BIG NEWS: नीमच जिले में आफत की बारिश, सोयाबीन की फसल बर्बाद, जिला पंचायत सदस्य बाहेती पहुंचे खेतों में, हालातों का लिया जायजा, अब प्रशासन से की बड़ी मांग, पढ़े खबर
नीमच जिले में आफत की बारिश, सोयाबीन की फसल बर्बाद, जिला पंचायत सदस्य बाहेती पहुंचे खेतों में, हालातों का लिया जायजा, अब प्रशासन से की बड़ी मांग, पढ़े खबर
नीमच। जिले में बीते दो दिनों से लगातार आफत की बारिश से फसलों को चौपट कर दिया है। खासकर सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों को फसल नुकसान का उचित मुआवजा या बीमा क्लेम मिले, इसके लिए प्रशासन नुकसानी के सर्वे में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखे। ताकि किसानों को परेशान नहीं होना पड़े। यह बात कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने लगातार बारिश से सोयाबीन आदि की फसलों को हुए नुकसान की खबर मिलने बाद शनिवार को खेतों का जायजा लेने और किसानों से चर्चा करने के बाद कहीं।
उन्होंने कहा कि, मैंने अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में फसलों का जायजा लिया है। खेतों में काट कर रखी सोयाबीन की फसलों के साथ ही खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। खेत तालाब बन चुके हैं। हालातों को देख किसानों की चिंता बढ गई है। क्योंकि पूर्व में अतिवृष्टि से फसलों को नुकसान हो चुका है, जिस पर राहत आयुक्त के निर्देश पर प्रशासन ने तहसीलदारों से नुकसानी का सर्वे भी कराया था, लेकिन विडंबना यह है कि अब तक सर्वे में जो नुकसान का आंकलन किया था, उसके भू-अभिलेख और प्रशासन ने आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
टोल फ्री नंबर कोई नही उठाता-
बाहेती ने कहा कि, फसल नुकसानी की जानकारी देने के लिए प्रशासन ने जिले में फसल बीमा करने वाली कंपनी के टोल फ्री नंबर जारी किए हैं, लेकिन किसानों ने मुझे बताया कि, कई बार कोशिश करने के बाद भी फसल बीमा कंपनी का टोल फ्री नंबर कोई नही उठाता या लगातार व्यस्त आता है, जिसके कारण बीमा कंपनी को नुकसानी की जानकारी दर्ज नहीं करा पा रहे हैं।
स्थिति को जिला पंचायत सदस्य बाहेती ने प्रशासन ने मांग की है कि, किसानों को पहुंचे नुकसान की जानकारी के लिए बीमा कंपनी का टोल फ्री नंबर के अलावा बीमा कंपनी के अधिकारियों के नंबर भी जारी किए जाए, ताकि किसान उचित फोरम पर नुकसानी की शिकायत दर्ज करा सकें। साथ ही बीते दो दिनों जारी आफत की बारिश के कारण जिले में सोयाबीन समेत सभी फसलों को भारी क्षति पहुंची है, जिसकी खबर जिला प्रशासन तक भी पहुंची है। मामले में प्रशासन सर्वे टीम को खेतों में पहुंचाए और नुकसानी का आंकलन करें।
किसानों को राज्य सरकार दें 100 फीसदी मुआवजा-
बाहेती ने कहा कि, फसल बीमा मिलने में कई बार किसानों को परेशान होना पड़ता है। फसल बीमा कंपनी प्रशासन के सर्वे में भी दर्शाए नुकसान को कम करा किसानों को बीमा राशि देती है, जिससे किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पाता है। इसके अलावा कई किसान ऐसे हैं, जो अब तक फसल बीमा लाभ से वंचित है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार 2019 में जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलानाथ की सरकार ने बगैर सर्वे किसानों को मुआवाज दिया था, उसी प्रकार सीएम शिवराजसिंहजी चौहान भी किसानों को तत्काल राहत प्रदान करें, और बगैर ना नुकुर के मुआवाज घोषित करें। बाहेती ने कहा कि, क्षेत्र के विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मामले में गंभीरता दिखाए और पूरी पार्दशिता से किसानों को राहत दिलाए में प्रयास करें।