ELCLUSIVE : जीरन नगर परिषद चुनाव, रामकरण सगवारिया अध्यक्ष, तो मुकेश राव बने उपाध्यक्ष, हार-जीत पर BJP का मंथन, फिर आरोपों का दौर, कौन निकला गद्दार, किसे पार्टी ने किया निष्काषित, पढ़े बड़ा खुलासा

जीरन नगर परिषद चुनाव, रामकरण सगवारिया अध्यक्ष, तो मुकेश राव बने उपाध्यक्ष, हार-जीत पर BJP का मंथन, फिर आरोपों का दौर, कौन निकला गद्दार, किसे पार्टी ने किया निष्काषित, पढ़े बड़ा खुलासा

ELCLUSIVE : जीरन नगर परिषद चुनाव, रामकरण सगवारिया अध्यक्ष, तो मुकेश राव बने उपाध्यक्ष, हार-जीत पर BJP का मंथन, फिर आरोपों का दौर, कौन निकला गद्दार, किसे पार्टी ने किया निष्काषित, पढ़े बड़ा खुलासा

रिपोर्ट- राजेश प्रपन्ना 

जीरन। नगर परिषद अध्यक्ष पद की निर्वाचन प्रक्रिया आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जीरन में सम्पन्न हुई। जीरन नगर परिषद में पार्षद पद के 15 वार्डों के लिए निर्वाचन में भाजपा के निर्वाचित 6, कांग्रेस के 5 अधिकृत पार्षद और 4 निर्दलीय प्रत्याशी निर्वाचित हुए थे, लेकिन आज अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन प्रक्रिया में कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी रामकरण सगवारिया अध्यक्ष निर्वाचित हुए। जिनको 8 मत मिले, और भाजपा अधिकृत प्रत्याशी यशोदा मधुसुदन राजोरा को 7 मत मिले। वही देखा जाए तो एक और भाजपा से अधिकृत पार्षद के रूप में वार्ड नं. 6 से जीत हासिल करने वाले मुकेश राव तावरे ने उपाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश की तो मुकेश राव तावरे को 8 मत प्राप्त हुवे, और उपाध्यक्ष पद हासिल किया। 

वही भाजपा से ही अधिकृत विजयी हुए पार्षद विनोद जारेरिया ने उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। जिनको 7 मत प्राप्त हुवे। सोचने वाली बात है कि, उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से अधिकृत प्रत्याशी में से किसी भी प्रत्याशी ने दावेदारी पेश नही की। उसी पर बीजेपी पार्टी के को अपना हार का पूरा गणित समझ में आ गया। और सभी पार्षद और कार्यकर्ता ने लक्ष्मण सिंह भाटी के आवास पर विधायक की उपस्थिति में हार का मंथन किया गया। जिस पर किसने क्या कहा।  

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हार जीत तो होती रहती है। यह हार मेरी हार नही, भाजपा पार्टी की है। जयचंद सब जगह पर मिलते है। भाजपा के कार्यकर्ता ने पार्टी से टिकिट लेकर जीत हासिल की और फिर पार्टी के साथ ही गद्दारी की, जो कि बहुत ही शर्मनाक है। ऐसे जयचंद अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे लोगो की वजह से ही पार्टी की छबि खराब होती है। कंही ना कंही सत्ता और पद की लालसा में उसने पार्टी की मर्यादा को खंडित किया है। उसकी पृष्ठभूमि पहले भी कांग्रेसी रही है, वह केबिन और सत्ता की राजनीति करता है। कार्यकर्ताओं से भी उसका कोई सरोकार नहीं है, और जीरन का कोई भी नेता भी उसके साथ नहीं था, और आज भी नहीं है। इनके कहीं ना कहीं किसी न किसी बात से पार्टी से टिकट लाकर जनता को बरगला देता है, पर जनता अब सच जान चुकी है, ऐसे लोगों का यहां क्या ऊपर भी कोई भविष्य नहीं है।- मधुसूदन राजौरा, दक्षिण मंडल अध्यक्ष, जीरन 

पार्टी अधिकृत 5 पार्षद और निर्दलीय पार्षदों को विश्वास में लेकर अपनी अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश की है, और जीत हासिल की। यदि कोई बोलता है कि, भाजपा पार्षद ने मुझको मत दिया है, तो यह गलत है। यह बात किसी भी हद तक सही नहीं है। में दो बार नगर परिषद अध्यक्ष पद पर रहा हूं... और मेरी स्वच्छ छवि को देखते हुए निर्दलीय पार्षदों ने मेरे ऊपर विश्वास जताया। जिसका नतीजा आपके सामने हैं, इन्होंने  मेरे ऊपर जो विश्वास जताया है, उसको में कायम रखूंगा, और नगर के विकास के लिए निरंतर कार्य करता रहूंगा।- रामकरण सगवारिया, नवनिर्वाचित अध्यक्ष, जीरन

नीमच जिले में लगभग सभी नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर हमारे कर्मठ कार्यकर्ताओ ने भाजपा को विजय श्री दिलाई है, और जीरन परिषद मे हमारे देव तुल्य कार्यकर्ताओं ने दिन रात मेहनत कर पार्षद जिताये। हम निर्दलीय और भारतीय जनता पार्टी के पार्षद कुल में कुल 8 पार्षद हमारे रहे मुकेश राव तावरे जो भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले जीते। उन्होंने पार्टी से गद्दारी की पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा कर हमने उनको निष्कासित भी कर दिया। जिसके कारण भाजपा की जीरन नगर परिषद की सीट हाथ से चली गई है। इस अपराध के लिए उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। और अब पार्टी किसी भी कीमत पर पार्टी उसको पार्टी में शामिल नही करेगी।- दिलीप सिंह परिहार, विधायक नीमच