BIG NEWS: डॉक्टर दक को धमकी, और केंट थाने में FIR...! फिर पुलिस जांच में घटना का पर्दाफाश, अब फर्जी सिम कार्ड के सौदागरों को 10-10 साल का कारावास, भुगतना पड़ेगा जुर्माना, पढ़े खबर

डॉक्टर दक को धमकी, और केंट थाने में FIR...! फिर पुलिस जांच में घटना का पर्दाफाश, अब फर्जी सिम कार्ड के सौदागरों को 10-10 साल का कारावास, भुगतना पड़ेगा जुर्माना, पढ़े खबर

BIG NEWS: डॉक्टर दक को धमकी, और केंट थाने में FIR...! फिर पुलिस जांच में घटना का पर्दाफाश, अब फर्जी सिम कार्ड के सौदागरों को 10-10 साल का कारावास, भुगतना पड़ेगा जुर्माना, पढ़े खबर

नीमच। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति सोनल चौरसिया द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर सिम कार्ड बेचने वाले 2 आरोपियों सत्यनारायण पिता विनोद शर्मा (36) निवासी ग्राम सांकरिया और गोविंद पिता कैलाश राठौर (35) निवासी- ग्राम धमोत्तर, जिला प्रतापगढ़ को धारा- 467 में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व 2-2 हजार के अर्थदण्ड, धारा- 420 व 468 में 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास व 1-1 हजार के अर्थदण्ड व धारा- 471 भारतीय दण्ड संहिता में 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास व 1-1 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया।

प्रकरण में शासन की और से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक इमरान खान द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि, फरियादी डॉक्टर रमेश दक के मोबाईल नंबर पर अन्य मोबाइल नंबर से धमकाने वाला एस.एम.एस दिनांक- 22.06.2016 को आया था और उसी दिन शाम को उनके हॉॅस्पीटल के टेलीफोन पर भी मौलाना नाम के व्यक्ति का धमकाने वाला फोन आया था। 

फरियादी की रिपोर्ट पर केंट थाने में अपराध क्रमांक- 337/16 की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई। विवेचक एस.आई. कैलाश सोलंकी ने जांच के दौरान धमकाने वाले मोबाइल नंबर का पता किया, तो सिम कार्ड हीरालाल निवासी प्रतापगढ़ की होना पाई गई, जिसके द्वारा बताया गया कि, उसने कभी इस सिम कार्ड का उपयोग नहीं किया। 

फिर साईबर सेल से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि, सिम को ग्राम-धमोतर के एयरटेल कंपनी के रिटेलर गोविंद राठौर द्वारा हीरालाल के दस्तावेजों को छलपूर्वक प्राप्त कर व फर्जी हस्ताक्षर कर सिम एक्टीवेट करके सब-डीलर सत्यनारायण को दी। जिसके बाद सिम कमलेश व मौलाना को प्राप्त हुई। विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्णकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। विचारण के दौरान आरोपी मौलाना व कमलेश के फरार होने से आरोपीगण सत्यनारायण व गोविंद के विरूद्ध विचारण पूर्णकर निर्णय पारित किया।

विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा न्यायालय में फरियादी, विवेचक एवं साईबर विशेषज्ञ सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा फर्जी दस्तावेजों की सहायता से फर्जी सिमकार्ड बेचने के अपराध को प्रमाणित कराते हुवे उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। माननीय न्यायालय द्वारा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उद्देश्य से आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया।