NEWS : चीताखेड़ा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का छठा दिन, धार्मिक प्रसंगों के महत्व को किया प्रतिपादित, रविवार को कुछ यूं होगा समापन, पढ़े खबर

चीताखेड़ा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का छठा दिन

NEWS : चीताखेड़ा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का छठा दिन, धार्मिक प्रसंगों के महत्व को किया प्रतिपादित, रविवार को कुछ यूं होगा समापन, पढ़े खबर

रिपोर्ट- आजाद मंसूरी 

चीताखेडा। जो पुत्र संपत्ति से संपन्न होते हुए भी अगर अपने माता-पिता, बहन और गुरु की सेवा नहीं कर सकता है, ऐसे दुराचारी बेटे, भाई और शिष्य को कभी भी परमात्मा की भक्ति प्राप्त नहीं हो सकती है। बेटे को माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। अगर तुम सेवा करोगे तो तुम्हारा बेटा भी यह देखकर तुम्हारी भी सेवा करेगा। रावण और कंस ने पुरुषार्थ से नहीं, अभिमान के वशीभूत होकर सत्ता हथियाई तो आखिर अंत बुरा ही हुआ, अपने कुल का भी सर्व नाश ही हुआ। सदा-सदा का प्रेम केवल परमात्मा का प्रेम हैं, जो कि दिव्य और आध्यात्मिक प्रेम हैं। लोभ जहां व्यक्ति और समाज के लिए नकारात्मक होता है, वहीं प्रेम सकारात्मक माना जाता हैं।

उक्त अमृत वाणी कथा मर्मज्ञ पं. निरंजन शर्मा ने कराड़िया महाराज गांव के स्थित खाखरदेव मंदिर परिसर में भगवान सिंह राणावत परिवार के सहयोग से श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा साप्ताहिक महोत्सव के दौरान छठे दिन शनिवार को मौजूद श्रौताओ को अपने मुखारविंद से प्रवाहित करते हुए कही। कहा कि अभिमानी व्यक्ति  को सही दिखना और सही सुनना बंद हो जाता हैं।गोपियों को भी अभिमान हो गया था। उनके अभिमान को तोडऩे और राधा के मान को रखने के लिए श्रीकृष्ण कुछ पल के लिए अदृश्य हो गए थे। जब-जब भी धरती पर पाप बडे है तब-तब धरती पर संत ही आगे आए हैं। त्रेतायुग में रावण का पाप बडा तो विश्वामित्र और द्वापर युग में कंस का पाप बडा तो व्यास जी आगे आए। श्रीमद भागवत कथा श्रवण करने से मनुष्य को कल्याण की प्राप्ति होती है एवं व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार के कष्ट नहीं आते हैं। 

पं. निरंजन शर्मा ने श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा का रसा स्वादन करवाते हुए कहा कि जहां प्रेम होता है वहां कृष्ण होते हैं कृष्ण ने कुब्जा की कूबड निकालकर सुन्दर नारी बनाया। नहाने से तन की ,भगवान की भक्ति करने से मन की और दान करने से धन की शुध्दि होती हैं। श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा प्रवचन के दौरान अक्रूर, नंदराय, राधा, कुब्जा, कालिया वन, बलराम, जरासंध, राजा रुकमणी, शिशुपाल, कंस वध, मुचुकुन्द, उध्दव ज्ञान आदि धार्मिक प्रसंगों के महत्व को विस्तार से प्रतिपादित किया। धार्मिक प्रवृत्ति का संगठन नर सेवा नारायण सेवा द्वारा अपनी ओर से  व्यासपीठ पर पोथी पूजन कर पंडित निरंजन शर्मा का सभी सदस्यों ने शाल श्रीफल भेंट कर भगवान रामलला की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया और आरती के पश्चात् नर सेवा नारायण सेवा समिति द्वारा प्रसाद वितरण करवाई। 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव एवं जिला पंचायत सदस्य तरुण बाहेती, पत्रकार लाला भाई भट्ट ने व्यासपीठ पर पोथी पूजन कर पंडित निरंजन शर्मा को माला पहनाकर सम्मानित कर आर्शीवाद लिया और कथा श्रवण की। इस मौके पर बाहेती ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति दिनों दिन हावी होती जा रही है युवा पीढ़ी हमारी भारतीय संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। गांव गांव में संस्कार पाठ शाला प्रारंभ करनी चाहिए। 

रविवार को होगी कथा की पूर्णाहुति- 

श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा साप्ताहिक कथा महोत्सव के आज अंतिम दिवस 12 जनवरी 2025 रविवार को सुदामा चरित्र, उध्दवज्ञान, राजा परीक्षित मोक्ष, प्रंसग का वृत्तांत प्रतिपादित पर कथा प्रवचन पं. निरंजन शर्मा के मुखारविंद से ज्ञान वर्षा प्रवाहित की जाएगी। हवन पूजन एवं महाआरती के पश्चात महाप्रसाद वितरण के साथ साप्ताहिक ज्ञान गंगा कथा का विश्राम होगा। आयोजक राणावत परिवार सदस्यों ने क्षेत्र की समस्त धर्मप्रेमी जनता से अनुरोध किया हैं कि अधिक से अधिक संख्या मे पहुंच कर लाभ उठावें।