BIG REPORT : सोशल मीडिया पर धमकी भरी पोस्ट, रुपयों के लिए करता कांड, डॉन बनने की चाह में हुआ अंधा, तो नीमच में पत्रकार पर किया जानलेवा हमला, अब रिश्तेदारों ने बनाई दूरी, और पाई-पाई से मोहताज ओमप्रकाश भाटी, आखिर ये कहां हो गया भूमिगत, आरोपी का कच्चा चिट्ठा उजागर...! पढ़े ये खास रिपोर्ट

सोशल मीडिया पर धमकी भरी पोस्ट

BIG REPORT : सोशल मीडिया पर धमकी भरी पोस्ट, रुपयों के लिए करता कांड, डॉन बनने की चाह में हुआ अंधा, तो नीमच में पत्रकार पर किया जानलेवा हमला, अब रिश्तेदारों ने बनाई दूरी, और पाई-पाई से मोहताज ओमप्रकाश भाटी, आखिर ये कहां हो गया भूमिगत, आरोपी का कच्चा चिट्ठा उजागर...! पढ़े ये खास रिपोर्ट

रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा 

नीमच। शहर में दिन-दहाड़े पत्रकार पर हुए हमले के बाद हमलावार आरोपी का कच्चा चिट्ठा भी सामने आने लगा। चाकूबाजी की वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ आरोपी ओमप्रकाश भाटी भूमिगत तो हो गया, लेकिन चंद घंटों में ही इसके कई चौकाने वाले राज उजागर होने लगे, ये डॉन बनने की चाह में अवैध कामों को अंजाम तो देता ही है, साथ ही सोशल मीडिया पर भी धमकाने-चमकाने जैसी पोस्ट आएं दिन अपलोड करता है, किसी से रूपया लेना हो, चाहे किसी का मकान खाली कराना हो, या फिर कब्जा दिलाना हो, ऐसे अवैध धंधों को अंजाम देकर ही ओमप्रकाश भाटी अपनी रोजी-रोटी चलाता है। चंद रूपयों के लिए ये किसी पर भी जानलेवा हमले जैसी वारदातों को अंजाम देने से नहीं चूंकता, और इसीलिए इसने पत्रकार राजेश प्रपन्न पर महज पांच हजार रूपये के लेनदेन के पीछे चाकू से वार कर डालें। 

अपने आप को शिवसेना का जिला प्रमुख बताने वाला ये ओमप्रकाश अगर ऐसे ही जानलेवा हमले लोगों पर करता है, तो शिवसेना में इसे एक जिम्मेदार पद पर बैठने कैसे दिया गया, यह भी एक बड़ा सवाल है...? इतना ही नहीं, इस छूटभईये नेता ने शिवसेना के साथ ही गौसेवा करने का सफेद चौला भी ओड़ा हुआ था। शुरूवात में इसने एक या दो मृतक लावारिस गायों को दफनाने का जिम्मा उठाया, और फिर जब मृतक लावारिस गायों को उठाने और विधि-विधान से उन्हें दफनाने के लिए इसके पास फोन आने लगे, तो इसने उन लोगों से ही रूपयों की वसूली करना शुरू कर दी। 

पाई-पाई का मोहताज ये फरार आरोपी ओमप्रकाश भाति शहर में दहशत फैलाने के लिए अधिकतर सोशल मीडिया पर एक्टिव भी रहने लगा, और कई तरह की आपत्तिजनक पोस्ट भी इसने सोशल मीडिया पर अपलोड की, और उन्हीं धमकाने-चमकाने वाली पोस्ट को सही साबित करने के लिए इसने पत्रकार राजेश प्रपन्न पर दिन-दहाड़े जानलेवा हमला कर दिया। लेकिन एसपी अंकित जायसवाल ने जब से नीमच जिले की कमान अपने हाथों में ली है, तब से ही इस तरह के आपराधिक प्रवत्ति वाले अपराधी शराफत का जीवन जीने को मजबूर हो गए, पत्रकार राजेश पर हुए हमले के बाद एसपी अंकित जायसवाल की मॉनिटरिंग और निर्देशन में कैंट पुलिस इस मामले की जांच को गंभीरता से कर रही है, और आरोपी की तलाश भी जारी है, जैसे ही आरोपी ओमप्रकाश पुलिस की गिरफ्त में आएगा, उसके बाद से ही इसकी डॉन बनने की चाह भी खत्म हो जाएगी, क्योंकि नीमच पुलिस इस तरह की दहशतगर्दी फैलाने वाले आरोपियों पर शिंकजा कसने और उन्हें सब सिखाने के लिए हमेशा तैयार और तत्पर है। 

