BIG NEWS: चुहा छोड़ने की बात पर विवाद, फिर मारपीट, अब न्यायालय का बड़ा फैसला, दरवानी परिवार के सुरेश-राजेश को सश्रम कारावास, सालों तक रहेंगे सलाखों के पीछे, पढ़े ये खबर

चुहा छोड़ने की बात पर विवाद, फिर मारपीट, अब न्यायालय का बड़ा फैसला, दरवानी परिवार के सुरेश-राजेश को सश्रम कारावास, सालों तक रहेंगे सलाखों के पीछे, पढ़े ये खबर

BIG NEWS: चुहा छोड़ने की बात पर विवाद, फिर मारपीट, अब न्यायालय का बड़ा फैसला, दरवानी परिवार के सुरेश-राजेश को सश्रम कारावास, सालों तक रहेंगे सलाखों के पीछे, पढ़े ये खबर

नीमच। सुश्री संध्या मरावी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा चुहा छोड़ने की बात को लेकर फरियादी के साथ मारपीट कर उसकी उंगली तोड़ने वाले दो आरोपीगण राजेश कुमार पिता किशोरराज दरवानी (52) तथा सुरेश कुमार पिता किशोरराज दरवानी (50) निवासी विकास नगर को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 325/34 के अंतर्गत 3-3 वर्ष के कठोर कारावास व 500-500 रूपए जुर्माने से दण्डित किया।

एडीपीओ रितेश कुमार सोमपुरा द्वारा जानकारी देते हुुए बताया कि, बीती दिनांक 28.07.2017 की है। इस दौरान स्कूल क्रमांक- 2 के गेट के पास फरियादी दिलीप चौहान राजश्री सेनेटरी की दुकान पर नौकरी करता था, उसी दौरान पिंजरे में पकडा चुहा उसने हायर सेकेण्डी के गेट के पास छोड़ा, और वापस जा रहा था। इसी दौरान पास ही की वाले तीनो आरोपीगण राजेश, सुरेश व बृजेश कुमार आएं, और चुहा छोड़ने की बात को लेकर फरियादी के साथ विवाद किया, और धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट की। 

जिस कारण फरियादी के हाथ की उंगली में फैक्चर हो गया। बाद में फरियादी द्वारा तीनों आरोपियों के विरूद्ध रिपोर्ट केंट थाने में की, जिस पर अपराध क्रमांक- 359/17 का पंजीबद्ध किया गया, व एक्से-रिपोर्ट में फैक्चर आने से धारा- 325/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत अन्य आवश्यक अनुसंधान पुर्ण कर अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया। विचारण के दौरान आरोपी बृजेश कुमार दरवानी की मृत्यु होने से शेष दो आरोपीगण के विरूद्ध विचारण न्यायालय में चला।

इसी दौरान अभियोजन की और से न्यायालय में आहत फरियादी, चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। माननीय न्यायालय द्वारा दोनों आरोपीगण को धारा- 325/34 के अंतर्गत 3-3 वर्ष के कठोर कारावास व 500-500 रूपए जुर्माने से दण्डित करते हुए दोनो सजायें एक साथ भुगताये जाने का आदेश किया। न्यायालय में शासन की और से पैरवी रितेश कुमार सोमपुरा, एडीपीओ द्वारा की गई।