NEWS: शीतला सप्तमी, महिलाओं-युवतियों ने की मां की पूजा-अर्चना, ठंडे भोजन का लगाया भोग, की परिवार की सुख-समृद्धि की कामना, पढ़े आजाद मंसूरी की खबर
शीतला सप्तमी
चीताखेड़ा। महिलाओं द्वारा रविवार को शीतला सप्तमी का व्रत कर माता की पूजा-अर्चना कर कथा का श्रवण किया। होलिका दहन से सप्तमी तक प्रतिदिन सुबह महिलाएं, युवतियों द्वारा होलिका दहन स्थलों और शीतला माता, वन मंदिर पर मां शीतला की प्रतिमा पर जल चढ़ाकर ठंडा किया गया। यह क्रम सप्तमी तक चला। शीतला सप्तमी के दिन देवी को ठंडा भोजन का भोग (बासोडा) उपयोग में लिया।
मान्यता अनुसार मां के व्रत करने से देवी प्रसन्न होती हैं, और व्रती के परिवारों में शीतला माता जनित दोष दूर करतीं हैं, ज्वार, चेचक, नेत्रविकार आदि रोग दूर करतीं हैं। शीतला सप्तमी के एक दिन पूर्व शनिवार की रात्रि महिलाओं द्वारा, माता रानी को मेहंदी लगाई। सप्तमी के दिन अल सुबह 4 बजे से पूर्व ही शीतला माता मंदिर में पूजा अर्चना हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए दोपहर तक पूजा अर्चना का क्रम जारी रहा।
महिलाओं द्वारा मेंहदी, कुमकुम, अक्षत, पुष्प, अगरबत्ती, ढोकले (बासोडा) लच्छा, दही आदि पुजन सामग्री से माता की पूजा कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। मां की पूजा-अर्चना के बाद व्रती महिलाओं ने अपने घर के बाहर द्वार पर मेहंदी एवं कुम कुम से स्वास्तिक बनाकर परिवार की असाध्य बिमारी से बचने के लिए एवं परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। घर में बड़े बुजुर्गो के चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लिया। अपने घर दरवाजे के अगल बगल में मेहंदी और कुमकुम से स्वास्तिक चिन्ह आकृति बनाई।