डॉन बनने की चाह में अंधा हुआ ओमप्रकाश, सोशल मीडिया पर करता है दबंगाई- 

सूत्र बताते है कि, तो ये छूटभईयां नेता ओमप्रकाश अपने आपको डॉन साबित करने या यूं कहें डॉन बनने की चाह भी अपने मन में रखता है, इसने कई बार मकान खाली कराने, कब्जा लेने, रूपयों का सेटलमेंट कराने और लेनदेन निपटाने के लिए इससे संपर्क करने जैसी पोस्ट भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड की, आएं दिन ये दबंगाई और डायलोग बाजी के साथ अपनी रिल्स भी अपने अकाउंट पर अपलोड करता है, और पत्रकार राजेश पर हमला करने के पीछे भी इसकी यहीं मंशा थी, लेकिन उसके मंसूबे नाकाम हो गए, और वों अब पुलिस से भी छूपता फिर रहा है। 

कमर में रखता है एयर गन- 

हमारे सूत्र बताते है कि, आरोपी ओमप्रकाश भाटी भोलेभाले लोगों को धमकाने और उनसे रूपये ऐठने के लिए कमर में एक एयर गन भी रखता है, जिसकी धोस जमाकर वह अवैध वसूली किया करता है, बताया जाता है कि, करीब दो से तीन महीने पहले कनावटी गांव में एक विवाद हुआ था। जिसमे यहीं ओमप्रकाश अपनी दबंगाई दिखाने पहुंचा, और इसने वहां एयर गन से फायर भी किएं, जिसके बाद यह मामला कैंट थाने भी पहुंचा था। 

एक्शन में पुलिस, अलर्ट हुए इनफॉर्मर- 

पत्रकार राजेश पर हुए हमले के बाद कैंट और सिटी थाना पुलिस भी हरकत में आई, और दोनों थानों से पुलिस जवान मौके पर पहुंचे। फिर थाना क्षेत्र के मुताबिक कैंट पुलिस ने इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की। आरोपी ओमप्रकाश भाटी के खिलाफ हत्या के प्रयास की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया, और थाना प्रभारी पुष्पासिंह चौहान भी घायल पत्रकार राजेश से मिलने अस्पताल पहुंची। थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की अलग-अलग टीमे अलर्ट है, और उनके मुखबीर तंत्र भी एक्टिव हो गए, आरोपी ओमप्रकाश भाटी की तलाश में पुलिस की टीमें एमपी सहित राजस्थान में भी रुख कर सकती है, साथ ही आरोपी के मोबाइल की डिटेल के आधार पर भी जांच को आगे बढ़ा रही है, पुलिस के तत्काल एक्शन से आरोपी ओमप्रकाश भूमिगत तो हो गया, लेकिन जल्द ही खाकी के हाथ आरोपी की गिरेबान तक होंगे, और माना जा रहा है कि, ऐसे आरोपियों सबक सिखाने और शहर में शांति बनाएं रखने के लिए पुलिस उसका जुलूस भी निकाल सकती है। 

परिवार ने भी बनाई दूरी- 

पत्रकार राजेश प्रपन्न पर हमले के बाद आरोपी ओमप्रकाश गायब हो गया, और छूपता फिर रहा है, बताया जा रहा है कि, वों अपने रिश्तेदारों से कभी रूपयों की, तो कभी अपने घर में शरण देने की भीख मांग रहा है, घटना के बाद पुलिस ने आरोपी ओमप्रकाश की कॉल डिटेल भी निकाली, जिसमे उसके रिश्तेदार और परिवार के कुछ लोगों के नाम भी सामने आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन जानकारों की माने तो, चाकूबाजी की इस घटना की खबर शहर में फैलने के बाद से ही उसके रिश्तेदार और परिवार के लोगों ने भी उससे दूरी बना ली है, क्योंकि परिवार और रिश्तेदारों को भी पता है कि, ओमप्रकाश ने किसी व्यक्ति की जान लेने की कोशिश की है, तो आने वाले समय में यहीं ओमप्रकाश अपनों को भी नहीं बख्शेगा। इसलिएं परिवार और रिश्तेदार भी इससे दूरी बनाने के साथ ही इसके संपर्क में नहीं रहना चाहते है। 

