BIG NEWS: मंदसौर पुलिस ने किया तीन राज्यों से संचालित संगठित गिरोह का पर्दाफाश, चार आरोपी गिरफ्तार, 35 लाख के ट्रैक्टर बरामद, जालसाजी कर ऐसे करते थे हेराफेरी, पढ़े खबर
मंदसौर पुलिस ने किया तीन राज्यों से संचालित संगठित गिरोह का पर्दाफाश
मंदसौर। शहर में विगत समय से लगातार फाइनेंस कंपनियां के द्वारा फाइनेंस के ट्रैक्टरों की जालसाजी कर षडयंत्र पूर्वक अवैध लाभ अर्जन के उद्देश्य से खपाने या अन्यत्र राज्यों में बेचे जाने संबंधी शिकायते प्राप्त हो रही थी। इसी क्रम में उक्त प्रकार की ही घटना संबंधी एक शिकायत चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी के क्षेत्रिय मैनेजर साजिद पिता शफी खोखर निवासी गरोठ के द्वारा प्रस्तुत करने पर अनुराग सुजानिया पुलिस अधीक्षक मंदसौर के संज्ञान में आने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त प्रकार की समान घटना की लगातार पुनरावृत्ती एक संगठित गिरोह द्वारा संचालित होने का आंकलन व्यक्त कर ऐसी सम्स्त घटनाक्रम की पतारसी एवं रोकथान कर प्रभावी कार्यवाही हेतु निरीक्षक जितेंद्र सिंह सिसोदिया थाना प्रभारी नारायणगढ के नेतृत्व में उप निरीक्षक रितेश नागर व सायबर टीम को निर्देशित कर उचित दिशा निर्देश प्रदाय किए गए।
गौतम सोलंकी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में गठित टीम के द्वारा तकनीकी विश्लेषण कर साक्ष्य एकत्र करना प्रारम्भ किया। आवेदक तथा अन्य फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारियों से पृथक पृथक पूछताछ कर घटनाक्रम के समस्त पहलुओं पर बारीकी से विश्लेषण कर प्रत्येक दिशा में अनुसंधान कर तकनीकी एवं भौतिक साक्ष्यो को सिलसिलेवार एकत्र किये गए। गहनता से किये गए तकनीकी विश्लेषण एवं कुशल सूचना तंत्र को सक्रिय कर सुवासरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धलपट के निवासी सत्तार व उसका पुत्र आसिफ बेलिम की ओर घटनाक्रम की दिशा इंगित होने के साक्ष्य विश्लेषण के दौरान पाए गए।
संपूर्ण घटनाक्रम की पतारसी एवं संगठित गिरोह पर प्रभावी कार्रवाई हेतु पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया के मार्गदर्शन में गठित टीम के साथ निरीक्षक कमलेश प्रजापति एवं उप.निरी. कपिल सौराष्टीय तथा उपनिरीक्षक शिवांशु मालवीय सुवासरा व उपनिरीक्षक विकास गेहलोत को शामील कर अलग-अलग दिशाओं में कार्य करने हेतु अलग अलग टीम गठित की। पुलिस टीम द्वारा व्यावसायिक दक्षता, कार्यकुशलता व लगातार परिश्रम के आधार पर तकनीकी विश्लेषण तथा सक्रिय कुशल जनसंपर्क के माध्यम से एक महत्वपूर्ण सूचना अर्न्तराज्यीय जालसाज गिरोह तक पहुंचाने के संबंध में प्राप्त हुई।
जिस पर त्वरित कार्यवाही कर सुवासरा थाना क्षेत्रान्तर्गत ग्राम ढोढर अर्न्तराज्यीय सीमा पर घेराबंदी व नाकाबंदी कर संदेहीयान सत्तार खान, आसिफ बेलिम, बबलू एवं भोला उर्फ सर्फराज को एक-एक ट्रैक्टर चला कर ले जाते हुए अर्न्तराज्यीय सीमा पार करने के पूर्व पकड़ा गया। चारो संदेहियान के कब्जे से मीले चारो ट्रैक्टर में से एक ट्रैक्टर को आवेदक द्वारा पहचाना गया तथा एक ट्रैक्टर पर इंजिन व चेसिस नंबर घिसे हुए पाये गए, जिसके संबंध में मौके पर संदेहियान से पूछताछ करने पर उनके द्वारा संतोषप्रद उत्तर न देते हुए अलग अलग बाते बतायी जाने लगी।
हिक्मतअमली एवं मनोवैज्ञानिक रूप से सख्ती से पूछताछ पर सभी संदेहियान के द्वारा उक्त ट्रैक्टरो को फर्जी रूप से फायनेसं करवा कर खपाने हेतु राजस्थान कोटा से उत्तर प्रदेश राज्य में बिक्री हेतु ले जाना बताया। मौके पर से सभी चारो संदेहियो को उनके कब्जे के चारो ट्रैक्टरों को थाना लाया गया। संपूर्ण घटनाक्रम में आरोपियों द्वारा षडयंत्र पूर्वक फायनेंस किये गये ट्रेक्टरो की किश्त जमा न कराते हुए. फायनेंस कम्पनी को सदोष हानि पहुँचाने के आशय से छिपा कर रखना तथा अवैध लाभ अर्जन हेतु अन्यत्र विक्रय करना पाया जाने से आरोपियों का कृत्य अंतर्गत धारा- 418, 420, 421, 422, 424, 120- B भादवी के तहत् दंडनीय पाया जाने पर थाना सुवासरा पर अपराध क्रमांक 268/23 उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया। विवेचना के दौरान आरोपियों से पूछताछ मेमो के मुताबिक उनके अधिपत्य स्थानों पर छुपाये गए तीन अन्य ट्रैक्टर बरामद किये गये।
