NEWS : विश्व पर्यावरण दिवस, शासकीय महाविद्यालय जीरन में किया पौधरोपण, पर्यावरण के बिना जीना संभव नहीं, ये संदेश भी दिया, पढ़े खबर

विश्व पर्यावरण दिवस

NEWS : विश्व पर्यावरण दिवस, शासकीय महाविद्यालय जीरन में किया पौधरोपण, पर्यावरण के बिना जीना संभव नहीं, ये संदेश भी दिया, पढ़े खबर

नीमच। प्रभारी प्राचार्य प्रो. दिव्या खरारे के निर्देशन में बुधवार को महाविद्यालय प्रगण में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में महाविद्यालय परिवार एवं छात्राओं द्वारा में विभिन्न प्रकार की पौधों का रोपण कर पर्यावरण के प्रति जागरूक किया। हिंदी प्राध्यापक डॉ.रामधन मीणा ने बताया कि, आज पेड़ पौधों के अत्यधिक दोहन से अपने पड़ोसी राज्य राजस्थान में तापमान अभी 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है, उससे वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। 

पर्यावरण में पेड़ पौधों का अपना महत्व है एवं उनके बिना जीवन संभव नहीं है, अत जीवन में प्रत्येक वर्ष दो पेड़ अवश्य लगाए। भूगोल डॉ विष्णु निकुम ने विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों को संदर्भित करते हुए बताया कि अगर व्यक्ति को बचे रहना हैं तो प्राकृतिक स्थलों को बदलने हेतु अपनी ऊर्जा न खपाते हुए पर्यावरण में सहभागी बने तथा नदियों, पहाड़ों, झरनो आदि को यथोचित बचाया जाए सौंदर्यकरण या औद्योगीकरण के नाम पर उनको नष्ट नहीं किया जाए। 

प्रो. रितेश कुमार चौहान बताया ने आदिवासी जीवन पद्धतियों से पर्यावरण को बचाने हेतु प्रेरित किया। आदिवासी जीवन पद्धतियां हमे प्रकृति पूजा के माध्यम से पर्यावरण को बचाने में अपनी महती भूमिका को समझाती है। अंत में महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. दिव्या खरारे ने बताया कि, हमारे पारिस्थितिक तंत्र को सुचारू बनाए रखना है तो पेड़ पौधों को बचाना होगा। इसीलिए प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, हम पर्यावरण के प्रति सावचेत रहे एवं इसको बचाने में अपनी महती भूमिका निभाए व केवल वृक्षों को सुन्दरता बढाने के लिए ही नही होते अपितु पर्यावरण संरक्षण व जीवन यापन हेतु बहुत आवश्यक है। 

कार्यक्रम में डॉ. हेमलता जोशी, डॉ. गीता पटेल, प्रो. अंकिता खरे, डॉ. भावना नागर, डॉ. सोनम घोटा, डॉ. नानुराम नर्गेश डॉ. रवीना दशोरा, एवं प्रो. रितेश कुमार चौहान, डॉ. रजनीश मिश्र, दीपक पाटीदार एवं सदस्य एवं समस्त महाविद्यालय छात्र उपस्थित रहे। जानकारी मीडिया प्रभारी रणजीत सिंह चंद्रावत ने प्रदान की।