NEWS: एक साल पहले दिया 23.73 लाख में रखरखाव का ठेका, सड़क सुधार के नाम कार्य शून्य, जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने उठाया कानाखेड़ा-रातड़िया सड़क का मुद्दा, पढ़े खबर

एक साल पहले दिया 23.73 लाख में रखरखाव का ठेका, सड़क सुधार के नाम कार्य शून्य, जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने उठाया कानाखेड़ा-रातड़िया सड़क का मुद्दा, पढ़े खबर

NEWS: एक साल पहले दिया 23.73 लाख में रखरखाव का ठेका, सड़क सुधार के नाम कार्य शून्य, जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने उठाया कानाखेड़ा-रातड़िया सड़क का मुद्दा, पढ़े खबर

नीमच। गारंटी पिरियड में बनने वाली ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन सड़कों के रखरखाव के लिए जो ठेके दिए जाते हैं, उन सड़कों का ठेका लेने वाली कंपनी ध्यान ही नहीं देती है। ऐसी सड़क ग्राम कानाखेड़ा-रातड़िया की है। पोने चार किमी की यह लाखों की लागत से बनाई गई थी। ताकि ग्रामीणों को लाभ मिले, लेकिन विडंबना यह है कि सड़क का रखरखाव का कार्य, जिस ठेकेदार कंपनी को सौंपा गया है, उसने गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क को सुधारने के लिए कोई कवायद नहीं की है, जबकि ठेका लेने के बाद संबंधित कंपनी ने एक साल निकाल दिया है। 

यह मुद्दा कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने उठाया है। मामले में उन्होंने कलेक्टर को शिकायत की है, जिसमें बताया कि मप्र ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा करीब पौने चार किमी (3.82 किमी) लंबी ग्राम कानाखेड़ा से रातड़िया सड़क का निर्माण कुछ वर्ष पहले कराया था, उसके बाद सड़क के रख रखाव के लिए वर्ष 2021 में ठेकेदार कंपनी पीनल इंफ्रा इंदौर मप्र से ग्रामीण विकास प्राधिकरण ने 23 लाख 73 हजार में करार किया था, लेकिन बीते एक वर्ष से सड़क खराब होने के बाद ठेकेदार कंपनी ने कभी सड़क को सुधारने का कार्य नहीं किया। वर्तमान में स्थिति यह है कि पूरी सड़क उखड़ चुकी है, पर रख रखाव का ठेका लेने वाली कंपनी न तो सड़क को सुधार रही है और न ही ग्रामीण विकास प्राधिकरण इस ओर गंभीरता दिखा रहा है। 

बाहेती ने बताया कि सड़क निर्माण की अनुबंध शता~ के मुताबिक सड़क का रख-रखाव करने वाली ठेकेदार कंपनी पीनल इंफ्रा इंदौर को 23 अप्रैल 2021 से 24 अप्रैल 2026 तक सड़क का रखरखाव करना है, जिसके लिए 23 लाख 73 हजार रूपए का प्रावधान भी रखा गया, लेकिन गड्ढों में तब्दील हो चुकी ग्राम कानाखेड़ा से रातड़िया तक की सड़क को सुधारने के लिए कई बार ग्रामीण मप्र ग्रामीण सड़क प्राधिकरण के अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सड़क को सुधारा नहीं गया। 

बाहेती ने शिकायत में कलेक्टर से मांग की है कि सड़क के रख-रखाव के लिए लाखों रूपए का अनुबंध करने वाले संबंधित विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और तत्काल सड़क को सुधारने के आदेश जारी करें। 

भ्रष्टाचार की भेंट चढ रही ग्रामीण सड़के-

मामले में कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य ने आरोप लगाया कि जिले में ग्रामीण सड़के भ्रष्टाचार की भेंट चढ रही है। हालात यह है कि गारंटी पिरियड वाली सड़के भी बारिश का मौसम भी नहीं झेल पा रही है। जिले में श्रेय की राजनीति के चक्कर में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नीमच क्षेत्र में विधायक दिलीप सिंह परिहार समेत सत्ता पक्ष से जुड़े जनप्रतिनिधि दावे करते हैं कि उन्होंने विकास की गंगा बहाई, लेकिन वह विकास की गंगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ रही है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण कानाखेड़ा से रातड़िया तक का सड़क मार्ग है, जो 5 वर्ष के गारंटी पिरियड में हैं, लेकिन सड़क के रख-रखाव ठेका लेने वाली कंपनी ने सिर्फ बोर्ड लगाने तक ही अपनी जिम्मेदारी को समझा है, लेकिन सड़क को सुधारने के नाम पर कुछ नहीं किया है। 

चंपी-काली कोटड़ी सड़क निर्माण में मुर्रम की जगह डाली जारी है मिट्टी

कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती उनके वार्ड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चंपी-काली कोटड़ी मार्ग पर किए जा रहे सड़क निर्माण का भी मुद्दा उठाते हुए जिला पंचायत सीईओ गुरूप्रसाद से शिकायत की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि चंपी से काली कोटड़ी के बीच ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ठेकेदार नाथूलाल पाटीदार से सड़क का निर्माण करा रहा है, लेकिन विडंबना यह है कि सड़क का बेस मजबूत करने के लिए सड़क निर्माण में मुर्रम की बजाए मिट्टी डाली जा रही है। 

साथ ही निर्मित सीसी रोड़ की चौड़ाई भी कहीं 8 तो कहीं 10 फीट रखी जा रही है, जो निर्माण अनुबंध की शर्तो व नियमों के विपरित है, जिसकी लगातार ग्रामीणों से शिकायत मिल रही है। मामले में बाहेती ने सीईओ जिला पंचायत से मांग की है कि चंपी से काली कोटड़ी तक किए जा रहे सड़क निर्माण में बरती जा रही लापरवाही बरती जा रही है और नियमों को अनदेखा किया जा रहा है। इस संबंध में संबंधित अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण कराया जाए।