NEWS : जीरन में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का समापन, भक्ति के रंग में रंगे सैकड़ों श्रद्धालु, अंतिम दिन हुआ रामलाला का राज्याभिषेक, महाप्रसादी का भी आयोजन, पढ़े खबर
जीरन में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का समापन

जीरन। सामुदायिक भवन में विगत दिनों 27 मई से चल रही श्रीराम कथा का बुधवार को समापन हुआ। अंतिम दिन कथा वाचक लक्ष्मी प्रिया पाण्डे द्वारा नो दिन से भगवान श्रीराम कथा का पाठ किया गया। अंतिम दिन हवन-पूजन और नगर भोज महाप्रसादी के साथ कथा का समापन हुआ। अंतिम दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ ने उपस्थित होकर श्रीराम कथा का लाभ लिया। सामुदायिक भवन परिसर में चल रही कथा में कथा के भवसागर में हजारों श्रद्धालुओं ने श्रीराम सरिता में गोते लगाए। श्री श्याम मित्र मंडल द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा को प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक पाठ किया गया।
श्रीराम कथा ज्ञान गंगा रस धारा प्रवाहित करते हुए कथा वाचक लक्ष्मी प्रिया जी ने कहा कि युद्ध विभिषिका किसी के हित में नहीं रहती है सभी को मिलजुलकर रहना चाहिए। सुंदर काण्ड सुंदर नामक पर्वत पर सबसे पहले प्रारंभ हुई थी इसलिए इस का नाम सुंदरकांड पड़ा है। जो हनुमान जी की तन्मयता से भक्ति करते हैं उसके जीवन में कभी भी संकट नहीं आता है। श्री राम कथा का शुभारंभ मुख्य यजमानों द्वारा व्यासपीठ पर पोथी पूजन कर आरती की गई। जीरन नगर परिषद् के सभी पदाधिकारियों द्वारा कथा वाचक दीदी लक्ष्मी प्रिया पांडे और इस भव्य आयोजन के सूत्रधार श्री श्याम मित्र मंडल के पदाधिकारीयों का स्वागत किया गया।
श्री श्याम मित्र मंडल जीरन, सखी महिला मंडल, प्रेस परिषद जीरन, समर्थ लंका विजय हनुमान मंदिर, किलेश्वर महादेव मंदिर समिति द्वारा मर्मज्ञ साध्वी दीदी को खाटू श्याम की तस्वीर भेंट कर फूल-मालाओं से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर मुकदम द्वारा किया गया। जीरन के सामुदायिक भवन परिसर में विगत नौ दिनों से कथा वाचक पूज्या लक्ष्मी प्रिया पांडे के मुखारविंद से अमृत प्रसाद जिसे पाकर विशाल जनसमूह धन्य हो गया। व्यासपीठ से कथा मर्मज्ञ पूज्या लक्ष्मी प्रिया पांडे ने कथा के अंतिम दिन श्री राम कथा ज्ञान गंगा प्रवचन के दौरान सुरसा राक्षशी और हनुमान जी का प्रसंग तो सुग्रीव, विभिषण, लंकिनी व हनुमान जी का लंका में प्रवेश के प्रसंग और मेघनाथ, कुंभकर्ण, अहिरावण, लंकाधिपति रावण का वध तथा कौशल्या नंदन भगवान श्रीराम का अयोध्या आगमन के बाद भगवान श्रीराम का राजतिलक का संक्षिप्त विवरण सुनाया, साथ ही नौ दिवसीय श्रीराम कथा की पूर्णाहुति हवन-यज्ञ पूजन, आरती के पश्चात् महाप्रसाद के रूप में भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण की।
कथा समापन पश्चात् बाबा खाटू श्याम की अलौकिक भव्य झांकी सजाई गई जो बैण्ड बाजों और ढोल ढमाकों के साथ कथा पंडाल से भव्य शोभायात्रा के साथ नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए पाटीदार समाज धर्मशाला पहुंचे। जहां सर्वधर्म समभाव महाप्रसाद के रूप में सामुहिक भंडारे महाप्रसादी का आयोजन किया गया है। महाप्रसादी के महा आयोजन में जीरन हेल्थ केयर एसोसिएशन की ओर से पीने के लिए शुद्ध रो वॉटर की व्यवस्था की गई थी। कथा के अंतिम दिन पधारे अतिथि क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह परिहार, नगर परिषद अध्यक्ष रामकरण सगवारिया, मंडल अध्यक्ष मदनलाल गुर्जर, नगर परिषद उपाध्यक्ष मुकेश राव ने पहुंचकर कथा श्रवण कर व्यासपीठ पर पहुंचकर पोथी पूजन कर कथा मर्मज्ञ लक्ष्मी प्रिया जी का स्वागत किया।
मुस्लिम और बोहरा समाज ने श्रीराम कथा के समापन समारोह में आयोजित नगर भोज महाप्रसादी में दिया। अपना योगदान कहा श्री राम कथा के महाप्रसादी में नगर भोज में अपने समाज की ओर से अपने सामर्थ्य अनुसार सहयोग देकर इस महा आयोजन के भागीदार बने और जीरन में कोमिएकता की मिसाल कायम की।