घटनाक्रम का तरीका-
आरोपी सत्तार एक पेशेवर अपराधी होकर विगत कई वर्षों से उक्त आपराधिक कृत्य को अपने पुत्र आसिफ व साथी भोला और सरफराज तथा राजस्थान व उत्तर प्रदेश मथुरा के अपने गिरोह के सदस्यो के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह का संचालन अनवरत रूप से करता आ रहा है । आरोपी अपने साथियों या गॉव के अन्य व्यक्तियो के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर फाइनेंस कंपनियों से ट्रैक्टर को फाइनेंस करवा कर एक या दो किस्त चुकाने के बाद ट्रैक्टर को कुछ समय के लिए अपने क्षेत्र में अलग-अलग स्थानो पर छुपा कर रखते हैं । उसके बाद राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश राज्य के संगठित गिरोह के सदस्यों की सहायता से अन्य राज्यो में बेच कर अवैध लाभ अर्जित करते हैं । विगत वर्षों में आरोपियों द्वारा सैकड़ो ट्रैक्टर को इस प्रकार जालसाजी कर फायनेंस कंपनी से धोखाधडी कर बेचकर लाखो रूपये का अवैध लाभ अर्जित किया जा चुका है । अन्य वाहनो की अपेक्षा
आरोपियों द्वारा केवल ट्रैक्टर को ही इस अपराध में इसलिए चुना गया है, क्योंकि ट्रैक्टर एक कृषि उपकरण यंत्र है जो की सामान्य आवागमन व अन्य स्थानों पर आवागमित नहीं होकर एक छोटे व सीमित क्षेत्र में ही आवागमन होने से आसानी से पहचाना नही जाता हैं तथा लोगों की निगाह में न आकर पकड़े जाने का भय मुक्त रहता है ।
इस प्रकार श्री अनुराग सुजानिया पुलिस अधीक्षक मन्दसौर के कूशल मार्गदर्शन में गठित टीम के द्वारा व्यावसायिक दक्षता एवं कार्य कुशलता के आधार पर लग्न, मेहनत व तत्पर कार्यवाही कर मन्दसौर पुलिस को, षडयंत्र पूर्वक जालसाजी कर धोखाधडी से फर्जी दस्तावेज तैयार करवा कर फायनेंस कंपनी को चूना लगा कर, ट्रैक्टरों को खपाकर बेचने वाले अर्न्तराज्यीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रैक्टरो को बरामद करने में महत्वपूर्ण सफलता अर्जित हुई हैं।
अन्तर्रराज्यीय संगठीत गिरोह का स्वरूप :- उक्त अन्तर्रराज्यीय संगठीत गिरोह में मुख्य रूप से राजस्थान राज्य के कोटा क्षेत्र. उत्तरप्रदेश राज्य के मथुरा क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी सम्पर्क होकर सदस्य भी गिरोह में शामील हैं जो कि संगठित रूप से गिरोह में सक्रीय हैं, जिनको मुख्य आरोपी सत्तार व उसके सक्रीय सदस्य मध्यप्रदेश क्षेत्र एवं आस पास के सरहदी क्षेत्र से ट्रेक्टर मुहैया करवाते है। आरोपी सत्तार को ट्रेक्टर उपलब्ध करवाने हेतु आवश्यक प्रबंध में सुवासरा क्षेत्र एवं आस पास के क्षेत्रिय व्यक्तियों एवं ऐजेन्टो की भी उक्त कूटरचित षडयंत्र में संलिप्तता हैं जिनके संबंध में विवेचना प्रक्रिया धीन है।
गिरफ्तारशुदा आरोपियो के नाम-
1. सत्तार पिता कादर खान उम्र 54 वर्ष निवासी ग्राम धलपट थाना सुवासरा जिला, 2. आसिफ पिता सत्तार खान उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम धलपट, 3. भोला ऊर्फ सर्फराज पिता जाकिर हुसैन उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम धलपट, 4. बबलू पिता नारायण सिंह सौ.राज. उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम नयाखेडा थाना गंगधार जिला झालावाड राज.
बरामद सम्पत्ती का विवरण – 1 ट्रेक्टर लाल रंग टैफे कंपनी कीमत 7 लाख रू. , एक ट्रेक्टर लाल रंग का महिन्द्रा कंपनी कीमत 6,50,000 रू., एक ट्रेक्टर निले रंग का सोनालिका कंपनी कीमत 4,50,000 रू., एक ट्रेक्टर नीले रंग का सोनालिका कंपनी कीमत 4 लाख रू., एक ट्रेक्टर लाल रंग का मैसी कंपनी कीमत 3,50,000 रू., एक ट्रेक्टर फार्मट्रेक कंपनी कीमत 3,50,000 रू. एक ट्रेक्टर लाल रंग का महिन्द्रा कम्पनी कीमत 6 लाख रू. कुल ट्रेक्टर 7 कूल कीमत 35 लाख रूपये , फर्जी क्रय विक्रय अनुबंध पत्र, परिवहन विभाग का नाम स्थानान्तरण हुते फर्जी दस्तावेज , इन्जिन नंबर व चेसिस नंबर घिसने हेतु प्रयुक्त ग्राईन्डर