OMG ! टीवी पर देखा स्टंट, फिर घर पहुंची बच्ची, अकेले में किया कॉपी, और गंवा बैठी जान...! मौत देखकर सभी रह गए दंग, MP के इस जिले में दिल दहला देने वाला मामला, पढ़े खबर

टीवी पर देखा स्टंट, फिर घर पहुंची बच्ची, अकेले में किया कॉपी, और गंवा बैठी जान...! मौत देखकर सभी रह गए दंग, MP के इस जिले में दिल दहला देने वाला मामला, पढ़े खबर

OMG ! टीवी पर देखा स्टंट, फिर घर पहुंची बच्ची, अकेले में किया कॉपी, और गंवा बैठी जान...! मौत देखकर सभी रह गए दंग, MP के इस जिले में दिल दहला देने वाला मामला, पढ़े खबर

डेस्क। टीवी सीरियल का स्टंट एक मासूम बच्ची की मौत की वजह बन गया। पड़ोस के घर से टीवी सीरियल के स्टंट देखकर घर लौटी 10 वर्षीय बच्ची ने इसे खुद भी करना चाहा और इसी प्रयास में उसकी जान चली गई, घर आने के बाद मासूम ने रस्सी का फंदा बनाया और स्टंट करने लगी। इस दौरान रस्सी मासूम के गले मे फंस गई, देखते ही देखते मासूम की चंद मिनटों तड़पकर मौत हो गई, घटना के वक्त बच्ची घर मे अकेली थी, परिजन बाहर गए हुए थे। 

टीवी सीरियल, मोबाइल गेम या शॉर्ट वीडियोज़ आपके घर मे बच्चों के लिए घातक साबित हो सकते हैं। इसके लिए आपको बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है, क्योंकि यह घटना किसी के भी घर हो सकती है। सतना ज़िले में रामनगर तहसील के कर्रा गांव में कृष्णा कुशवाहा नाम की 10 साल की बच्ची अपने पड़ोसी के घर से टीवी सीरियल में रस्सी का स्टंट देखकर आई। इसके बाद घर पहुंचते ही मासूम बच्ची ने रस्सी को छत में बांधा और सीरियल में देखा हुआ स्टंट करने लगी और खेल खेल में मौत को दावत दे बैठी। 

घटना के समय कृष्णा के माता पिता मज़दूरी करने गए हुए थे। जब मां शाम को घर पहुंची। तब देखा कि उनकी बच्ची फंदे से लटकी थी। यह देख मां ने चीख पुकार मचाई तो आसपास के लोग इकट्ठे हो गए, घटना के बारे में जानकर हर कोई हैरानी में रहा। पूरे गांव में मातम पसर गया। गांव के जनपद सदस्य कालका प्रसाद पटेल ने पुष्टि करते हुए कहा कि कृष्णा पड़ोसी के घर से टीवी सीरियल देखकर घर लौटी थी। 

कैसे करें जागरूक, क्या कहते हैं विशेषज्ञ..?

सतना के मनोचिकित्सक राजीव गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज के समय में बच्चे टीवी सीरियल या अन्य प्लेटफॉर्म में वीडियो देखने के बाद उसकी कॉपी करने के लिए जिज्ञासु हो जाते हैं। परिवार व आसपास के बड़ों को चाहिए कि वे बच्चों को जागरूक करें। इसके बाद भी बच्चे ज़िद करते हैं तो उनकी काउंसिलिंग करवानी चाहिए. मनोचिकित्सक बच्चे के मन, भय और स्थितियों को समझकर उसे बेहतर सोच व व्यवहार की दिशा में ले जा सकते हैं। 

गौरतलब है कि, पहले भी ‘पबजी’ नाम के एक मोबाइल गेम की वजह से कई बच्चों की जान जानें की खबरें आती रही हैं. बच्चे टीवी और मोबाइल पर क्या देख सुन रहे हैं। इस बारे में माता-पिता को जानकारी होनी चाहिए. जब भी बच्चे मोबाइल यूज़ कर रहे हों तो उन पर नज़र रखी जानी चाहिए, जानकार सलाह देते हैं कि बच्चों के मन को टटोलते रहने वाली बातें बड़ों को उनके साथ करते रहना चाहिए।