NEWS: बजरंग दल ने जीरन में निकाला शौर्य संचलन, पूर्ण गणवेश के साथ मिलाई कदम ताल, नगरवासियों ने किया भव्य स्वागत, पढ़े खबर
बजरंग दल ने जीरन में निकाला शौर्य संचलन, पूर्ण गणवेश के साथ मिलाई कदम ताल, नगरवासियों ने किया भव्य स्वागत, पढ़े खबर
जीरन। नगर में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल का शोर्य संचलन किलेश्वर महादेव मंदिर किले पर पूरे प्रखंड से बजरंग दल के कार्यकर्ता एकत्रित हुए, संचलन की विधिवत शुरुआत मंचासिन अतिथि निर्मल देव नरेला प्रांत अर्चक पुरोहित, विभाग संयोजक लक्की बड़ोलिया, जिला मंत्री लक्ष्मण राठौर, जिला संयोजक दुर्गेश धनगर, प्रखंड संयोजक पवन बैरागी ने रामदरबार व भारत मां के चित्र पर माल्यार्पण व द्विप प्रजव्वलित कर की।
नगर में कदम ताल मिलाते हुए कार्यकर्ता संचलन में निकले संचलन नगर के प्रमुख मार्ग किलेश्वर महादेव से नीम चौक, सदर बाजार, राजपूत मोहल्ला, प्रतापगढ़ चौराहा, नया बस स्टेंड से पाटीदार मोहल्ला होते हुए पुराने बस स्टेंड, गणपति मंदिर से बस स्टैंड होते हुए कामरियो का मोहल्ला, गायरी मोहल्ला, पुराने थाने होते हुए पुनः किलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचा। नगर वासियों द्वारा संचलन का जगह जगह पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया।
विभाग संयोजक लक्की बडोलिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि, गुरु तेग बहादुर का शीश काटने से लेकर कन्हैय्या लाल तक जिहादी मानसिकता नही बदली गुरु तेगबहादुर सिंह का शीश काटने से लेकर राजस्थान में कन्हैयालाल का शीश काटने तक, नालन्दा विश्व विद्यालय को ध्वस्त करने जलाने से लेकर, बंगाल में हम हिंदुओं के घर जलाने तक, बंदा बहादुर शंभु राजे को क्षत विक्षत करने से लेकर श्रद्धा के 35 टुकड़े करने तक इस्लाम और उसके जिहादियों में कोई अंतर नही आया, प्रभु श्री राम चाहते तो 1 बाण से समुद्र सूखा सकते थे परन्तु वे जानते थे कि कलियुग में ये आसुरी शक्तियां प्रमाण मांगेगी, इसीलिए नील, नल, जामवंत, सुग्रीव की सेना के सहयोग से रामसेतु बनाया। जो राम को नही मानते थे, रामायण को काल्पनिक बताते थे, मस्जिदों मौलानाओं से वोट डालने के फतवे जारी करवाते थे, अब कोर्ट के आगे जनेऊ पहनकर दिखाते है कि हम भी हिन्दू है, मन्दिर जाते है, पूजा करते है।
प्रांत अर्चक पुरोहित निर्मलदेव नरेला ने अपने उद्बोधन में कहा की भारत की मूल प्रकृति ना होने के बावजूद यहां पर छुआछूत व ऊंच-नीच एक महामारी का रूप धारण कर चुकी थी डॉक्टर अंबेडकर का यह स्पष्ट मत था कि अगर भारत के संत महात्मा मिलकर यह घोषणा करें कि हिंदू धर्म शास्त्रों में छुआछूत का कोई स्थान नहीं है तो इस अभिशाप को समाप्त किया जा सकता है, सन 1969 में उडूपी में आयोजित विश्व हिंदू परिषद संत सम्मेलन में भारत के प्रमुख संतो के द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसका मूल मंत्र था हिंद वह सोदरा सर्वे न हिन्दू पतितो भवेत सारे हिंदू भाई हैं संतों के उद्घोष के साथ ही संपूर्ण देश में स्थित अस्पृश्यता से मुक्ति पाने के लिए सार्थक प्रयास प्रारंभ हुआ अर्थात विश्व हिंदू परिषद भारत के महापुरुषों के विचारों के अनुसार ही देश की एकजुटता के लिए काम कर रहा है। यह परिवर्तन यह एकजुट हिन्दू समाज की शक्ति का परिणाम है।
इस अवसर पर जिला सहमंत्री कैलाश मालवीय, बजरंग दल जिला सहसंयोजक विजेश छपरी, जिला साफ्ताहिक मिलन राहुल कुशवाह, विद्यार्थी प्रमुख दिलीप राठौर, नरेंद्र सिंह, दीपक पाटीदार, भरत प्रजापति उपस्थित हुए! अतिथि परिचय व संचालन जिला सहसंयोजक अनिल सिंह सिसोदिया ने किया तो आभार प्रखंड सहमंत्री प्रभुलाल पाटीदार ने किया।