नीमच ऑनलाइन पेमेंट के बढ़ते चलन के बीच डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ गई है ऐसे में कई लोग चंद रुपयों के चलते मोबाइल एप से लोन ले बैठते है ऐसे ही बीते कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब लोगों ने ऑनलाइन ऐप से लोन लिया और फिर उन्हें पछताना पड़ा यहाँ तक की इन्हे ही नहीं इन लोगो की कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद लोगो को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है वे इन डिजिटल ऐप के माध्यम से लोन देने वाली अवैध कंपनियों ने लोगों को परेशान कर दिया है. ये कंपनियां लोन देकर लोगों को कर्ज में फंसा रही है. पिछले दिनों से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब लोन की वजह से लोगों ने आत्महत्या जैसे कदम उठाने की कोशिश की ऐसे में हाल में एक मामला नीमच जिले से भी निकलकर आया है जहा दीपक कुमार बैरागी नाम के युवक ने पुलिस को शिकायत में बताया की उन्होंने किसी भी प्रकार से किसी भी ऑनलाइन एप से लोन लेने जैसे काम नहीं किया है

बावजूद इसके उनके कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद कुछ लोगो को 3000-7000 और 16000 तक के लोन को जमा करवाने की बात कही है ऐसे में बैंकिंग रिकॉर्ड और मोबाइल एप की जानकारी को देखा गया तो ऐसी कोई एप प्ले स्टोर पर मिली ही नहीं यहाँ तक की बावजूद इसके वह लोग बिना कारण ही कॉन्टेक्ट लिस्ट में जुड़े लोगो से सम्पर्क करने लग गए ऐसे में पुलिस द्वारा जांच जारी यही और दीपक कुमार ने बताया की उनके मित्रो या कॉन्टेक्ट से चैट के दौरान उनका डाटा हैक करने जैसी बात भी हुई चुकी जब वह मना कर देते की दीपक को नहीं जानते तब वह कहते की इमरजेंसी नंबर में उन्हों का नंबर दीपक ने दिया है जबकि ऐसा है ही नहीं दीपक ने बताया की वह नए नंबर से पहले मेसेज कर रहे हे फिर आधार कार्ड जो की बदल चूका है उसे भेज रहे हे और फिर जब वह मना कर दे की नहीं जानते तब वीडियो कॉल या व्हाट्सप्प कर रहे है ऐसे में उनकी निजी जानकारी तक साझा हो रही है ऐसे में दीपक कुमार ने समाचार के माध्यम से भी अपील स्वरुप कही है की उनके किसी भी मित्र-व्यवहारिक मित्र-व्यापारिक साथी के पास कोई भी सन्देश आता है जो की कोई भी नया नंबर हो या वीडियो कॉल आये या मेरे डॉक्यूमेंट भेजे तो जवाब देने के बजाय आप उन्हें ब्लॉक करे या ग्रुप में जोड़ दिए जाने पर ब्लॉक करे एवं अगर आप बात करते है तो उसके बाद तमाम जवाबदारी बात करने वाले की होगी। चुकी ऐसी घटनाओ के बढ़ने के बाद अब सरकार इस समस्या को लेकर कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है.

आरबीआई या सरकार से मंजूरी!: आपको बता दें कि प्ले स्टोर पर कई ऑनलाइन लोन देने वाले ऐप्स हैं. इनमें से ज्यादातर ऐप के पास आरबीआई की मंजूरी तक नहीं है और बिना किसी रजिस्ट्रेशन के ये अपना कारोबार सालों से कर रहे हैं. ये कंपनियां लोन देने के बाद ग्राहकों से अवैध वसूली कर रही है. जिस वजह से कई लोग परेशान हो चुके हैं. ऐसे में इन कंपनियों के उत्पीड़न के कारण देश में आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं.

वित्त मंत्रालय लेगा अब एक्शन: हाल ही में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई है. इसमें फैसला किया गया है कि आरबीआई सभी लीगल ऐप की लिस्ट तैयार करेगी. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEIT) को भी यह काम दिया गया है कि वह लीगल ऐप ही प्ले स्टोर पर रखें. इसके अलावा आरबीआई ऐसे खातों की निगरानी भी करने वाला है, जिनका उपयोग धन शोधन के लिए किया जा सकता है. वित्त मंत्रालय ने कसा शिकंजा: वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें बताया गया है कि आरबीआई पेमेंट ‘एग्रीगेटर्स’ का रजिस्ट्रेशन समय सीमा में पूरा करें, उसके बाद किसी भी अपंजीकृत ऐप्स को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

छोटी रकम का कर्ज, बेहद ऊंचा ब्याज: दरअसल ये मोबाइल एप्लिकेशन इसलिए पॉपुलर हो रहे हैं, क्योंकि इनके जरिए मजदूर, रेहड़ी चलाने वाले जैसे लेवल के लोगों को भी मिनटों में ऑनलाइन कर्ज मिल जाता है. ये लोन ऐप्स इन लोगों को बेहद छोटी रकम का कर्ज देते हैं, लेकिन बदले में 15 से 20 फीसदी तक का बेहद ऊंचा ब्याज वसूलते हैं. इनके कामकाज का तरीका कुछ-कुछ गली-मोहल्ले में ब्याज पर पैसा देने वाले अवैध सूदखोरों जैसा ही होता है, बस ये लोग ऑनलाइन काम करते हैं. वैरीफिकेशन नहीं कराते मोबाइल डाटा हैक करते हैं: ये कस्टमर वैरीफिकेशन के लिए RBI की तरफ से तय नियम फॉलो नहीं करते बल्कि लोन लेने वाले का मोबाइल डाटा ही एक तरीके से हैक कर लेते हैं. लोन लेने वाले को मोबाइल में एप्लिकेशन डाउनलोड कर ऑनलाइन फॉर्म भरना पड़ता है. इससे पहले मोबाइल यूजर को फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट, फोटोज, वीडियोज और अन्य डिजिटल कंटेंट का एक्सेस एप्लिकेशन को देना पड़ता है. इसी के साथ सारा डाटा ऐप्स संचालकों के पास पहुंच जाता है.

कर्ज की रकम से ही काट लेते हैं ब्याज: ऐप्स के जरिए कर्ज देते समय कर्जदार को बहुत सारी जानकारियां नहीं दी जाती हैं. इनमें से एक कर्ज की रकम में से ही पहली किस्त का ब्याज काटना भी शामिल है. इसके बाद ज्यादातर एप्लिकेशन रोजाना या साप्ताहिक आधार पर ब्याज वसूली शुरू करती हैं. फर्जी न्यूड फोटो करते हैं तैयार, फिर करते हैं ब्लैकमेलिंग: कई लोन ऐप्स पर फोन डाटा से फोटो चुराने का भी आरोप है. आरोप है कि इन फोटो की मदद से कर्ज लेने वाले या उसके परिजनों की नकली न्यूड फोटोज तैयार कर लिए गए और ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी. इससे परेशान होकर कई लोगों ने सुसाइड भी कर ली है. चंडीगढ़ साइबर सेल के हत्थे चढ़े गिरोह की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर ही 58 लोगों के सुसाइड करने की पुष्टि हो चुकी है. मध्य प्रदेश के इंदौर में तो पति-पत्नी और दोनों बच्चों के सुसाइड करने का मामला सामने आ चुका है.

अवैध है पूरी तरह से ये गोरखधंधा, 100 से ज्यादा एप्स सक्रिय: सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय की बैठक में RBI की तरफ से इन एप्स का पूरा लेखाजोखा दिया गया. बताया गया कि गूगल ऐप स्टोर पर ऐसी करीब 100 से ज्यादा लोन ऐप्स की पहचान हो चुकी है, जिनका रिजर्व बैंक के सिस्टम से दूर-दूर तक कोई लेनादेना नहीं है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 के पहले दो महीने में ऐप स्टोर की जांच की गई थी. उस जांच में 1,100 से ज्यादा डिजिटल लोन ऐप्स भारत में सक्रिय मिले थे. RBI इनमें से लगभग 600 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटवा चुका है. बाकी बची ऐप्स को हटवाने के लिए गूगल से बात की जा रही है. इसके अलावा RBI ने कानूनी रूप से वैध बैंकों व NBFC की ऐप्स की एक White List भी तैयार करने का निर्णय लिया है, जिसे गूगल के साथ साझा किया जाएगा. गूगल ने भी अगस्त में बताया था कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में प्ले स्टोर पर सक्रिय करीब 2000 लोन ऐप्स चिह्नित किए गए. इन सभी को प्ले स्टोर से हटा दिया गया है.

