NEWS : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष, चीताखेड़ा में इन्होंने निकाला पथ संचलन, घोष की धून पर मिलाएं कदम-ताल, जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत, पढ़े खबर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष

रिपोर्ट- आजाद मंसूरी
चीताखेड़ा। जीरन खंड के ग्राम चीताखेड़ा में शनिवार को संघ शताब्दी वर्ष के अवसर पर स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश के साथ केसरिया ध्वज के साथ, जयघोष की गूंज व हाथों में दंड लेकर अनुशासन बद्ध कदमताल के साथ संचलन का अनुपम दृश्य प्रस्तुत किया। पथ संचलन जिस मार्ग से होकर गुजरा ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया।
कार्यक्रम जिला बोद्धिक प्रमुख वैभव ओझा ने संबोधित करते हुए कहा कि, संघ का गुरु ध्वज है। संघ की शताब्दी हमें यह संदेश देती है कि, संगठन तभी अमर होता है जब उसका आधार व्यक्ति नहीं, ध्वज और विचार हो। यह ध्वज समय की आंधी से परे हैं। यह ध्वज संघ को लाभ से बचाता है और सेवा के मार्ग पर टिकता है। कहा कि भारत का उत्थान होगा तो मानवता का कल्याण होगा, और भगवा ध्वज इसी समरसता और मानवता का प्रतीक है।
संघ की 100 वर्षों की यात्रा और समाज में लाए गए पांच प्रमुख परिवर्तनों का बोध (स्वदेशी), नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता एवं कुटुंब प्रबोधन पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य अतिथि वरिष्ठ कालूलाल झातरिया, जीरन खण्ड कारवाह भगतसिंह, मण्डल पालक धीरज बैरागी विशेष रूप से उपस्थित थे। ग्रामीणों का उत्साह, सहभागिता और आत्मीय स्वागत संघ के कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला रहा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में संगठन अनुशासन और राष्ट्र प्रेम की भावना को सुदृढ़ करना रहा।
गांव में निकला प्रभावी पथ संचलन गौरवशाली संघ का गणवेश धारण करके राष्ट्र वीरों की सेना जब गांव की गलियों से हाथों में दंड लेकर जय घोष ध्वनि पर कदमताल करते हुए अनुशासन में निकली, तो इन्हें देखने वालों का रोम-रोम राष्ट्रभक्ति में सरोबौर हो गया। सर्वप्रथम शाखा लगाई गई बौद्धिक कार्यक्रम के पश्चात ध्वज प्रणाम किया गया। जिसके बाद पुराना हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर चीताखेड़ा से ढोल तंबूर के साथ पथ संचलन गांव के मुख्य मार्ग से निकाला गया।