खुद को बताया शिवसेना का नेता, गौसेवक की आड़ में अवैध वसूली और काले कारोबार भी- 

बताया तो यह भी जाता है कि, शिवसेना में इसे जिला प्रमुख का पद मिला हुआ है, और उसी की आड़ में यह खुद को गौसेवक बताने के साथ ही अवैध वसूली और काले काम करता है। इसी कारण से पिछले दिनों हमलावर ओमप्रकाश ने गौशाला के मुद्दे को लेकर कलेक्टर कार्यालय में धरना भी दिया, और अनशन पर बैठ गया था। शुरूवात में तो शिवसेना के कुछ पदाधिकारी और गौसेवा संगठन से जुड़े लोग भी इसका सहयोग करने और समर्थन देने पहुंचे, लेकिन जैसे-जैसे उन्हें इसकी हकीकत पता चली, तो उन्होंने भी इससे दूरी बना ली। गौशालाओं के हिसाब मांगने की आड़ में इसने धरना दिया, और फिर उसी धरने की आड़ में इसके द्वारा गौसेवकों और पदाधिकारियों से अवैध वसूली करने की खबरे भी सामने आई, जिसके बाद इसे धरना छोड़ भागना पड़ा। 

पत्रकार राजेश प्रपन्न के परिवार पर भी मंडराया खतरा- 

आपकों बता दें कि, चाकूबाजी की वारदात को अंजाम देने से पहले इस भगोड़े आरोपी ओमप्रकाश भाटी ने पत्रकार राजेश प्रपन्न की रैकी की, वें दिनभर में कहां आते है, कहां जाते है, उनके परिवार में कौन कहां आ या जा रहा है। राजेश प्रपन्न कब अकेले रहते है, और किस वाहन से जा रहे है, इन सभी बातों की रैकी पहले ओमप्रकाश ने की, हमले से पहले भी ओमप्रकाश भाटी ने राजेश प्रपन्न की दुकान, मकान और निर्माणधीर मकान की रैकी की, फिर सही मौका पाकर राजेश प्रपन्न पर जानलेवा हमला कर दिया। 

पूरे घटनाक्रम पर एक नजर- 

गौरतलब है कि, हिंदी खबरवाला समाचार पत्र के जीरन क्षेत्र के संवादाता राजेश प्रपन्न रोजाना की तरह मंगलवार को भी ग्राम भोलियावास स्थित अपने निर्माणाधीन मकान को देखने गए थे। जहां शाम करीब 6.30 बजे पत्रकार राजेश मजदूरों को चाय पिलाने के लिए गांव के चौराहा पर मौजूद गुमटी के यहां पहुंचे। इसी दौरान पूर्व में ठेकेदारी करने वाला ओमप्रकाश भाटी यहां आया। उसने पत्रकार राजेश से पहले गाली-गालोच करते हुए धमकी दी, और जब राजेश ने गाली करने से मना किया तो पहले तो ओमप्रकाश ने आसपास देखा और फिर अचानक चाकू निकालकर राजेश प्रपन्न पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ वार कर दिए। जिसके बाद ओमप्रकाश भाटी मौके से फरार हो गया। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल हो गया। पत्रकार राजेश के परिजनों सहित ग्रामीण उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया। अपनी दहशतगर्दी और खौफ फैलाने की चाह में ओमप्रकाश द्वारा किए गए इस हमले में पत्रकार राजेश के पेट और हाथ की कलाई में गंभीर चोट आई, चाकू लगने वाली दोनों जगहों पर घाव इतना गहरा था कि खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था। इस घटना के पीछे की वजह महज कुछ रुपयों का लेनदेन होना बताई जा रही है।