BIG NEWS: भाई के साथ मिलकर पति की हत्या, अब आरोपिया पत्नी को आजीवन कारावास, जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में न्यायालय का पहला बड़ा फैसला, घटना जीरन थाना क्षेत्र की, पढ़े खबर
भाई के साथ मिलकर पति की हत्या
नीमच। माननीय अरविंद दरिया, अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा भाई एवं उसके दोस्त के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाले आरोपीया पत्नी मायाबाई पति पुखराज ओढ़ (36), निवासी- ग्राम ब्राम्हणों का गुड़ा, जिला उदयपुर को धारा- 302 सहपठित 120 बी भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास व 5 हजार अर्थदण्ड एवं धारा- 201 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 7 वर्ष के सश्रम कारावास व 2 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
शासन की और से प्रकरण के संचालनकर्ता बी.एस. ठाकुर, उपसंचालक (अभियोजन) द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि, दिनांक- 24.06.2017 को कमलेश जाट नामक व्यक्ति को जलेश्वर महादेव मंदिर के पास ग्राम हरवार के जंगल में एक सड़ी हुई लाश दिखाई दी, जिसकी सूचना उसने जीरन पुलिस को दी। जीरन पुलिस द्वारा लाश का पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें सिर पर चोट आने से मृतक की मृत्यु होना पाया गया। तथा मृतक की पहचान पुखराज पिता बंशीलाल औड़ के रूप में हुई।
मर्ग जांच के बाद तीन आरोपीगण जिसमें मृतक की पत्नी मायाबाई, साला भीमा व उसका दोस्त कालु उर्फ कारूलाल के विरूद्ध अपराध क्रमांक- 176/17, धारा- 302, 201, 120 बी, 34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की। अनुसंधान में पाया गया कि, मृतक आरोपिया मायाबाई पर शंका करता था। इससे परेशान होकर जब दिनांक- 20.06.2017 को मृतक अपनी नातरे लायी पत्नी आरोपिया मायाबाई के साथ 10 हजार रूपए लेकर साले की शादी में जाने हेतु उदयपुर रवाना हुआ। तब योजना बनाकर रास्ते में मायाबाई ने उसके भाई भीमा औढ़ व कारूलाल भील से मिलकर उसके पति की पत्थरो से कुचलकर हत्या कर दी व रूपये व एटीएम ले लिये थे।
पुलिस जीरन द्वारा विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार करके आवश्यक साक्ष्य एकत्रित किये जाने के उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन द्वारा इस प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया। प्रकरण के विचारण के दौरान आरोपिया मायाबाई फरार हो गई थी। जिस कारण 2 आरोपीगण भीमा ओढ़ व कालु उर्फ कारू उर्फ ओमप्रकाश भील के संबंध में ही संपूर्ण विचारण उपरांत तत्कालीन माननीय अपर सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक- 17.11.2019 को पारित निर्णय में दोनों आरोपीगण को आजीवन कारावास से दण्डित किया। इसके बाद आरोपीया मायाबाई को गिरफ्तार किया जाकर उसके विरूद्ध पुनः विचारण न्यायालय में चला। जिसके पश्चात् माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीया मायाबाई के संबंध में दिनांक- 09.01.2024 को यह निर्णय पारित किया।
विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कड़ियो को जोड़ने वाले सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के कथन न्यायालय में कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। अभियोजन की और से प्रकरण में श्री बी. एस. ठाकुर, उपसंचालक (अभियोजन), द्वारा लिखित में अंतिम तर्क प्रस्तुत किये गये तथा दण्ड के प्रश्न पर तर्क दिया कि आरोपीया द्वारा अन्य आरोपीगण द्वारा षड़यंत्रपूर्वक पत्थरो से कुचलकर उसके पति की हत्या की। इसलिए आरोपिया को कठोर से कठोरतम दण्ड से दण्डित किया जाना चाहिए। अभियोजन के तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपिया को उक्त दण्ड से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी बी. एस. ठाकुर, उपसंचालक (अभियोजन), नीमच द्वारा की।