NEWS: नगरीय निकाय चुनाव, टिकिट वितरण में वाल्मीकि समाज की पुन: उपेक्षा, भाजपा को लेकर क्या बोले एड. शशि कुमार कल्याणी, पढ़े खबर
नगरीय निकाय चुनाव, टिकिट वितरण में वाल्मीकि समाज की पुन: उपेक्षा, भाजपा को लेकर क्या बोले एड. शशि कुमार कल्याणी, पढ़े खबर
नीमच। भारतीय जनता पार्टी नीमच संगठन द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव 2022 के टिकट वितरण को लेकर चारों और चर्चा तथा विरोध के स्वर गूंज रहे हैं और जिले भर में विरोध प्रदर्शन भी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा संगठन नीमच द्वारा अपने विगत 60 वर्षों के एक अनोखे रिकॉर्ड या यूं कहें कि परंपरा को भी बरकरार रखा गया है, वो रिकॉर्ड यह है कि भाजपा संगठन नीमच द्वारा आज तक स्थानीय निकाय चुनाव में शहर के वाल्मीकि समाज के किसी भी कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिया है, और निरंतर रूप से वाल्मीकि समाज की उपेक्षा की जा रही है।
जबकि भाजपा के प्रेरणा पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय का नारा था कि समाज के प्रत्येक वर्ग का अंत्योदय होकर अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का भी विकास, कल्याण हो, किंतु इस सिद्धांत की अनदेखी भाजपा संगठन नीमच द्वारा विगत 60 वर्षों से की जा रही है। जिससे शहर के समस्त वाल्मीकि समाज में रोष व्याप्त है। जबकि विदित है कि भाजपा संगठन दशकों से वाल्मीकि युवाओं की प्रतिभा का दोहन कर रही है।
समाज के योग्यता धारी सक्षम युवा एडवोकेट शशि कुमार कल्याणी जो कि वार्ड क्रमांक 38 में निवासरत है, जो वर्तमान स्थानीय निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित है, उनके द्वारा संगठन के प्रतिपादित सिद्धांतों के अनुरूप टिकट की दावेदारी की गई थी। किंतु संगठन द्वारा पुन: परिवार विशेष के व्यक्ति को टिकट दे दिया गया। जबकि पिछले चुनाव में उसी परिवार का उम्मीदवार संगठन के विरुद्ध निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा था, और कांग्रेस का कोई उम्मीदवार भी नहीं था।
जिससे स्पष्ट है कि भाजपा संगठन जानबूझकर वाल्मीकि समाज की उपेक्षा कर रहा है और वर्तमान टिकट वितरण प्रणाली वंशवाद या परिवार वाद की ओर इशारा कर रही है। जबकि एक और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सार्वजनिक मंच से बयान दे रहे हैं कि भाजपा में किसी भी प्रकार का वंशवाद, परिवारवाद नहीं है और ना ही होने देंगे। किंतु भाजपा संगठन नीमच द्वारा जिस प्रकार से स्थानीय निकाय चुनाव 2022 में टिकट वितरित किए हैं। उससे यह स्पष्ट है कि स्थानीय भाजपा संगठन राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान को कोई महत्व नहीं देता है और एक अलग ही परिपाटी स्थापित करने पर आमदा है।