BIG NEWS: यदि सुख शांति ना हो, और विवाह में बाधाएं, पैसा भी नहीं टिकता, तो घर ले आएं "द्वार सिद्धि विनायक", वास्तु दोष करेंगे दूर, नीमच के श्री चौपड़ा गणेश मंदिर में होने जा रहा है ये ऐतिहासिक आयोजन, पूजा-अर्चना, प्रतिष्ठा व हवन के बाद होगा प्रतिमा का वितरण, पढ़े खबर

यदि सुख शांति ना हो, और विवाह में बाधाएं

BIG NEWS: यदि सुख शांति ना हो, और विवाह में बाधाएं, पैसा भी नहीं टिकता, तो घर ले आएं "द्वार सिद्धि विनायक", वास्तु दोष करेंगे दूर, नीमच के श्री चौपड़ा गणेश मंदिर में होने जा रहा है ये ऐतिहासिक आयोजन, पूजा-अर्चना, प्रतिष्ठा व हवन के बाद होगा प्रतिमा का वितरण, पढ़े खबर

नीमच। श्री चौपड़ा गणेश मंदिर समिति, दशहरा मैदान के तत्वाधान में वास्तु दोष निवारण के लिए सबसे श्रेष्ठ "द्वार सिद्धि विनायक" गणेश प्रतिमा का अनुष्ठान करवाया जा रहा है। यह ऐतिहासिक अनुष्ठान नीमच की पावन धरा पर पहली बार 5 विद्वान पंडितों के द्वारा किया जाएगा। दस दिवसीय अनुष्ठान श्री चौपड़ा गणेश मंदिर दशहरा मैदान में किया जावेगा। जिसका प्रारंभ भादवा सुदी चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) दिनांक- 19 सितम्बर 2023 से होगा तथा भादवा सुदी चतुर्दशी (अनंत चतुर्दशी) दिनांक 28 सितम्बर 2023 के दिन सम्पन्न होगा।

अनुष्ठान के लिए श्री चौपड़ा गणेश मंदिर समिति द्वारा बाहर से बनवाकर मंगवाई काले पत्थर से बनी दाहिने सूण्ड वाली लगभग 4 इंच की सवा सौ से भी अधिक गणेश प्रतिमाओं को विद्वान ब्राहमणों द्वारा इस दिन तक प्रतिदिन अधिवास, पूजन, अर्चन, अभिषेक, प्रतिष्ठा, हवन आदि के द्वारा अभिमंत्रित व सिद्ध करके दिनांक- 28 सितम्बर को सशुल्क वितरित किया जावेगा। साथ ही समिति के तत्वाधान में 5 विद्वान पंडितों द्वारा गणपति स्वरूप सुपारियां भी सिद्ध की जावेगी। ये सभी अभिमंत्रित एवं सिद्ध सुपारियां सभी भक्तजनो को समिति द्वारा दिनाक 28 सितम्बर 2023 को निःशुल्क वितरित की जाएगी।

काले पत्थर से सिद्धि विनायक प्रतिमा का निर्माण, यह महत्व- 

"द्वारा सिद्धि विनायक" गणेश प्रतिमा को अभिमंत्रित और सिद्ध करने के पश्चात दुकान, ऑफिस, फैक्ट्री, गोदाम आदि के मुख्य द्वार के ऊपर (कुल 2 प्रतिमा) एक अंदर और एक बाहर की तरफ विराजमान करते है, तो "प्रवेशे निर्गमे तथा" के अनुसार प्रतिमा के नीचे से आने जाने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं, और उस स्थान के पूरे परिसर के समस्त प्रकार के दोषों का निवारण हो जाता है, चाहे उस स्थान के निर्माण में कोई भी वास्तु दोष हो तो भी वह दूर हो जाता है। 

यदि घर में सुख शांति ना हो। क्लेश होते हो। विवाह में बाधाएं आती हो। बीमारी लगी रहती हो। पैसा नहीं टिकता हो। व्यापार व्यवसाय में बाधाएं आती हो। आदि सभी समस्याओं का समाधान इस मूर्ति के द्वारा हो जाता है। भारत के पुराने मंदिरों में, महलो आदि में इस प्रकार की प्रतिमाएं आज भी विराजमान है।