EXCLUSIVE NEWS: नई अफीम नीति तो घोषित, पर बवाल अब भी जारी, किसान और दलाल भीड़ रहे आपस में, वीडियो भी वायरल, लालच दे झांसे में लेने वालो के नाम भी आये सामने, ये सरगना भी हुआ बेनकाब, क्या होगी कोई कार्यवाही...! पढ़े हमारी ये खास खबर

नई अफीम नीति घोषित

EXCLUSIVE NEWS: नई अफीम नीति तो घोषित, पर बवाल अब भी जारी, किसान और दलाल भीड़ रहे आपस में, वीडियो भी वायरल, लालच दे झांसे में लेने वालो के नाम भी आये सामने, ये सरगना भी हुआ बेनकाब, क्या होगी कोई कार्यवाही...! पढ़े हमारी ये खास खबर

रिपोर्ट- श्याम गुर्जर

नीमच। भारत सरकार द्वारा इस वर्ष की नई अफीम नीति जारी हो चुकी है। जिसमे नीमच-मंदसौर जिले के किसानों को और भी सहुलियत सरकार द्वारा दी गई। किसानों को खेती करने में और भी आसानी होगी। साथ ही उन्हें अच्छा लाभ भी मिलेगा, लेकिन सरकार द्वारा अफीम नीति जारी करने से कुछ दिन पहले नीमच जिले में कुछ ऐसे दलाल सक्रीय हुए, जिन्होंने किसानों को अफीम नीति में सीपीएस पध्दति से बाहर निकालने का लालच दिया, और उन्हें झांसा देते हुए मोटी रकम ले ली। इन दलालों ने रतनगढ़ और सिंगोली सहित अन्य क्षेत्रों में कई किसानों को अपनी ऊपर तक पहुंच बताकर पहले इन काश्तकारों को झांसे में लिया, और फिर सीपीएस पध्दति से उनका नाम बाहर लाने का लालच देते हुए उनसे रूपए ले लिए। किसानों को झांसे में लेकर उनसे रूपए ऐठने से जुड़ा एक मामला पिछले दिनों नीमच जिले के रतनगढ़ क्षेत्र से भी सामने आया, और इसी का एक विडियों भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल विडियों में दो लोग आपस में बातचीत करते नजर आ रहे है, जिसमे सीपीएस पध्दति से बाहर निकलने की बात पर चर्चा हो रही है। साथ ही रूपयों के लेनदेन की बात भी आपस में ये लोग करते दिखाई दिए।

सूत्र बताते है कि, सीपीएस प्रक्रिया से बाहर निकालने का लालच इन सक्रीय दलालों ने नीमच जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को दिया। जिसके बदले में ये दलाल किसानों से दो-दो लाख रूपए तक भी लिए। इन्हीं दलालों में से एक दलाल नीमका खेड़ा गांव का भी है, जिसने किसानों को कुछ इसी तरह से अपनी बातो ने उलझाया और सीपीएस पध्दति से बाहर निकालने का लालच देकर अवैध रूप से रूपए लिए, और इसी दलाल ने किसानों के साथ ही सरकार की पॉलिसी के नाम से बड़ी धोखाधड़ी करने के साथ ही अपनी जेब गर्म की। 

हालांकि सरकार ने इस साल जारी हुई अफीम नीति में सीपीएस पध्दति में बदलाव भी किया, और इसी बदलाव के बाद 900 किलोग्राम प्रति हैक्टर से अधिक का उत्पादन करने वाले किसानों को चीरा पद्दति से फसल लेने का अधिकार दे दिया। जिसके चलते अफीम नीति और सीपीएस पध्दति के नाम पर झांसा देने वाले दलालों और किसानो में विवाद भी अब देखने को मिल रहे है, गांव गांव इन दलालो का एक समूह काम करते हुए रुपये एटैन का काम करता था जिसमे इन लोगो के नाम सामने आये है।

ये वो नाम है, जो हमें सूत्रों ने बताये है जिन्होंने किसानो के साथ धोड़ाधड़ी की और मोटी रकम कमाई, सूत्रों की मानें तो अफीम नीति जारी होने  के 4-5 माह पहले से सिंगोली, रतनगढ़ और राजस्थान के बेगूं क्षेत्र में घीसा, बालकिशन, जानकी, शुभम, बाबू, शोभा, नंदकिशोर, मुरारी, जमना, दिलीप जैसे दलाल सक्रिय हो गए थे। जिन्होंने किसानों को झांसे में लेकर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया।

ये जो नाम सामने आये है इनमे सबसे बड़े नाम या यु कहे की सरगना बालकिशन के साथ ही घिसा कदवासा क्षेत्र में तो जानकी झांतला के इलाके में इसी तरह रतनगढ़, बोरदिया के साथ की कांकरियातलाई उमर में दिलीप नामक एजेंट के साथ ही अन्य लोगो ने किसानो को ठगा है। 

अब इस पुरे मामले में एक बड़ा सवाल ये है की क्या सच में कोई सेटिंग पट्टो को लेकर हुई है, या फिर इन दलालो ने बस मोके का फायदा उठाया और किसानो को ठग लिया, क्योकि इस बार किसानो को बड़ी अर्हत सर्कार की पॉलिसी में वैसे ही मिली है। फिर कैसे ये दलाल इतने सक्रीय होकर किसानो को झांसे में ले पाए क्या इस ठगी के और भी हिस्सेदार जिम्मेदार जवाबदार भी है...!