हवाला के जरिए चीन भेजा जाता है पूरा पैसा: ED और अन्य जांच एजेंसियों के साथ ही कई राज्यों की पुलिस की छानबीन में इन लोन ऐप्स के लिंक चीन से ही जुड़े मिले हैं. इन ज्यादातर ऐप्स के सर्वर चीन में ही मौजूद हैं, जहां फोन का डाटा सेव किया जाता है. कुछ ऐप्स के सर्वर पाकिस्तान के कराची, बांग्लादेश के ढाका, नेपाल के काठमांडू और श्रीलंका के कोलंबो में भी मिले हैं, लेकिन वहां भी इनका फाइनल सर्वर चीन से ही लिंक पाया गया है. अब तक हुई गिरफ्तारियों में भी कई मामलों में चीनी नागरिक अलग-अलग जगह की पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. बेंगलुरु में ED ने चीनी आदमियों के कंट्रोल वाली 6 मुखौटा कंपनियों के परिसरों पर छापे मारकर 17 करोड़ रुपये जब्त किए थे.

हर राज्य में हैं शिकायतें: इन लोन एप्स की तरफ से डराने-धमकाने जैसी शिकायतें देश के लगभग हर राज्य में हैं. मध्य प्रदेश में 900 से ज्यादा, चंडीगढ़ में 150 से ज्यादा, दिल्ली में भी 500 से ज्यादा मामले पुलिस के पास पहुंचे हैं.
लोगों के दस्तावेज चुराकर कर रहे धोखाधड़ी: बेंगलुरु में ED के छापे में सामने आए सबूतों से यह भी जानकारी मिली कि ये लोन ऐप्स लोगों के मोबाइल से उनके पर्सनल दस्तावेज भी चुरा रही हैं. ऐसे दस्तावेजों की मदद से भारतीय नागरिकों को कंपनियों का डायरेक्टर दिखाकर मुखौटा कंपनियां तैयार की जा रही हैं, जिनसे यहां वसूली जाने वाली रकम को कई देशों के नेटवर्क से घुमाकर चीन ट्रांसफर किया जा रहा है.

कई जगह हुई है गिरफ्तारी
1. फरवरी में 2 चीनी नागरिकों और 115 नेपालियों की गिरफ्तारी लोन ऐप्स के धंधे में की गई.
2. 12 सितंबर को चंडीगढ़ पुलिस ने एक चीनी नागरिक समेत 21 लोग 5 राज्यों से गिरफ्तार किए.
3. तमिलनाडु पुलिस ने चेन्नई में 2 चीनी नागरिकों समेत 4 आरोपी लोन ऐप्स संचालन में पकड़े हैं.
4. हैदराबाद पुलिस ने भी लोन ऐप्स से कर्ज देकर धमकी देने वाले चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया.
5. दिल्ली पुलिस ने 21 अगस्त को 22 लोगों को गिरफ्तार किया, जो एक चीनी नागरिक से आदेश लेते थे.
6. 11 सितंबर को गुरुग्राम और नोएडा में भी कॉल सेंटर के जरिए लोन ऐप्स चलाने वाले 4 लोग दबोचे.

आप भी अगर ऐसे परेशानी से जूझ रहे है तो निम्न बातो को अपने परिवार के साथ अवश्य साझा करे एवं कोई भी गलत कदम उठाने से बचे कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद आपके सभी अपने ही है घबराये नहीं और पुलिस को सुचना देवे।
