्रति सभी को संवेदनशील होना चाहिए व विवेचक को आयु के संबंध में कौन-कौन सी दस्तावेजी साक्ष्य एकत्रित की जानी चाहिए, इसके अतिरिक्त कौन-कौन सी साक्ष्य विधिक दृष्टी से मजबूत होती है व कौन सी कमजोर होती हैं, तथा न्यायालय में साक्ष्य के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया था।इसके अतिरिक्त उनके द्वारा पाॅक्सों एक्ट के प्रावधानों का कडाई से पालन किये जाने एवं पीडिता को भी विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सहायता प्रदान करने के संबंध में मार्गदर्शन देते हुए प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब व शंकाओं का समाधान किया गया।

कार्यशाला में सुंदर सिंह कनेश, अति. पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यशाला में उपस्थित समस्त पुलिस अधिकारियों को कार्यशाला में सक्रिय रूप से सहभागिता लेने एवं सीखे गये समस्त विधिक ज्ञान का प्रवर्तन विवेचना में किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। गुरू प्रसाद, सीईओ जिला पंचायत, नीमच द्वारा व्यक्त किया गया कि समाज में जो बालकों के प्रति अपराध बढ रहे हैं, उससे बचाव एवं अपराधियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने में यह कार्यशाला महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। संजय कुमार जैन, सचिव, जिला विधिक सेवा प्रधिकरण, नीमच द्वारा विवेचकों एवं संकुल प्राचार्यों को व्याख्यान देते हुए बताया गया कि उन्हें न्यायालय में साक्ष्य देने हेतु उपस्थित होने से पूर्व क्या-क्या तैयारी करके आना चाहिए। 

सी.के शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, नीमच द्वारा सभी संकुल प्राचार्यों को निर्देशित किया गया कि उन्हें इस कार्यशाला में जो विधिक ज्ञान की प्राप्ती हो उस संबंध में बालकों एवं उनके पालकों को जागरूक करना हैं, जिससे इस प्रकार के अपराधों के प्रति जागरूकता आये एवं उप पर रोक लगे। राजकुमार रामनानी, विशेष लोक अभियोजक (सी.बी.आई.) एवं से.नि. उपसंचालक (अभियोजन) द्वारा बाल अपचारी की आयु के निर्धारण के संबंध में कानूनी प्रावधानों को समझाया गया। अरविंद दरिया, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नीमच, सदाशिव दांगौडे़, जेएमएफसी, नीमच एवं जगदीश चैहान, जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रतिभागियों मार्गदर्शन प्रदान करते हुए उनके द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया गया एवं कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया। कार्यशाला में आये अतिथियों का आभार व्यक्त चंद्रकांत नाफड़े, एडीपीओ द्वारा किया गया तथा मंच का संचालन योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा किया गया।