BIG NEWS: नियम से विपरीत पट्टे जारी, फिर अलग-अलग नामों से बेचे, हजारों स्क्वायर फीट जमीन का झोल, ग्राम पंचायत बरखेड़ा कमलिया में बड़ा खेल, मामला जावद क्षेत्र का, पढ़े खबर

नियम से विपरीत पट्टे जारी

BIG NEWS: नियम से विपरीत पट्टे जारी, फिर अलग-अलग नामों से बेचे, हजारों स्क्वायर फीट जमीन का झोल, ग्राम पंचायत बरखेड़ा कमलिया में बड़ा खेल, मामला जावद क्षेत्र का, पढ़े खबर

जावद। जावद तहसील कार्यालय के समीप बरखेड़ा कमलिया ग्राम पंचायत के मोरका गांव में जावद भरभड़िया मेंन रोड की शासकीय भूमि को स्थानीय सरपंच नरेश पाटीदार द्वारा वैधानिक रूप से नियम से विपरीत पट्टे काटकर बेचने और उन्हें वापस अलग-अलग नाम से बेचने का मामला सामने आया है। जिसमें वापस अपने पुत्र के नाम से खरीदने की जानकारी भी आई है। 

मिली जानकारी के अनुसार, मोरका गांव के वार्ड क्रमांक 13 भवन पंजी. क्रमांक 61, 62, 62/1, 63, 64 जो की लगभग 17 हजार स्क्वायर फीट है, और इसकी बाजारू कीमत करोड़ों में है, यह ग्राम पंचायत की जमीन थी, जिसे गरीबों और आवास इन लोगों को देना चाहिए, लेकिन स्थानीय सरपंच नरेश पाटीदार ने अपने स्वयं का हित साधते हुए बड़ी भूमि निजी लोगों के हाथ में बेच दी। जिसके चलते ग्राम पंचायत में जमीन का एक बड़ा खेल हो गया। 

एक मामले में तो 4800 स्क्वायर फीट की जमीन किसी एक व्यक्ति को बेच दी, और इस सब में महत्वपूर्ण बात यह है कि, स्थानीय सचिव श्यामसुख पाटीदार का कहना है कि, मेरे कार्यकाल में इन पट्टो पर हस्ताक्षर ही नहीं, और नाही मेरे द्वारा इस प्रकार की कोई जमीन विक्रय की। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि, ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा लिखित में दिया गया कि, उनकी पंचायत में पंजी क्रमांक- 61, 62, 63 व 64 के संबंध में ग्राम पंचायत में कोई विधि सम्मत दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं है। 

यह नियम- 

- ग्राम पंचायत अधिकतम 30 बाई 50 से बड़ा प्लांट नहीं बेच सकता है।

- ग्राम पंचायत में स्थानीय निवासी गरीब व्यक्ति को पट्टे दिए जाए जो कि मकान बनाने के काम आ सके।

- दिए गए पट्टे न्यूनतम वर्ष से कम समय में नहीं बेचे जा सकते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार...!

मोरका ग्राम के वार्ड क्रमांक- 13 भवन पंजी. क्रमांक- 61, 62/1, 62, 63 व 64 के मामले में सरपंच ने भू राजस्व संहिता की प्रक्रिया का पालन नहीं किया प्रतीत होता है, शासन के नियमानुसार सबसे पहले जो भूमि आवंटित की जाती है उसके लिए नक्शा बनाकर और विधिवत रूप से अलग-अलग वर्ग के अनुसार आरक्षण किया जाता है, और इसकी परमिशन एसडीएम के माध्यम से ली जाती है। उसके बाद ही पट्टे जारी किए जा सकते हैं। मामले में आपके द्वारा मुझे जानकारी मिली है, जिसकी मैं जांच की जा रही है।- राजेश शाह, एसडीएम जावद

सरपंच का कहना- 

संबंधित भूमि के मामले में मेरे द्वारा 1500-1500 स्क्वायर फीट के पांच पट्टे राम प्रसाद राधेश्याम शांतिलाल दिनेश व देवीलाल नागदा को दिए गए एवं इसी प्रकार 4800 स्क्वायर फीट के दो प्लॉट के भूमि स्वामित्व का भी प्रमाण पत्र पंचायत राधेश्याम व राम प्रसाद नागदा को दिया गया। 

सचिव का कहना-  

मेरे द्वारा किसी भी प्रकार से पट्टे आवंटित नहीं किए गए और ना ही जो जमीन बताई जा रही है। उसका कोई प्रस्ताव ठहराव ग्राम पंचायत में नहीं है, 4800 स्क्वायर फीट या उससे अधिक जमीन देने का अधिकार ग्राम पंचायत को भी नहीं है, मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है, और मामले को देखकर मैं जल्द ही संबंधित लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी- श्यामसुख पाटीदार, सचिव, ग्राम पंचायत