NEWS: उपभोक्ता ध्यान दें, अब इससे ज्यादा नहीं ले सकेंगे LPG Gas Cylinder, सरकार ने नियमों में किया बड़ा बदलाव, पढ़े ये खबर
उपभोक्ता ध्यान दें, अब इससे ज्यादा नहीं ले सकेंगे LPG Gas Cylinder, सरकार ने नियमों में किया बड़ा बदलाव,
डेस्क। एलपीजी गैस सिलिंडर सहित पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए एक और नई गाइडलाइन तैयार की है। सरकार ने एलपीजी गैस सिलिंडर की राशनिंग का फैसला किया है। नए नियम के मुताबिक अब उपभोक्ता एक साल में 15 से ज्यादा एलपीजी गैस सिलिंडर नहीं ले सकेगा।
जानकारी के मुताबिक अब किसी भी उपभोक्ता को एक साल में 15 से ज्यादा गैस सिलेंडर नहीं मिलेंगे। इन 15 गैस सिलेंडरों में से 12 सब्सिडी वाले होंगे और 3 बिना सब्सिडी वाले होंगे। इतना ही नहीं एक महीने में 2 सिलेंडर से ज्यादा नहीं देने का भी सरकार ने फैसला लिया है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक सरकार को एलपीजी गैस सिलिंडर सप्लाई करने वाली पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से ये फीडबैक मिला था कि पिछले कुछ दिनों में अचानक लोगों ने ज्यादा एलपीजी गैस सिलिंडर लेना शुरू कर दिया है। जब जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि घरेलू गैस सिलेंडर खरीदकर उसे छोटे सिलेंडर में रीफिल कर बेचा जा रहा क्योंकि कमर्शियल सिलेंडर लगातार महंगा हो रहा है। इस पर ही अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है।
आपको बता दें कि अभी तक उपभोक्ता कितने भी गैस सिलेंडर ले सकता था यानि कोई अधिकतम सीमा तय नहीं थी लेकिन अब सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव कर दिया है। सरकार ने एलपीजी गैस सिलिंडर की राशनिंग के नए नियम को लागू कर दिया है जिसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने एलपीजी गैस सिलिंडर बुकिंग सॉफ्टवेयर में इसे अपडेट कर दिया है। यानि अब से नई व्यवस्था के तहत ही एलपीजी गैस सिलिंडर मिलेंगे।
हालांकि सरकार ने नए नियम में एक छूट दी है वो ये कि यदि किसी उपभोक्ता को वास्तव में 15 सिलेंडर के बाद और सिलेंडर की जरुरत है तो उसे पेट्रोलियम कंपनी को इसका वास्तविक कारण बताना होगा और फिर कंपनी उसकी वास्तविक आवश्यकता पर फैसला लेकर उसे अतिरिक्त सिलेंडर उपलब्ध कराएगी।
भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड ग्वालियर संभाग के सीनियर मैनेजर (एलपीजी) सेल्स अमित कुमार ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि यदि घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कमर्शियल में किया जाता है तो ये गैरकानूनी है और उसके लिए IPC की धारा 3/7 में सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन इसमें मदद करे तो इसे रोका जा सकता है।