EXCLUSIVE : दोस्ती में दगा, बेघर करने के बाद डकार गया रूपए, गिड़गिड़ाने के बाद भी नहीं मिले 17 लाख, थक हारकर उठाया खौफनाक कदम, कर्ज की कीमत चुकाई मौत से, धर्मेन्द्र परिहार के लालच ने ली प्रदीप की जान...! पढ़े एपिसोड 01
दोस्ती में दगा

नीमच। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जिसके जुड़ने के बाद जिंदगी में आधी परेशानियों का अंत हो जाता है, और खुशियां दौगुनी... आपने भी अक्सर इसी दोस्ती के रिश्ते से जुड़े किस्से और कहानियां, पढ़े, सुने और देखें भी होंगे। जिसमें कई लोग अपनी दोस्ती की अनूठी मिसाल पेश कर जाते है, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भी सुना है कि, कोई व्यक्ति दोस्ती में इतनी दगा कर डाले कि, किसी को उसकी कीमत अपनी जान देकर ही चुकानी पड़े। जी हां, ऐसा की कुछ नीमच शहर में गुरूवार को हुआ। यहां एक दोस्त से जब भरोसा उठा, दोस्ती में दगा हुई, और विश्वास चकनाचुर हो गया, तो एक व्यक्ति ने आत्महत्या करते हुए अपनी जान ही दे डाली।
दरअसल, हम बात कर रहे है शहर के बंगला- 10 निवासी प्रदीप उर्फ पप्पू सैन की। जिन्होंने दोस्ती पर से विश्वास उठने के बाद जहरीला पदार्थ गटका और आत्महत्या कर ली। मृतक प्रदीप सैन का रिसाला मस्जिद ऐरिया में ऋतिक हैयर के नाम से सैलून है, और कुछ समय पहले उन्होंने अपने मकान के निर्माण के लिए कुछ राशि बाजार से उधार ली थी। अब मकान का निर्माण तो हो गया, लेकिन बाजार में राशि भी चुकानी थी, और इसी कर्ज से प्रदीप सैन परेशान थे।
अब यहीं परेशानी जब उन्होंने अपने सालों पुराने दोस्त धमेन्द्र परिहार से साझा कि, तो यहीं से दोस्ती में दगाबाजी और गद्दारी की शुरूआत हो गई, धमेन्द्र परिहार ने मृतक प्रदीप सैन को अपने झांसे में लिया, और उसके मकान का 27 लाख रूपये से सौदा कराते हुए उसने बिकवा दिया। जिसमे से प्रदीप सैन के पास महज 10 लाख रूपये आएं, और बाकी के 17 लाख रूपये धमेन्द्र परिहार डकार गया। प्रदीप रोजाना धर्मेन्द्र को फोन करता, और रूपये देने की बात कहता, लेकिन धमेन्द्र प्रदीप को आज और कल में रूपये देने का झांसा देता रहा। फिर बुधवार की रात प्रदीप सैन ने धर्मेन्द्र परिहार को फोन किया, और अपने रूपये मांगे। इसी दौरान धर्मेन्द्र ने प्रदीप को रूपये नहीं देने का बात कहते हुए फोन काट दिया। बस इसी बात से परेशान प्रदीप सैन ने गुरूवार की सुबह अपने ही घर में जहरीला पदार्थ गटक लिया। जिससे उसकी मौत हो गई।
दोस्ती में कर डाली दगा-
प्रॉपटियों के सौदे और दलाली का मास्टर माइंड कहलाने वाले धमेन्द्र परिहार और प्रदीप सैन सालों पुराने दोस्त थे। इसी विश्वास पर प्रदीप सैन ने अपने मकान का सौंदा धमेन्द्र परिहार के हस्ते कराया। लेकिन प्रदीप को ये नहीं पता था कि, धर्मेन्द्र परिहार उसके साथ इतना बड़ा धोखा कर देगा और उसके लाखों रूपये डकार जाएगा। थक हारकर अपनी जान देने वाले प्रदीप और धमेन्द्र परिहार का साथ उठना बैठना था। अपने सुख-दुख बांटना और परेशानियों को एक-दुसरे से साझा करना रोजाना होता ही रहता था। बावजूद इसके धर्मेन्द्र परिहार ने प्रदीप की परेशानियों को नहीं समझा और उसकी पीठ में छूरा घोपते हुए उसी के साथ बड़ी धोखाधड़ी कर डाली। जिससे प्रदीप सैन बाजार में अपना कर्ज नहीं चूका पाएं, और उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलना पड़ी।
क्या बोलें मृतक प्रदीप के बेटे-
