BIG NEWS : गणना 2025, तीन दिनों तक चली गिनती, सफेद और देशी सहित चार अन्य प्रजाति के गिद्ध मिले, नीमच जिले में कितने वल्चर, पढ़े खबर
गणना 2025, तीन दिनों तक चली गिनती

नीमच। जिले में 17 फरवरी से प्रारंभ हुई तीन दिवसीय शीतकालीन गिद्ध गणना संपन्न हुई। यह गणना 17 से 19 फरवरी तक प्रतिदिन सुबह 7 से 9 बजे के बीच चली। इस दौरान वन एवं राजस्व क्षेत्रों जहां गिद्धों की उपस्थिति देखी गई, जिसमें अधिकारी-कर्मचारी और वॉलंटियर्स तैनात रहे। मैदानी अमले द्वारा वनमण्डल की 93 बीटों के वन एवं राजस्व क्षेत्रों तथा ऊंचे चट्टानी क्षेत्रों में गिद्धों की गणना की। इस तीन दिवसीय सर्वेक्षण में इजिप्शियन (सफेद) गिद्ध, देशी गिद्ध अधिकतम एवं 04 अन्य प्रजाति के गिद्ध देखे गये।
तीन दिवसीय गिद्ध गणना में नीमच जिले में प्रथम दिवस कुल 519, द्वितीय दिवस कुल 578 एवं तृतीय दिवस कुल 633 गिद्धों की गणना में उपस्थिति दर्ज हुई। इस गणना कार्य में बैठे हुए गिद्धों की ही गणना की गई। पिछले वर्ष 2024 की गिद्ध गणना में अधिकतम 460 गिद्ध पाये गये थे। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गिद्धों की संख्या में 37 प्रतिशत की वृद्धि पायी गयी। वनमण्डल नीमच के वनक्षेत्रों में गिद्धों की संख्या में यह वृद्धि संरक्षण प्रयासों का परिणाम है, जिसमें डाइक्लोफेनाक, निमेसुलाइड जैसी दवा पर प्रतिबंध, वनक्षेत्रों के आसपास लगे ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और गिद्धों के प्राकृतिक आवास की सुरक्षा शामिल है। गिद्ध पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे मृत जानवरों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं।
इस सर्वेक्षण में एस.के अटोदे वनमण्डलाधिकारी नीमच, दशरथ अखण्ड उपवनमण्डलाधिकारी नीमच/मनासा के साथ-साथ डॉ. श्रीमती रश्मी श्रीवास्तव डिप्टी कलेक्टर, श्रीमती डॉ. साधना सेवक शासकीय कन्या महाविधालय (जन्तु विज्ञान के प्राध्यापिका) एवं पर्यावरण प्रेमी इन्द्रजित सिंह, ग्राम वन समिति सदस्य ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई, जिन्होंने गिद्धों के महत्व और उनकी घटती संख्या के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद की। यह वृद्धि न केवल वन क्षेत्रों के लिए, बल्कि समग्र पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। उक्त जानकारी दशरथ अखण्ड उपवनमण्डलाधिकारी नीमच द्वारा उपलब्ध करायी गयी।