NEWS: सरकार का वादा अब तक अधूरा, संविदा कर्मियों ने निकाला केंडल मार्च, प्रार्थना सभा भी आयोजित, CM शिवराज से किया अनुरोध, पढ़े ये खबर

सरकार का वादा अब तक अधूरा, संविदा कर्मियों ने निकाला केंडल मार्च, प्रार्थना सभा भी आयोजित, CM शिवराज से किया अनुरोध, पढ़े ये खबर

NEWS: सरकार का वादा अब तक अधूरा, संविदा कर्मियों ने निकाला केंडल मार्च, प्रार्थना सभा भी आयोजित, CM शिवराज से किया अनुरोध, पढ़े ये खबर

मंदसौर। जिले सहित प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने रविवार शाम केण्डल मार्च निकलते हुए प्रार्थना सभा आयोजित की। संविदा कर्मीयों के लिए कैबनेट से पास 5 जून 2018 की नीति जारी कर नियमित कर्मियों को 90 प्रतिशत के बराबर वेतन दिए जाने का प्रावधान होने के बावजूद भी बीते 5 साल में भी इसका लाभ संविदा कर्मियों को नहीं मिला। 

बीते दिनों अनिश्चित कालीन हड़ताल के दौरान 4 मई को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी एनएचएम, संविदा कर्मियों के राज्य प्रतिनिधियों बैठक आयोजित कर 15 मई तक नीति लागू कराने और आदेश जारी करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं किया गया। जिससे संविदा स्वास्थ्यकर्मी सरकार से खासे नाराज है। उनका कहना है कि, 15 जून 2023 तक आदेश जारी नहीं किये जाते है, तो तीन चरणों में और बड़ा और उग्र आंदोलन राजधानी भोपाल में किया जायेगा। 

एनएचएम संविदा कर्मियों ने सोमवार सुबह सीएम के नाम एक मांगपत्र मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपा है। जिसमें नीति का लाभ दिए जाने के आदेश 14 जून 2023 तक़ जारी करने, सीएचओ को एमएलएचपी केडर में नियमित किये जाने, पद समाप्ति अथवा अप्रेज़ल के नाम पर निकाले गए साथियों की एनएचएम में वापसी, आउट सोर्स किये गए कर्मियों की एनएचएम में वापसी, आंदोलन के दौरान बनाये प्रकरणों को वापस लिए जाने की मांग की गई। केण्डल मार्च में सेवा कॉल के दौरान मृत हुए संविदाकर्मियों और बालासोऱ ट्रेन हादसे में मारे गए 288 यात्रियों को भी 2 मिनट का मौन रखकर श्रदांजलि अर्पित की। 

एनएचएम संविदा कर्मियों का कहना है कि, विभाग और सरकार निरंतर खिलवाड़ कर रही है। जिससे उनके सब्र का बांध अब टूट चूका है। इसका जवाब प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी भोपाल में शासन की घोर उपेक्षा और वादाखिलाफ़ी के विरुद्ध उग्र आंदोलन कर जनसामान्य के सामान्य के सामने रखेंगे। 

उनका कहना है कि, कोरोना कॉल में उन्हें सेवा के नाम पर दुलारा गया। अब दुत्कारा जा रहा है। उन्हें नीति के किसी भी बिंदु का लाभ नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश के मुखिया खुद वादा करके मुकर रहे है। अब सरकार से आरपार की लड़ाई छेड़ने की तैयारी 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने कर ली है। 5 जून के बाद चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की जाएगी।