NEWS: योग दिवस पर कृति संस्था की परिचर्चा संपन्न, भानपुरा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य ने दिए आशीर्वचन, पढ़े खबर
योग दिवस पर कृति संस्था की परिचर्चा संपन्न, भानपुरा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य ने दिए आशीर्वचन, पढ़े खबर
नीमच। विश्व योग दिवस के उपलक्ष में आयोजित परिचर्चा में भानपुरा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य ने अपने आशीर्ववचन देते हुए कहा कि, हमारे पूर्वजों ने स्वस्थ रहने के लिए जितने योगासन बनाएं, उनमे से अधिकांश पशुओं की दिनचर्या पर आधारित है।क्योंकि प्रकृति ने ऐसी व्यवस्था की हैं, जंगल में पशु अपना उपचार स्वयं कर स्वस्थ रहते हैं।
योग हमारे पूर्वजों की विश्व को अनुपम देन है। हमें प्रतिदिन शवासन करना चाहिए जिससे अंत समय में हम आसानी से प्राण त्याग सकें। कृति संस्था के अध्यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ ने स्वागत उद्बोधन के साथ महर्षि पतंजलि द्वारा अष्टांग योग एवं समस्त दुखों का कारण क्लेश होता है।
साथ ही गौड़ ने बताया कि योग सृष्टि के आरंभ से आज तक मानव जीवन को स्वस्थ एवं सू संस्कारी बनाने का एक अच्छा दर्शन है। विचार गोष्ठी का प्रारंभ करते हुए डॉक्टर माधुरी चौरसिया ने प्राणायाम और ध्यान के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि प्राणायाम मन को एकाग्र कर हमारी कर्म शक्ति को बढ़ाता है।
गिरीश बंसल ने कहा कि पूज्य माता जी द्वारा प्रवर्तित सहज योग योगासन और ध्यान का सरलतम रूप है। दिलीप चौधरी ने योग के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि योगासन के माध्यम से हम निरोगी और स्वस्थ रह सकते हैं। कई असाध्य रोगों से रोगी योगासन के माध्यम से मुक्त हो गए हैं।
सत्यनारायण चतुर्वेदी का विचार था कि गायत्री शक्तिपीठ में प्रतिदिन योग और स्वाध्याय किया जाता है, यह दोनों ही कार्य व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में लाभदायक है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के सुरेंद्र ने राजयोग की चर्चा करते हुए कहां की योग का अर्थ ही जोड़ने से है। राज योग आत्मा के परमात्मा से मिलन का साधन है।
गोष्ठी के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत संस्था के अध्यक्ष बाबूलाल गौड़, सचिव विनोद शर्मा, भरत जाजू, डी. मित्तल, प्रकाश भट्ट और कार्यक्रम संयोजक सत्येंद्र सक्सेना ने किया। भानपुरा पीठ के शंकराचार्य महाराज का अभिनंदन व पूजन संस्था अध्यक्ष बाबूलाल गौड़ और सचिव विनोद शर्मा ने किया।
इस अवसर पर संस्था के सदस्य ओ.पी सिंहल का जन्मदिन भी मंत्रोच्चार के साथ मनाया। कार्यक्रम में किशोर जेवरिया, रघुनंदन पाराशर, सत्येंद्रसिंह राठौर, निर्मला उपाध्याय, नरेंद्र पोरवाल, डॉ. राजेंद्र जायसवाल, श्याम थोरेचा, राजेश गुप्ता, श्याम सुंदर शर्मा, हरीश उपाध्याय, गुणवंत गोयल, दुर्गाशंकर कोली शैलेंद्र पोरवाल सहित बड़ी संख्या में सुधी श्रोता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सत्येंद्र सक्सेना ने किया और आभार ओमप्रकाश चौधरी ने व्यक्त किया।