मृतक प्रदीप के बड़े बेटे ऋतिक सैन ने बताया कि, हमारे उपर चार से पांच लाख रूपये का कर्ज था। इसी कारण हमने हमारा मकान 27 लाख रूपये में बेचा। जिसमे से 10 लाख रूपये हम तक आएं, एक तरह कर्ज लेने वाले लोग परेशान कर रहे थे। दुसरी तरह बेचे हुए मकान का बाकी पैसा नहीं मिल रहा था। धमेन्द्र परिहार मैरे पिताजी के अच्छे दोस्त ही है, और उन्होंने हमारा मकान बिकवाया था। धमेन्द्र परिहार का प्रॉपर्टी और फायनेंस का काम है। मैरे पापा के पीछे लगकर धर्मेन्द्र परिहार ने हमारा मकान 27 लाख में बिकवाया। जिसमे से 10 लाख रूपए हमे मिले, और बाकी 17 लाख रूपये और बकाया है, जो धर्मेन्द्र ने दिए ही नहीं।
मृतक के छोटे बेटे वैभव सैन ने बताया कि, मेरे पिता ने मकान बनाया था। जिसे लेकर बाजार में पैसा देना था। इसी कारण दलाल धर्मेन्द्र परिहार के जरिए हमने मकान का सौदा कराया। मकान बिकने के बाद पापा को पूरा पैसा नहीं दिया, और पैसा मांगने वाले लोग घर आते रहे। अस्पताल में भर्ती पिता से उनके अंतिम समय में जब मैंने उनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि, धर्मेन्द्र परिहार ने बाकी के पैसे देने के लिए मना कर दिया, और कहां कि, तुजसे हो जो कर लें। इसी कारण से पिताजी परेशान रहने लगे, और अब थक-हारकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।
यह पूरा घटनाक्रम-
गुरूवार को नीमच शहर के बंगला नंबर- 10 निवासी और ऋतिक हैयर आर्ट के संचालक प्रदीप उर्फ पप्पू पिता तुलसीराम राठौर (48) ने अपने ही घर पर जहरीला पदार्थ गटक लिया था। परिजन प्रदीप को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां उनका इलाज तो चला, लेकिन समय बितने के साथ-साथ उनकी हालत और बिगड़ती चली गई, फिर यहां से रैफर करने के बाद परिजन प्रदीप सैन को ज्ञानोदय हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां देर रात उपचार के दौरान उन्होने दम तोड़ दिया। शुक्रवार सुबह मृतक प्रदीप सैन का नीमच जिला अस्पताल में पीएम हुआ और शव परिजनों को सौंपा गया।
पुलिस जुटी जांच में-
प्रदीप सैन द्वारा आत्महत्या करने के मामले में शिकायती आवेदन भी कैंट थाने पहुंचा है। थाना प्रभारी वीरेन्द्र झा ने बताया कि, प्रदीप सैन द्वारा आत्महत्या करने का मामला आवेदन के माध्यम से संझान में आया। परिजनों के कथन अभी बाकी है, और कथनों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। मामले में जांच अनुसार वैद्यानिक कार्यवाही की जाएगी। मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
क्या कहते है सूत्र-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, धर्मेन्द्र परिहार धोखाधड़ी से जुड़ी प्रॉपर्टी का करोबारी होने के साथ ही भारी ब्याज पर रूपये देने सहित अन्य कई काले कारोबार भी लंबे समय से करता आ रहा है। प्रदीप सैन के आत्महत्या करने से जुड़ा यह पहला घटनाक्रम नहीं है। दोस्ती में दगाबाजी करने वाले इसी धमेन्द्र परिहार और इसके परिवार से जुड़े ऐसे कई किस्से है, जिन्होंने कई घरों को बर्बाद किया है। प्रदीप सैन के आत्महत्या करने के बाद धीरे-धीरे धर्मेन्द्र परिहार सहित इसके परिवार के सारे कारनामे बाहर आएंगे। धर्मेन्द्र परिहार के काले कांड और उसके कारोबार से जुड़े कई ऐसे राज है, जो अब तक दफन है, जिसका खुलासा हिन्दी खबरवाला अपने अगले ऐपिसोड में करेगा।