NEWS: प्लास्टिक ने कट्टे में भरे नोट, चैकिंग के दौरान पुलिस ने पकड़ा, भीलवाड़ा के तीन लोग गिरफ्तार, डीएसटी व सदर थाना की बड़ी कार्रवाई, पड़े खबर
प्लास्टिक ने कट्टे में भरे नोट, चैकिंग के दौरान पुलिस ने पकड़ा, भीलवाड़ा के तीन लोग गिरफ्तार, डीएसटी व सदर थाना की बड़ी कार्रवाई, पड़े खबर
चित्तौड़गढ़। पुलिस की डीएसटी व सदर थाना टीम ने बुधवार रात एक कार में करीब 26 लाख रुपए की संदिग्ध राशि जब्त कर भीलवाड़ा के तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जो प्रारंभिक तौर पर इतनी बड़ी राशि को प्रापर्टी डीलिंग की बता रहे थे, लेकिन इसके कागजात पूरे नहीं बता सके।
एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि, डीएसटी प्रभारी भवानीसिंह राजावत की टीम उदयपुर हाईवे पर बोजूंदा पुलिया के पास नाकाबंदी में संदिग्ध वाहनों की तलाशी ले रही थी। इसी दौरान निम्बाहेड़ा की तरफ से आई कार नंबर आरजे.06.सीसी.7721 को रुकवा कर तलाशी ली। कार के पीछे वाली सीट के नीचे प्लास्टिक के कट्टे में बड़ी मात्रा में रुपये भरे हुए मिले। टीम ने कार चालक सहित सवार तीन लोगों से पूछताछ की तो कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया।
डीएसटी इंचार्ज ने सदर थाना प्रभारी हरेंद्र सिंह सौदा को बताया। एसआई शीतल गुर्जर व एएसआई भूरसिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। रुपयों की गिनती की तो 2 हजार 500 तथा 100 रुपये के नोटों की कुल गिनती 26 लाख 10 हजार रूपये हुई। पुलिस ने नियमानुसार राशि व कार जब्त कर ली। उसमेंं सवार भीलवाड़ा के अब्दुल कलाम आजाद कम्यूनिटी हॉल के पास शास्त्रीनगर निवासी जाहिद हुसैन पुत्र जाकिर हुसैन, सोलंकी टॉकीज शास्त्री नगर के पास निवासी रिजवान उल हक पुत्र एहसान उल हक शेख व सात भाइयों की गली गुलमंडी थाना भीमगंज निवासी सीमर छीपा पुत्र मोहम्मद साबिर को धारा 151 में गिरफ्तार किया। पुलिस बड़ी राशि के परिवहन और उपयोग के बारे में पूछताछ कर रही है।
निम्बाहेड़ा में प्राॅपर्टी बेच कर आना बताया, लेकिन कागजात से संतुष्ट नहीं हुई पुलिस-
पुलिस के अनुसार मामला बड़ी नकदी से जुड़ा होने से सूचना आयकर विभाग को दी जाएगी ताकि वो वित्तीय अनियमितता संबंधी जांच कर सके। पुलिस के पूछने पर जवाब संतोषप्रद नहीं होने से राशि व कार जब्त की गई। बताया गया कि कार रोकने व तलाशी में नोट जब्त करने पर आरोपी पुलिस से बहसबाजी भी करने लगे। इनका कहना था कि वे निम्बाहेड़ा में प्लाट बेचकर आ रहे हैं। राशि उसी की है। प्रापर्टी रजिस्ट्री के कागजात भी बताए लेकिन वे कुछ महीने पुराने थे। वाहन के कागजात भी अधूरे थे। इतना बड़ा नकद लेनदेन कैश में होना व परिवहन अन्य एंगल से भी जांच का विषय है।