KAVI SAMMELAN -" जन के मन को आग लगा दी कोयले के घोटाले ने...शहजादे को धूल चटा दी चाय बेचने वाले ने"-शिव शैलेंद्र यादव,इन्होने बांधा हास्य रस का समां, तो इनकी कविता पर खूब बजी ताली, हुआ प्रेस परिषद जीरन द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन, पढ़े खबर

" जन के मन को आग लगा दी कोयले के घोटाले ने...शहजादे को धूल चटा दी चाय बेचने वाले ने",

KAVI SAMMELAN -" जन के मन को आग लगा दी कोयले के घोटाले ने...शहजादे को धूल चटा दी चाय बेचने वाले ने"-शिव शैलेंद्र यादव,इन्होने बांधा हास्य रस का समां, तो इनकी कविता पर खूब बजी ताली, हुआ प्रेस परिषद जीरन द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन, पढ़े खबर

जीरन। विजयादशमी के उपलक्ष्य पर प्रेस परिषद जीरन द्वारा 12 अक्टूबर शनिवार को दशहरा मैदान में महाराणा प्रताप रंगमंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमे देशभर के ख्यातनाम कवियों द्वारा अपना काव्य पाठ किया गया। कार्यक्रम जो की रात्रि 8.30बजे से शुरू हुआ जो की रात्रि तक बड़े आनद के साथ श्रोताओ के सहयोग से चला।

कार्यक्रम का शुभारंभ नगर परिषद अध्यक्ष रामकरण सगवारिया,उपाध्यक्ष मुकेश राव तावरे,पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह भाटी,भाजपा मंडल अध्यक्ष मधुसूदन राजोरा,ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विनोद दक,जीरन मंडी व्यापारी संघ अध्यक्ष दीपक भामावत,पार्षदगण की उपस्थिति में माता सरस्वती का पूजन कर दिप प्रज्वलित कर किया।


उसके बाद प्रेस परिषद के पत्रकार सदस्यों द्वारा आमंत्रित अतिथियों का पुष्पहार से स्वागत किया। और कार्यक्रम में आमंत्रित कवियों का स्वागत करते हुए उन्हें शाल श्रीफल भेंटकर स्मृति पत्र भेंटकर उनका अभिनन्दन किया। कवि सम्मेलन का प्रारम्भिक संचालन प्रेस परिषद के संरक्षक राजेश लक्षकार ने किया।


अतिथियों का स्वागत अध्यक्ष अंतिम पंवार, सचिव दुर्गाशंकर लाला भट्ट, दीपक पाटीदार, हरिओम माली, विकास सुथार,लोकेश पालीवाल,अवध किशोर शर्मा,मयूर मेहता, विपिन पुरोहित,अशोक पाटीदार,प्रियन्श जैन लक्की ने किया।


कवि सम्मेलन की शुरुआत हास्य के मालवी कवि प्रकाश बैरागी (महिदपुर) ने हंसती गुदगदाती रचनाओं से की। कवि कुंवर प्रांजल प्रताप (आगरा) ने प्रेम मोहब्बत के गीत सुनाए। धार के कवि शिव शैलेंद्र यादव ने जब अपनी कविता ..जन के मन को आग लगा दी कोयले के घोटाले ने... शहजादे को धूल चटा दी चाय बेचने वाले ने... सुनाई तो श्रोता देर तक ताली बजाते रहे। यादव ने इस कविता पर खूब दाद बटोरी। कवियत्री प्रिया ठाकुर ने अपनी नोकझोक से और हास्य रचना से मंच का समा बांध दिया।

आचार्य जय सियाराम सफर जौनपुरी ने हास्य कविता और अपने शरीर की भावभंगिमा से मनमोहक हास्य व्यंग्य का आनंद श्रोताओं को दिया है।आचार्या सफर जौनपुरी ने फरमाया-सफर के साथ सफ़र कर लो, सलीका सीख जाओगे। यकीनन जिंदगी जीने का तरीका सीख जाओगे। वीर रस के कवि देवकृष्ण व्यास ने देश भक्ति का जज्बा जगाते हुए सैनिक की बातों को अपनी कविता "भारत माँ के आंसू पोछु या मांग में तेरी सिंदूर भरु" के माध्यम से मंच से रखा और खूब तालियां बटोरी।

साधना चौहान ने प्रेम और श्रृंगार के गीत सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर ने अपनी प्रसिद्ध रचना सौगन्ध राम की खाते है मन्दिर वहीं बनाएंगे की पंक्तियों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कर सपना साकार अवध का मथुरा काशी जाएंगे,कसम श्याम की खाते है मन्दिर वहा भी बनाएंगे। कवि सम्मेलन के संचालक हरीश हंगामा ने कार्यक्रम को अपने हंगामेदार हास्य से खूब सजाया। अंत मे आभार विपिन पुरोहित ने व्यक्त किया।