BIG BREAKING : महाकाल लोक मामला, उल्टा पड़ा कांग्रेस का आरोप, दस्तावेजों ने खोली सारी पोल, धराशाई हुई मूर्तियों का ठेका व भुगतान कांग्रेस सरकार में...! पढ़े ये EXCLUSIVE खबर
महाकाल लोक मामला, उल्टा पड़ा कांग्रेस का आरोप, दस्तावेजों ने खोली सारी पोल, धराशाई हुई मूर्तियों का ठेका व भुगतान कांग्रेस सरकार में...! पढ़े ये EXCLUSIVE खबर
एजेंसी। हाल ही में उज्जैन के महाकाल लोक को लेकर कांग्रेस ने हल्ला मचा रखा है, और लगातार शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाएं जा रहे है। मगर इस पूरे मामले में दस्तावेजी सच और कुछ है, जिसकी पड़ताल करने पर पता चला कि, तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही ना सिर्फ इन मूर्तियों का ठेका दिया गया, बल्कि भुगतान भी किया गया।
अभी पिछले दिनों आंधी तूफान के कारण महाकाल लोक में निर्मित सप्तऋषि की जो 6 प्रतिमाएं धराशाई हुई, उसके संबंध में यह तथ्य सामने आए कि, कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के वक्त 23.08.2019 को उज्जैन के कलेक्टर कार्यालय पर बैठक हुई, तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में तत्कालीन मुख्य सचिव एस.आर.मोहंती के अलावा दो अन्य कैबिनेट मंत्री पी.सी शर्मा और जयवर्धन सिंह तो मौजूद रहे ही। वही कांग्रेसी विधायक सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे, और इस बैठक में महाकाल लोक के निर्माण से संबंधित प्रोजेक्ट की जानकारी और समीक्षा की गई थी।
बिंदुवार इस पूरे मामले को इस तरह समझें...!
- उज्जैन स्मार्ट सिटी की जो बोर्ड बैठक 16 मार्च 2018 को हुई थी। उसमें मृदा प्रोजेक्ट के तहत 303 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई, और प्रॉजेक्ट के पहले चरण को शुरु करने का भी निर्णय लिया गया।
- 97.71 करोड़ की अनुमानित लागत से शिव द्वार, शिव स्तम्भ, महाकाल कोरिडोर, लेक फ्रंट विकास, सौदार्यिकरण, आर्ट वर्क सहित महाकाल थीम पार्क, फायर फाइटिंग सहित अन्य कार्य किए जाना थे।
- पहले चरण के इन कार्यों के टेंडर उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 04.09.2018 को जारी किए और कार्य आदेश 07.03.2019 को 96.97 करोड़ के जारी किए गए। ये कार्य ठेकेदार फर्म मेसर्स एमपी बावरिया, मेसर्स डी.एच पटेल, मैसर्स गायत्री इलेक्ट्रिकल्स को दिए गए और संपूर्ण प्लाजा एरिया के आर्ट वर्क का अनुमोदन भी मीटिंग जो कि 18.6.2019 को आयोजित की गई थी। उसमें अनुमोदित की।
- एफआरपी मूर्तियों की जानकारी इस तरह है-
7.75 करोड़ की जो 100 मूर्तियां स्थापित की जाना थी, उसी में अभी क्षतिग्रस्त सप्तऋषि की मूर्तियां भी शामिल है, निविदा के मुताबिक इन मूर्तियों के कार्य में सामग्री सप्लाई पर 20 प्रतिशत, डिजाइनिंग स्कल्पचर कार्विंग और फर्निशिंग के कार्य पर 40 प्रतिशत, इंस्टॉलेशन और फिक्सिंग पर 25 प्रतिशत और हैंडिंग ओवर पर 15 प्रतिशत भुगतान की शर्त रखी गई।
क्षतिग्रस्त हुई सप्तऋषि की मूर्तियों के लिए 14 लाख का पहला भुगतान 13 जनवरी 2020 को किया गया। वही 40 फ़ीसदी अन्य भुगतान 28 लाख का 28 फरवरी 2020 को किया गया। शेष बची 17 लाख 50 हजार की राशि का भुगतान 31 मार्च 2021 को किया गया था। इस तरह सप्तर्षियों की मूर्तियों का कुल भुगतान 59.50 लाख किया गया।
दस्तावेजों और निविदा से ये स्पष्ट होता है कि, अभी आंधी तूफ़ान और बारिश के कारण जो 6 मूर्तियां क्षतिग्रस्त हुई, उसके निर्माण के ठेके का अनुबंध और मूर्ती निर्माण होने से लेकर भुगतान की कार्यवाही तत्कालीन कमलनाथ सरकार के दौरान संपन्न की गई।